क्या एक बार कोरोना होने के बाद नहीं रहता कोई ख़तरा?
दुनियाभर में अब तक लगभग 13 करोड़ 25 लाख से भी ज़्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन वैज्ञानिक अब भी वायरस से जुड़े कई सवालों के जवाब तलाश रहे हैं.
सबसे बड़ा सवाल कि क्या एक बार कोरोना से संक्रमित होने के बाद ख़तरा टल जाता है या हम दोबारा इसकी चपेट में आ सकते हैं?
पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी के कैंपेन पर बैन से गरमाई राजनीति
Sanjay Das/BBCCopyright: Sanjay Das/BBC
प्रभाकर मणि तिवारी
कोलकाता से,
बीबीसी हिंदी के लिए
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की पाबंदी के मुद्दे पर राज्य की राजनीति गरमा
गई है.
खुद ममता और उनकी
पार्टी टीएमसी ने आयोग के इस फ़ैसले को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है. ममता
इसके ख़िलाफ़ मंगलवार दोपहर 12 बजे से कोलकाता में
गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठेंगी.
दूसरी ओर,
सीपीएम और कांग्रेस ने इस फ़ैसले का समर्थन तो
किया है लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया है कि आख़िर आयोग बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़
कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?
Sanjay Das/BBCCopyright: Sanjay Das/BBC
टीएमसी ने शीतलकुची
की घटना पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की टिप्पणी के लिए आयोग से उनके प्रचार
पर भी पाबंदी लगाने की मांग की है.
घोष ने कहा था कि
अगर हालात नहीं सुधरे तो जगह-जगह शीतलकुची जैसी घटना हो सकती है.
हाल ही में टीएमसी
में शामिल होने वाले यशवंत सिंह ने कहा, “चुनाव आयोग की निष्पक्षता के प्रति तो हमारे मन में शुरू से ही संदेह था. अब यह
दिन के उजाले की तरह साफ़ हो गया है.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावआयोग मोदी-शाह के
निर्देश पर काम कर रहा है.
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल
घोष कहते हैं, “आयोग के इस फ़ैसले से उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
लोग बैलट के जरिए इसका माकूल जवाब देंगे.”
प्रदेश बीजेपी
महासचिव सायंतन बसु कहते हैं, “चुनावों के समय आयोग ही सबसे ऊपर होता है.
लेकिन ममता यह बात नहीं समझती. आयोग के पास संवैधानिक अधिकार हैं.”
दूसरी ओर, लेफ़्ट और कांग्रेस ने आयोग के फैसले को
सही बताया है लेकिन साथ ही कहा है कि आयोग को बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी ऐसी ही
पाबंदी लगानी चाहिए थी.
सीपीएम नेता सुजन
चक्रवर्ती कहते हैं, “ममता को दी गई शो कॉज नोटिस के संदर्भ में
ही शायद आयोग ने यह पाबंदी लगाई है. लेकिन क्या प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष
या सायंतन बसु और राहुल सिन्हा जैसे नेताओं के ख़िलाफ़ भी ऐसी कार्रवाई की जा सकती
है?’’
वो कहते हैंकि अगर ऐसी कार्रवाई
नहीं हुई तो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल जरूर खड़े होंगे.”
कांग्रेस के
वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान कहते हैं, “चुनाव आयोग को अगर अपनी
निष्पक्षता साबित करनी है तो उसे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करनी चाहिए.”
उत्तर प्रदेश: बाबरी केस का फ़ैसला लिखने वाले रिटायर्ड जज सुरेंद्र यादव बने उपलोकायुक्त
उत्तर प्रदेश सरकार ने रिटायर्ड जज सुरेंद्र कुमार यादव को राज्य का तृतीय उपलोकायुक्त नियुक्त किया है.
सोमवार को उन्हें पद की शपथ दिलाई गई.
रिटायर्ड जिला जज सुरेंद्र कु्मार यादव ने लखनऊ स्थित विशेष न्यायालय (अयोध्या प्रकरण) के पीठासीन अधिकारी की हैसियत से बाबरी विध्वंस मामले में आडवाणी समेत 32 अभियुक्तों को बरी किया था.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के पखानपुर गांव के रामकृष्ण यादव के घर पैदा हुए सुरेंद्र कुमार यादव 31 बरस की उम्र में राज्य न्यायिक सेवा के लिए चयनित हुए थे.
