भारत के बाहर भी कोविशील्ड बनाने की योजना बना रही है सीरम, पूनावाला ने कही यह बात
सीरम इंस्टीट्यूट भारत के बाहर भी वैक्सीन उत्पादन की योजना पर काम कर रही है। इस संबंध में अगले कुछ दिनों में वह बड़ा एलान कर सकती है। सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि वैक्सीन की मांग ज्यादा है।
नई दिल्ली, रायटर। देश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान की सफलता में वैक्सीन की कमी सबसे बड़ी बाधा है। दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम भी मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं कर पा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी देश के बाहर भी वैक्सीन बनाने की योजना बना रही है। पूनावाला इस समय लंदन में हैं। भारतीय नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के आठ दिन पहले ही वह ब्रिटेन पहुंचे थे।
सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि वैक्सीन की मांग ज्यादा है। हम उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए हम भारत के बाहर भी वैक्सीन उत्पादन की योजना पर काम कर रहे हैं। इस संबंध में हम अगले कुछ दिनों में घोषणा कर सकते हैं। यह बात उन्होंने टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कही। साक्षात्कार शुक्रवार को प्रकाशित हुआ है।
बता दें कि पिछले सप्ताह ही पूनावाला ने कहा था कि उनकी कंपनी हर माह कोविशील्ड के 10 करोड़ डोज बनाएगी। कंपनी ने पहले मई के अंत में उत्पादन क्षमता बढ़ाने की बात कही थी। वैक्सीन की कमी के कारण देश के कई राज्य महामारी से निपटने में अपने को असहाय पा रहे हैं।
सरकार ने एक मई से देश में 18 साल से ऊपर के लोगों का टीकाकरण करने की घोषणा की है, लेकिन कई राज्यों के पास वैक्सीन खत्म हो गई है। वैक्सीन की कमी को देखते हुए ही सरकार ने फिलहाल कोविशील्ड के निर्यात पर रोक लगा रखी है। पूनावाला ने आशा जताई कि सीरम इंस्टीट्यूट की सालाना उत्पादन क्षमता छह माह के भीतर ढाई अरब से तीन अरब तक पहुंच जाएगी।
इस बीच, चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर तीन से पांच मई के बीच पीक पर पहुंच सकती है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात से नाराज हैं कि जब देश में रोजाना 10 हजार नए मामले आ रहे थे तो भारत ने महामारी को लेकर नरमी बरतनी शुरू कर दी। देश में पाबंदियां हटा दी गईं और बड़े आयोजनों तथा राजनीतिक रैलियों की अनुमति दी गई। इससे महामारी बेकाबू हो गई और इससे निपटने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं।