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  • Rishabh Pant Captaincy Analysis; IPL 2021 Update | Delhi Capitals Captain Win 9 Titles And Beat Top 3 Captains

पंत IPL 2021 के सबसे सफल कप्तान:बतौर कप्तान पहले ही सीजन में 9 खिताब जीत चुके टॉप-3 कप्तानों को हराया; शॉ और आवेश जैसे यंगस्टर्स पर भरोसा जताना फायदेमंद रहा

नई दिल्ली3 वर्ष पहले
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IPL 2021 सीजन में ऋषभ पंत पहली बार बतौर कप्तान मैदान पर उतरे। उनकी कामयाबी का पता इसी से चलता है कि IPL पोस्टपोन होने तक दिल्ली ने 8 मैच में से 6 मैच में जीत हासिल की। बतौर कप्तान अपने पहले ही IPL में उन्होंने 9 खिताब जीत चुके लीग के टॉप-3 कप्तानों को हराया। इसमें चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा और सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर शामिल हैं।

पंत ने टीम में पृथ्वी शॉ और आवेश खान जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया और स्टीव स्मिथ, अजिंक्य रहाणे, उमेश यादव और एनरिक नॉर्खिया जैसे सीनियर खिलाड़ियों को बेंच पर बिठाया। इसका उन्हें फायदा मिला।

पंत के अभियान की शुरुआत गुरु धोनी की टीम CSK के खिलाफ हुई। इस मैच में दिल्ली के पास कगिसो रबाडा और नॉर्खिया जैसे गेंदबाज नहीं थे। वहीं, आवेश ने 4 ओवर में सिर्फ 23 रन दिए और 2 विकेट लेकर चेन्नई के बल्लेबाजों को खूब तंग किया। इसके बाद पृथ्वी और शिखर धवन ने 138 रन की पार्टनरशिप की और मैच जिता दिया। इन दोनों ने 8 में से 5 मैचों में 50+ रन की पार्टनरशिप की। इसमें 2 शतकीय साझेदारी भी शामिल है।

हम आपको बता रहे हैं कि पंत क्यों इस सीजन में अब तक सबसे सफल कप्तान बनकर उभरे...

1. अग्रेसिव डिसीजन लिए, सीनियर खिलाड़ियों को बेंच पर बैठाया
इस सीजन में दिल्ली टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप-3 बल्लेबाजों में धवन और पृथ्वी के बाद खुद पंत का नाम आता है। बल्लेबाजी में पंत ने शॉ और धवन को लगातार मौका दिया और ये दोनों टीम को मैच जिताते चले गए। अजिंक्य रहाणे के पहले कुछ मैच में फेल रहने के बाद पंत ने स्टीव स्मिथ को मौका दिया। हेटमायर ने सीजन के पहले 5 मैच में टीम के लिए कुछ खास योगदान नहीं दिया। इसके बावजूद पंत ने उन्हें छठे मैच में खिलाया। इसका फायदा टीम को मिला और हेटमायर ने 25 बॉल पर 53 रन की पारी खेली। हालांकि DC यह मैच 1 रन से हार गई।

बॉलिंग में भी पंत की ये खासियत देखने को मिली। उन्होंने शुरुआती कुछ मैच में अमित मिश्रा को बेंच पर बैठाया। उनकी जगह ऑलराउंडर ललित यादव को मैदान पर उतारा गया। ललित ने अच्छी परफॉर्मेंस से खुद को साबित किया। उन्होंने दिल्ली के लिए 5 मैच खेले और सबसे इकोनॉमिकल बॉलर रहे। वहीं, पिछले सीजन में दिल्ली के सेकंड हाईएस्ट विकेट टेकर रहे नॉर्खिया को आराम देकर आवेश से ही बॉलिंग कराई। आवेश पंत के भरोसे पर खरे उतरे और उन्होंने महत्वपूर्ण ब्रेक-थ्रू दिलवाए।

​​​​​​2. पंत ने पॉजिटिव माइंडसेट और अप्रोच से बैटिंग की
जिन मैच में दिल्ली का टॉप ऑर्डर फेल रहा, उसमें पंत ने पॉजिटिव माइंडसेट और अप्रोच के साथ बैटिंग कर टीम को मैच जिताया। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ DC ने 16 रन पर अपने दोनों ओपनर को गंवा दिया था। इसके बाद पंत ने 32 बॉल पर 51 रन की पारी खेली। वहीं, बेंगलुरु के खिलाफ 47 रन पर दिल्ली ने धवन, स्मिथ और शॉ को गंवा दिया था। इसके बाद पंत ने 48 बॉल पर 58 रन की पारी खेली। लीग में उन्होंने अब तक 40% रन अनऑर्थोडॉक्स शॉट्स से बनाए।

3. धोनी की तरह एक्सपेरिमेंट करने में विश्वास किया
पंत भी अपने गुरु धोनी की तरह एक्सपेरिमेंट करने में विश्वास रखते हैं। इसका उदाहरण उन्होंने मुंबई और हैदराबाद के खिलाफ हुए मैच में दिया। मुंबई के खिलाफ DC ने शानदार बॉलिंग की और 137 रन पर उसे रोक दिया। ललित ने 4 ओवर में 17 रन देकर 1 विकेट लिए। इसके साथ ही उन्होंने 22 रन की नाबाद पारी खेल दिल्ली को जीत दिलाई। इसके बाद हैदराबाद के खिलाफ अगले मैच में उन्होंने ललित को आराम देकर अक्षर पटेल को मौका दिया। अक्षर टीम के लिए एक्स-फैक्टर साबित हुए। मैच के दौरान उन्होंने 2 विकेट लिए। इसके साथ ही सुपर ओवर में गेंदबाजी की और मैच जिताया।

वहीं, वानखेड़े में दिल्ली के खिलाफ राजस्थान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 12 रन चाहिए थे। पंत के पास उस वक्त 2 ऑप्शन मौजूद थे। 3 ओवर में 14 रन देने वाले रविचंद्रन अश्विन और 3 ओवर में 21 रन देने वाले टॉम करन। पंत ने करन को चुना। हालांकि उनका यह निर्णय गलत साबित हुआ और RR के क्रिस मॉरिस ने 4 बॉल पर 12 रन बनाकर मैच जीत लिया। पर उनका यह निर्णय आउट ऑफ द बॉक्स रहा। पिच स्लो थी और ऐसे में करन का पेस वेरिएशन मददगार हो सकता था।

4. विकेट के पीछे से पंत ने रणनीति बनाई और उस पर अमल किया
कई इंटरनेशनल मैच में हमने धोनी को विकेट के पीछे से गेंदबाजों को नसीहत देते देखा है। कप्तान बनने के बाद पंत भी कुछ इसी अंदाज में नजर आए और उनकी प्रेडिक्शन सही भी हुई। KKR के खिलाफ सीजन के 25वें मैच में अक्षर को नसीहत देते पंत की आवाज स्टंप माइक में कैद हो गई। उस वक्त दिनेश कार्तिक और आंद्रे रसेल बल्लेबाजी कर रहे थे। विकेटकीपर पंत ने अक्षर से कहा, ‘गेंद को बल्लेबाज से दूर रख और मारने दे। यह तो पहले से ही स्वीप मारने के लिए तैयार बैठे हैं। बॉल को थोड़ा दूर से मारने दे।’ इस रणनीति के बाद अक्षर ने दिनेश कार्तिक का विकेट लिया। कार्तिक स्वीप मारने के चक्कर में ही LBW आउट हुए।

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