फ़ैज़ाबाद में एडिशनल मुंसिफ़ के पद की पहली पोस्टिंग से शुरू हुआ उनका न्यायिक जीवन ग़ाज़ीपुर, हरदोई, सुल्तानपुर, इटावा, गोरखपुर के रास्ते होते हुए राजधानी लखनऊ के ज़िला जज के ओहदे तक पहुँचा.
भारत का उलटफेर, हॉकी में ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना पर शानदार जीत
@THEHOCKEYINDIACopyright: @THEHOCKEYINDIA
भारतीय हॉकी टीम ने एफ़आईएच प्रो लीग में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए 2016 के रियो ओलंपिक की चैंपियन अर्जेंटीना को दूसरे मैच में 3-0 से फ़तह करके अपने को अंक तालिका में चौथे स्थान पर पहुँचा दिया है.
इस स्थान पर अब तक ऑस्ट्रेलिया आठ मैचों में 14 अंक बनाकर था. भारत ने अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ पहला मैच पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से जीता था, जिससे उसे दो अंक मिले थे और दूसरा मैच जीतने से तीन अंक मिले. इस तरह उसके आठ मैचों में 15 अंक हो गए हैं.
भारत ने अब तक खेले आठ मैचों में सिर्फ़ दो मैच ऑस्ट्रेलिया और विश्व चैंपियन और इस लीग में 13 मैचों में 32 अंक बनाकर शिखर पर चल रही बेल्जियम से हारे हैं. पर ख़ास बात यह है कि उसने दोनों के ख़िलाफ़ एक-एक मैच जीते भी हैं. भारत इस प्रो लीग के माध्यम से इस साल जुलाई-अगस्त में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहा है.
इस लीग में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक और अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ दो मैच जीतना तैयारी के हिसाब से बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह दोनों ही टीमें ओलंपिक में भारत के ग्रुप ए में हैं. इस ग्रुप की बाक़ी तीन टीमें न्यूज़ीलैंड, स्पेन और मेज़बान जापान हैं. इन तीनों टीमों को भारत समय-समय पर हराता करता रहा है.
ममता बनर्जी पर 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से लगाई गई रोक के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि इलेक्शन कमीशन का मतलब 'एक्सट्रीमली कॉम्प्रोमाइज़्ड' यानी हो गया है.
उन्होंने कहा कि ये हमारे लोकतंत्र का एक काला दिन है.
उधर, ममता बनर्जी ने कहा है कि निर्वाचन आयोग के असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक फ़ैसले के विरोध में वो कोलकाता की गांधी मूर्ति के पास मंगलवार दोपहर 12 बजे धरने पर बैठेंगी.
निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी पर 24 घंटों के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है. आयोग के फैसले के अनुसार उन पर ये प्रतिबंध सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार रात आठ बजे तक लागू रहेगा.
Sanjeev Verma/Hindustan Times via Getty ImagesCopyright: Sanjeev Verma/Hindustan Times via Getty Images
सुशील चंद्रा को भारत का नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है.
भारत सरकार के क़ानून मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सुशील चंद्रा मंगलवार, 13 अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे.
मौजूदा मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा का कार्यकाल सोमवार को ख़त्म हो रहा है.
लोकसभा चुनावों से पहले 14 फरवरी, 2019 को सुशील चंद्रा को निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था.
उनका कार्यकाल 14 मई, 2022 को समाप्त होगा.
उनके नेतृत्व में निर्वाचन आयोग को गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव संचालित कराना है.
गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त हो रहा है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 14 मई को ख़त्म होगा.
रूस और यूक्रेन के बीच विवाद क्यों हो रहा है?
रूस के एक उच्च अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन पूर्वी हिस्से में अलगाववादियों पर चौतरफ़ा हमला करता है, तो वह इस हिस्से में रह रहे 'रूसी भाषी लोगों की मदद करने के लिए हस्तक्षेप' कर सकता है.
पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी विद्रोही और यूक्रेन की सेना के बीच झड़प लंबे वक़्त से जारी है. इसके अलावा रूस यूक्रेन के साथ लगने वाली अपनी सीमा पर सैनिको की संख्या लगातार बढ़ा रहा है.
रूसी अधिकारी दमित्रि कोज़ाक ने कहा है कि अपने नागरिको की 'सुरक्षा' के लिए रूस हस्तक्षेप कर सकता है. आखिर रूस और यूक्रेन के बीच ये विवाद क्यों हो रहा है?
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री में कैसे काम होता है?
कोरोना वायरस के ख़तरे से बचने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है.
दुनिया भर में कई कंपनियां वैक्सीन का निर्माण कर रही हैं. जर्मनी भी इनमें से एक है.
जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा है कि गर्मियों के अंत तक वो अपने देश में सभी वयस्कों को वैक्सीन लगा देंगे.
जर्मनी में बायोएनटेक कंपनी वैक्सीन बना रही है.
बीबीसी को इस कंपनी की उस फैक्ट्री का दौरा करने का मौका मिला जहां वैक्सीन बन रही है.
देखिए वहां कैसे काम किया जाता है.
हरिद्वार कुंभ में उमड़ी भीड़, नहीं दिखा कोरोना का डर
हरिद्वार में कुंभ का दूसरा शाही स्नान सोमवार हो हुआ.
अखाड़ों निकलकर साधुओं ने हर की पौड़ी में डुबकी लगाई.
जूना अखाड़ा और निरंजनी अखाड़े के साधु भी शाही स्नान में पहुंचे.
हालांकि इस दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं हुआ.
हर की पौड़ी में आम जनता को सुबह सात बजे तक स्नान की अनुमति दी गई थी.
बंगाल चुनाव: चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर चुनाव प्रचार करने से लगाई रोक
सऊदी अरब के तेल और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमला करने का हूथी विद्रोहियों का दावा
यमन में हूथी विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने सऊदी अरब के तेल और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए कई
ड्रोन हमले किए हैं.
विद्रोहियों से जुड़े टीवी स्टेशन पर जारी एक बयान में
हूथियों ने कहा है कि उन्होंने अरामको के जेद्दाह और जुबैल ठिकानों पर दस ड्रोन्स से
हमला किया है.
अभी तक सऊदी अरब से इस मामले में किसी तरह का कोई बयान नहीं आया है.
हूथी विद्रोहियों ने जिन्हें ईरान का समर्थन हासिल हैं, हाल के दिनों में सऊदी अरब पर ड्रोन और मिसाइल हमलों को
तेज़ कर दिया है.
सऊदी अरब उस सैन्य समूह का नेतृत्व कर रहा है जो पिछले छह साल से
यमन में हूथियों के खिलाफ़ लडाई लड़ रहा है.
इस शख़्स ने घर को जंगल क्यों बना दिया?
क्या आप सोच सकते हैं शहर के बीच एक छोटा सा जंगल और उसमें एक घर हो?
बेंगलुरु के रिटायर्ड इंजीनियर नटराज उपाध्याय ने अपने घर में ऐसा ही जंगल खड़ा कर दिया.
उन्होंने अपने घर में बची ज़मीन पर ‘शहरी जंगल’ तैयार किया. इस जंगल में 300 से ज़्यादा किस्म के पेड़ पौधे मौजूद हैं.
नटराज के पिता एक किसान थे, इसी वजह से नटराज को प्रकृति से प्रेम हुआ.
ईरान: परमाणु केंद्र को नुक़सान पहुँचाने के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
ईरान में नतांज़ परमाणु केंद्र को 'आतंकी गतिविधि' से नुक़सान पहुँचा है. यह जानकारी ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
इससे ठीक एक दिन पहले ईरान ने यूरेनियम का और अधिक तेज़ी से संवर्धन करने वाले सेंट्रीफ्यूज़ को चालू कर दिया था.
अधिकारी ने यह नहीं बताया कि परमाणु केंद्र को नुक़सान पहुँचाने के लिए कौन ज़िम्मेदार है लेकिन उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 'परमाणु आतंकवाद' से निबटने की अपील की.
