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आज का शब्द: नव्य और सुमित्रानंदन पंत की कविता: विगत सभ्यता का गुण 

वर्तमान हालात पर डाॅ. ओम निश्चल की कविता: कैसी सुबह बीमार !  
                
                                                         
                            नव्य का अर्थ होता है- नया या नवीन। अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है नव्य। प्रस्तुत है सुमित्रानंदन पंत की कविता: विगत सभ्यता का गुण...
                                                                 
                            

आज से युगों का सगुण
विगत सभ्यता का गुण,
जन जन में, मन मन में
हो रहा नव विकसित,
नव्य चेतना सर्जित !

आ रहा भव नूतन
जानता जग का मन
स्वर्ण हास्य मय नूतन
भावी मानव जीवन,
आनता अंतर्मन ! आगे पढ़ें

3 वर्ष पहले

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