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दूरसंचार विभाग का फैसला: 5जी तकनीक और स्पेक्ट्रम ट्रायल शुरू करने की दी अनुमति

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: गौरव पाण्डेय Updated Tue, 04 May 2021 06:59 PM IST
सार

दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को 5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों के आवेदनों को मंजूरी दे दी। विभाग ने रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल के आवेदनों को इसके लिये मंजूरी दी है। इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का उपयोग नहीं कर रही है।

Telecom Department gives go ahead for 5G Technology and Spectrum Trials
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : पिक्साबे
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विस्तार
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दूरसंचार विभाग ने 5जी टेक्नोलॉजी और स्पेक्ट्रम ट्रायल की अनुमति दे दी है। संचार मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाता भारत के विभिन्न स्थानों पर 5जी ट्रायल शुरू करेंगेमंत्रालय ने बताया कि दूरसंचार कंपनियां ये ट्रायल ग्रामीण, अर्ध शहरी और शहरी इलाकों में शुरू करेंगी।



5जी तकनीक और स्पेक्ट्रम का ट्रायल शुरू करने वाली कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आईडिया और एमटीएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों ने मूल उपकरण निर्माताओं और तकनीक मुहैया कराने वाली कंपनियों (नोकिया, एरिक्सन, सैमसंग और सी डॉट) से हाथ मिलाया है।

 
उल्लेखनीय है कि रिलायंस जियो 5जी ट्रायल में अपनी खुद की विकसित की गई तकनीक का इस्तेमाल भी करेगी। बता दें कि वर्तमान में ट्रायल की अवधि छह महीने की है। इस 5जी ट्रायल के लिए उपकरण खरीदने और उन्हें लगाने के लिए दो महीने का समय भी इसी अवधि में शामिल रहता है। 
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इससे पहले भारती एयरटेल और वोडाफोन ने चीन की हुआवेई कंपनी की तकनीक का उपयोग कर परीक्षण करने का प्रस्ताव पेश किया था। बाद में उन्होंने हालांकि अपने आवेदन में कहा कि 5जी परिक्षण में वह चीन की किसी कंपनी की तकनीक की उपयोग नहीं करेगी।

विभाग ने कहा, ‘इन दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट जैसे मूल उपकरण विनिर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ करार किया है। जबकि रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5जी तकनीक का उपयोग करके यह परीक्षण करेगी।’
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दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार चीनी कंपनियों को देश में होने वाले 5जी परिक्षण में भाग लेने से रोक सकती है।

बयान में बताया कि टेलीकॉम कंपनियों को विभिन्न बैंड में प्रयोगात्मक स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। इसमें मिड-बैंड 3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज, मिलीमीटर वेव बैंड 24.25 गीगाहर्ट्ज से 28.5 गीगाहर्ट्ज और उप-गीगाहर्ट्ज बैंड 700 गीगाहर्ट्ज तक शामिल हैं।

विभाग ने कहा, ‘दूरसंचार ऑपरेटरों को 5जी परीक्षणों के संचालन के लिए अपने मौजूदा 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की भी अनुमति दी जाएगी। वर्तमान में परीक्षणों की अवधि छह महीने की है। इसमें उपकरण की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की समयावधि शामिल है।’

इसके अलावा अनुमति पत्र में यह स्पष्ट कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों को 5जी परिक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ताकि 5जी तकनीक का लाभ केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देशभर में उठाया जा सके।

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