ईरान के नतांज़ शहर में स्थित यह परमाणु केंद्र भूमिगत है.
कोरोना से बचाव में क्या विटामिन डी मदद कर सकता है?
विटामिन डी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मज़बूत करता है और स्वस्थ रखता है. लेकिन अब वैज्ञानिकों को लगता है कि ये शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को भी मज़बूत करता है और इसी वजह से ये कोविड-19 जैसे वायरस से लड़ने में भी कारगर साबित हो सकता है.
विटामिन डी को आमतौर पर धूप से मिलने वाले विटामिन के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर में तब बनता है जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं.
ये शरीर को कैल्शियम और फॉस्फेट पचाने में मदद करता है जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मज़बूत और स्वस्थ रखते हैं. ऐसा शोध में भी साबित हुआ है. अब विटामिन डी को कोरोना से लड़ने में अहम माना जा रहा है. देखिए इस वीडियो में यह पूरी जानकारी.
आईपीएल 2021 शिड्यूल: किस टीम का मुक़ाबला कब
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आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग का 14वां सीज़न 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है.
पिछली बार ये टूर्नामेंट कोरोना महामारी की वजह से भारत से हज़ारों किलोमीटर दूर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हुआ था, लेकिन इस बार ये भारत में ही होगा.
टूर्नामेंट की शुरुआत चेन्नई से होगी, जहां बीते साल की विजेता टीम मुंबई इंडियंस का मुक़ाबला रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से होगा.
सभी मैच छह जगहों पर होंगे. जिनमें चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं.
वहीं टूर्नामेंट का फाइनल मुक़ाबला 29 मई को अहमदाबाद में खेला जाएगा.
चीन के एक अधिकारी का दावा, हमारे वैक्सीन ज़्यादा असरकारी नहीं
चीन के शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी गाओ फ़ू ने स्वीकार किया है कि वहां विकसित टीके प्रभाव में कमज़ोर हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार को उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए चीन कई टीकों को मिलाकर इसे लोगों को लगाने पर विचार कर रहा है. हालांकि बाद में गाओ ने कहा कि उनके बयान को ग़लत तरीक़े से समझा गया है.
मालूम हो कि चीन ने सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए चार और इमरजेंसी उपयोग के लिए एक टीके का विकास किया है. हालांकि विदेश में हुए कुछ परीक्षणों में पाया गया कि ये टीके 50 फ़ीसद से भी कम प्रभावी हैं. आंकड़ों के अनुसार, प्रभाव के लिहाज़ से फ़ाइजर और मॉडर्ना के टीके चीनी टीकों से बहुत बेहतर हैं.
हालांकि चीनी टीकों का एक महत्वपूर्ण फ़ायदा यह है कि इसे सामान्य फ्रिज में भी दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है. वहीं फ़ाइजर के टीकों के रखरखाव के लिए -70 डिग्री सेल्सियस और मॉडर्ना के लिए -20 डिग्री सेल्सियस तापमान की ज़रूरत होती है.
चीन में अब तक 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने इन टीकों की कम से कम एक ख़ुराक ले ली है. वहीं इन टीकों को वह इंडोनेशिया, तुर्की, पराग्वे, ब्राजील जैसे कई देशों को भेज चुका है और कई देशों में इसे भेजने की तैयारी कर रहा है. चीन का दावा है कि इस साल के अंत तक वह इन टीकों की 300 करोड़ ख़ुराक तैयार कर लेगा.
कोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति पर गुजरात सरकार को हाई कोर्ट की फटकार
गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को कोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति के लिए राज्य सरकार पर नाराज़गी जताई.
हाई कोर्ट ने ये साफ़ तौर पर कहा कि गुजरात में जो हालात हैं, वो राज्य सरकार के दावों के उलट है.
गुजरात हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया ने राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा, "लोगों को अब ये लगने लगा है कि वे भगवान की दया पर ही निर्भर हो गए हैं."
