केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर राजस्थान, उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में पांच गुना ज्यादा चरम पर है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 4.5 गुना और दिल्ली में करीब 3.3 गुना ज्यादा है। साथ सरकार ने यह भी कहा है कि कर्नाटक, केरल, बंगाल, तमिलनाडु, गोवा, ओडिशा में न केवल कोरोना चरम पर है बल्कि वहां कोविड-19 के मामलों में भी बढ़ोतरी का ग्राफ भी ऊपर की तरफ है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि संक्रमण की दर में बढ़ोतरी होने की वजह से स्वास्थ्य ढांचे पर काफी दवाब पड़ा है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने लोगों को कड़ाई से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया। केंद्र सरकार ने कहा कि हम इस तरह की प्रतिक्रियाएं देखते हैं कि ‘कोराना एक घोटाला है, मुझे मास्क की जरूरत नहीं है, इसके आगे भी जिंदगी है’। इसलिए नियमों का पालन कीजिए क्योंकि हम थक सकते हैं लेकिन वायरस नहीं थकता है।

बढ़ते कोरोना के मामलों की वजह से अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं मुहैया नहीं हो पा रही है। लोगों को ऑक्सीजन, बेड, वेंटीलेटर की किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को कोरोना के बढ़ते संक्रमण और वेंटीलेटर पर जा चुकी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से नाराज लोगों का गुस्सा अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और नेताओं पर भी  फूटा। लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि MP और MLA लापता हो गए हैं। शुक्रवार को दिन भर MP MLA Missing ट्रेंड करता रहा।

रोहित नाम के एक ट्विटर यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि नेता सिर्फ वोट लेने के लिए ही लोगों के सामने आते हैं और पैर तक पकड़ लेते हैं। लेकिन जब आज लोगों को उनकी जरूरत है तो सभी विधायक और सांसद अपने आवास में छुपे हुए हैं। वहीं हिदायतुल्ला नाम के शख्स ने ट्वीट करते हुए लिखा कि क्या विधायकों और सांसदों को इस महामारी के समय भी लोगों के साथ खड़े नहीं होना चाहिए। लेकिन विधायक और सांसद अपने अपने घरों में बैठकर आराम फरमा रहे हैं , क्या इन लोगों को आराम फरमाने के लिए ही वोट दिया गया था।

हालांकि शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्रों में लोगों के संपर्क में रहें, उनकी मदद करें और उनसे स्थिति के बारे में जानकारी लेते रहें। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने “स्थानीय स्तर पर मुद्दों की त्वरित पहचान और समाधान सुनिश्चित करने की जरूरत” पर भी बल दिया। इसके अलावा बैठक में मंत्रिपरिषद् को अस्पतालों में बिस्तरों, ऑक्सीजन सुविधाओं की संख्या बढ़ाने और ऑक्सीजन व अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। (भाषा इनपुट्स के साथ)