बचपन में पतंग लूटने के चक्कर में एक बार विराट कोहली की जान पर बन आई थी। तब यदि एक इंसान मसीहा बनकर उनके कदम नहीं रोक लेता तो उनकी जान भी जा सकती थी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री से बातचीत के दौरान आपबीती सुनाई थी।

सुनील छेत्री ने विराट कोहली से ऑनलाइन बातचीत के दौरान पूछा था, ‘जब हम बड़े हो रहे थे, तब हमने बहुत सारी बेवकूफियां की होंगी। आपको ऐसा कोई दिन याद आता है, जब आपको लगा हो कि यार मैं क्या कर रहा था? मतलब इतनी बड़ी बेवकूफी क्यों कर रहा था? ऐसा कुछ भी हुआ हो जो कुछ खतरनाक हो सकता था? कुछ बहुत ज्यादा बेवकूफाना रहा हो। आप भगवान का धन्यवाद देते हों कि आज मैं सुरक्षित हूं, लेकिन लगता हो कि यह मैं क्या करने की कोशश कर रहा था?’

विराट कोहली ने कहा, ‘मुझे याद है एक घटना, जहां पर मैंने बहुत बड़ी गलती की थी। वह 13 अगस्त की तारीख थी। वह समय (15 अगस्त के आसपास) फेस्टिवल का होता है। दिल्ली में पतंगबाजी का बहुत जोर होता है। मुझे भी पंतग उड़ाने का बहुत शौक था। तब मैं सुबह से ही कन्ने बांधकर पतंग उड़ाने की तैयारी करने लगता था। चरखी या लटाई में सद्दी के ऊपर मांझा लपेट लेता था। मैं जिन लड़कों के साथ पतंग उड़ाता था, वे मुझे पतंग लूटने की जिम्मेदारी देते थे। वे मुझे बड़ा सा डंडा पकड़ा देते थे।’

कोहली ने बताया, ‘हमारी सोसाइटी में छतें जुड़ी हुईं थीं। मतलब दो छतें आपस में जुड़ी होती थीं, फिर बीच में सीढ़ियां होती थीं। उसके बाद फिर दो छतें आपस में जुड़ी थीं। उसके बाद सीढ़ियां थीं, लेकिन उसके बाद वाली छत जुड़ी नहीं थी।’ सुनील छेत्री ने बेची में टोकते हुए कहा, ‘मतलब खाली जगह थी।’ कोहली ने कहा, ‘हां। आप 3-4 छतें तक दौड़ सकते थे, लेकिन उसके बाद नहीं।’

कोहली ने बताया, ‘मेरी जब पतंग लूटने की बारी आई तो मैं छत पर भागने लगा। मैं आसमान की ओर ताक रहा था। मेरे पीछे मेरा दोस्त था। उसने भांप लिया कि मेरे आगे टैरेस (छत) नहीं है। हालांकि, मैं पतंग लूटने के लिए उन सीढ़ियों वाली छत पर भी चढ़ गया था, लेकिन तभी मेरे दोस्त ने मुझे पकड़ कर खींच लिया। यदि वह मुझे नहीं खींचता तो छत से सीधा जमीन पर आता। आगे था नहीं कुछ।’

सुनील छेत्री ने पूछा, ‘उस भाई का नाम बताइए।’ विराट कोहली ने कहा, ‘पीयूष नाम है उसका। मेरा एक ही सबसे अच्छा दोस्त था।’ इसके बाद सुनील छेत्री ने कहा, ‘धन्यवाद पीयूष। आपने बहुत कुछ बचा लिया, इस देश का, वरना गया था।’ कोहली कहते हैं कि आज हंसी आ रही है, लेकिन तब लगा था कि हे भगवान मेरा क्यो होता?’