शूटर दादी भी नहीं रहीं:चंद्रो तोमर का कोरोना से निधन, दादी की लाइफ पर बनी 'सांड की आंख' की एक्ट्रेसेस तापसी और भूमि ने दी श्रद्धांजलि

3 वर्ष पहले
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शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर का कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। पिछले दिनों वे सांस लेने में परेशानी के चलते मेरठ के अस्पताल में भर्ती हुईं थीं। 89 साल की चंद्रो के संक्रमित होने की खबर उनके सोशल मीडिया हैंडल पर परिवार ने 3 दिन पहले ही पोस्ट की थी। उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली दादी के निधन पर सांड की आंख की एक्ट्रेस तापसी पन्नू और भूमि पेडणेकर ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी।

सांड की आंख में दिखा था दादी का संघर्ष
फिल्म में भूमि पेडणेकर ने चंद्रो तोमर का रोल निभाया था। यूपी के बागपत जिले के जोहड़ी गांव की रहने वाली चंद्रो तोमर के 6 बच्चे और 15 नाती-पोते हैं। इन्हीं में से एक पोती शैफाली को वे डॉ. राजपाल की शूटिंग एकडेमी में लेकर गईं। जहां तीन दिन तक उनकी पोती गन से निशाना लगाने की जद्दोजहद करती रही। यह देख चंद्रो ने उसके हाथ से गन लेकर लोड की और निशाना लगा दिया।

सटीक निशाना लगा देखकर एकडेमी ट्रेनर ने उनसे कहा वह भी शूटिंग शुरू कर दें। चंद्रो, दुनिया की सबसे बुजुर्ग शूटर थीं। फिल्म में ​​​चंद्रो की ननद प्रकाशी का रोल तापसी पन्नू ने निभाया था। प्रकाशी चंद्रो को देखकर शूटिंग करने लगीं थीं।

भूमि ने फोटो और वीडिया शेयर कर दी श्रद्धांजलि
भूमि ने लिखा- शूटर दादी चंद्रो के निधन से बहुत दुखी हूं। सच में ऐसा लगता है जैसे मेरा एक हिस्सा चला गया है। परिवार का एक हिस्सा चला गया है। मैं बेहद खुशकिस्मत महसूस करती हूं कि मुझे पर्दे पर उन्हें जीने का मौका मिला। जिसने मुझे जीवन और महिला होने के बारे में बहुत कुछ सिखाया।

65 की उम्र शुरू की थी निशानेबाजी
65 साल की उम्र में शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू करने के बाद चंद्रो ने पीछे मुड़कर नहीं देखा था। उन्होंने 25 नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और सारे टूर्नामेंट जीते। शुरुआती दिनों में चंद्रो प्रैक्टिस करने के लिए रात का समय चुनती थीं। दिनभर के कामों के बाद रात में जब सब सो जाते तब वह पानी से भरा जग लेकन घंटों गन होल्डिंग की प्रैक्टिस किया करती थीं।

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