हाई कोर्ट ने कुछ सुझाव भी दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि शादियों में मेहमानों की संख्या अधिकतम निर्धारित संख्या को 100 से कम करके 50 कर दिया जाना चाहिए. साथ ही अंतिम संस्कार में भी लोगों की संख्या कम की जानी चाहिए, सभी तरह की जनसभाओं पर रोक लगनी चाहिए, दफ़्तरों में आने वाले लोगों की संख्या सीमित की जानी चाहिए.
गुजरात में पिछले दो दिनों से हर रोज़ कोरोना संक्रमण के पांच हज़ार नए मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं.
राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने हाई कोर्ट को बताया कि कई कदम उठाए गए हैं. हालांकि बेंच ने उन दलीलों को स्वीकार करने से मना कर दिया.
कोर्ट ने कहा, "जो आप दावा कर रहे हैं, हालात उससे पूरी तरह से अलग है. आप कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है. लेकिन सच्चाई से उलट है. लोगों का भरोसा कमज़ोर पड़ रहा है. लोग सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और सरकार लोगों को. इससे काम बनने वाला नहीं है. हमें संक्रमण के चेन को तोड़ने की ज़रूरत है."
कुछ मीडिया रिपोर्टों में ये दावा किया गया था कि राज्य में रेमडेसिवीर दवा की कमी देखी जा रही है, लोग अस्पतालों के बाहर इसे हासिल करने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं. एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने इन रिपोर्टों पर कहा कि जिन्हें रेमडेसिवीर दवा की ज़रूरत नहीं भी है, वो भी एहतियाती उपाय के तौर पर इसे खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "अगर मरीज का इलाज घर में हो रहा हो या उसमें संक्रमण के लक्षण न हों और उसकी स्थिति गंभीर न हो तो उसे रेमडेसिवीर दवा की ज़रूरत नहीं है. इसकी आपूर्ति भी कम हो रही है. केवल सात दवा कंपनियां ये बनाती हैं. रेमडेसिवीर दवा के 1.75 लाख वायल का हर रोज़ उत्पादन होता है, हम गुजरात सरकार के लिए हर दिन 25 हज़ार वायल खरीद रहे हैं."
इस पर कोर्ट ने कहा कि जब लोग रेमडेसिवीर दवा के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और अस्पताल भी ये कह रहे हैं कि उनके पास इसका स्टॉक नहीं है तो ऐसे में राज्य सरकार इसकी आपूर्ति को क्यों कंट्रोल करना चाहती है.
क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?
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अगर आप क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करते हैं तो आपने ज़रूर हाल ही में उन ख़बरों को देखा होगा जिनमें भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी को लेकर योजना बना रही है.
भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है.
यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.
हालांकि, 25 साल की रुचि पाल की उम्मीदें अभी भी बहुत ऊंची हैं और उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में ही व्यापार करने का फ़ैसला किया है.
वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी. हां वे इसे विनियमित ज़रूर करेगी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाएगी. मैं सोचती हूं कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था जब हर कोई क्रिप्टो करेंसी पर बात कर रहा था और कुछ कार्रवाई हुई थी और फिर सबकुछ समाप्त हो गया था."
भारत सरकार जिस डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही है उस पर वो क्या सोचती हैं? इस सवाल पर रुचि कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल चीज़ है. इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम इसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह अच्छा विचार है लेकिन हमें बिटकॉइन की तरह इसको स्वीकार करने में वक़्त लगेगा. यह हमारी ज़िंदगियों पर ख़ास असर नहीं डालेगा."
लाइव रिपोर्टिंग
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क्या एक बार कोरोना होने के बाद नहीं रहता कोई ख़तरा?
दुनियाभर में अब तक लगभग 13 करोड़ 25 लाख से भी ज़्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन वैज्ञानिक अब भी वायरस से जुड़े कई सवालों के जवाब तलाश रहे हैं.
सबसे बड़ा सवाल कि क्या एक बार कोरोना से संक्रमित होने के बाद ख़तरा टल जाता है या हम दोबारा इसकी चपेट में आ सकते हैं?
बीबीसी विज्ञान संवाददाता रेबेका मोरेल की रिपोर्ट.
पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी के कैंपेन पर बैन से गरमाई राजनीति
प्रभाकर मणि तिवारी
कोलकाता से, बीबीसी हिंदी के लिए
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की पाबंदी के मुद्दे पर राज्य की राजनीति गरमा गई है.
खुद ममता और उनकी पार्टी टीएमसी ने आयोग के इस फ़ैसले को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है. ममता इसके ख़िलाफ़ मंगलवार दोपहर 12 बजे से कोलकाता में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठेंगी.
दूसरी ओर, सीपीएम और कांग्रेस ने इस फ़ैसले का समर्थन तो किया है लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया है कि आख़िर आयोग बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?
टीएमसी ने शीतलकुची की घटना पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की टिप्पणी के लिए आयोग से उनके प्रचार पर भी पाबंदी लगाने की मांग की है.
घोष ने कहा था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो जगह-जगह शीतलकुची जैसी घटना हो सकती है.
हाल ही में टीएमसी में शामिल होने वाले यशवंत सिंह ने कहा, “चुनाव आयोग की निष्पक्षता के प्रति तो हमारे मन में शुरू से ही संदेह था. अब यह दिन के उजाले की तरह साफ़ हो गया है.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावआयोग मोदी-शाह के निर्देश पर काम कर रहा है.
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष कहते हैं, “आयोग के इस फ़ैसले से उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लोग बैलट के जरिए इसका माकूल जवाब देंगे.”
बीजेपी ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है.
प्रदेश बीजेपी महासचिव सायंतन बसु कहते हैं, “चुनावों के समय आयोग ही सबसे ऊपर होता है. लेकिन ममता यह बात नहीं समझती. आयोग के पास संवैधानिक अधिकार हैं.”
दूसरी ओर, लेफ़्ट और कांग्रेस ने आयोग के फैसले को सही बताया है लेकिन साथ ही कहा है कि आयोग को बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी ऐसी ही पाबंदी लगानी चाहिए थी.
सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती कहते हैं, “ममता को दी गई शो कॉज नोटिस के संदर्भ में ही शायद आयोग ने यह पाबंदी लगाई है. लेकिन क्या प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष या सायंतन बसु और राहुल सिन्हा जैसे नेताओं के ख़िलाफ़ भी ऐसी कार्रवाई की जा सकती है?’’
वो कहते हैंकि अगर ऐसी कार्रवाई नहीं हुई तो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल जरूर खड़े होंगे.”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान कहते हैं, “चुनाव आयोग को अगर अपनी निष्पक्षता साबित करनी है तो उसे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करनी चाहिए.”
उत्तर प्रदेश: बाबरी केस का फ़ैसला लिखने वाले रिटायर्ड जज सुरेंद्र यादव बने उपलोकायुक्त
उत्तर प्रदेश सरकार ने रिटायर्ड जज सुरेंद्र कुमार यादव को राज्य का तृतीय उपलोकायुक्त नियुक्त किया है.
सोमवार को उन्हें पद की शपथ दिलाई गई.
रिटायर्ड जिला जज सुरेंद्र कु्मार यादव ने लखनऊ स्थित विशेष न्यायालय (अयोध्या प्रकरण) के पीठासीन अधिकारी की हैसियत से बाबरी विध्वंस मामले में आडवाणी समेत 32 अभियुक्तों को बरी किया था.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के पखानपुर गांव के रामकृष्ण यादव के घर पैदा हुए सुरेंद्र कुमार यादव 31 बरस की उम्र में राज्य न्यायिक सेवा के लिए चयनित हुए थे.
फ़ैज़ाबाद में एडिशनल मुंसिफ़ के पद की पहली पोस्टिंग से शुरू हुआ उनका न्यायिक जीवन ग़ाज़ीपुर, हरदोई, सुल्तानपुर, इटावा, गोरखपुर के रास्ते होते हुए राजधानी लखनऊ के ज़िला जज के ओहदे तक पहुँचा.
भारत का उलटफेर, हॉकी में ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना पर शानदार जीत
भारतीय हॉकी टीम ने एफ़आईएच प्रो लीग में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए 2016 के रियो ओलंपिक की चैंपियन अर्जेंटीना को दूसरे मैच में 3-0 से फ़तह करके अपने को अंक तालिका में चौथे स्थान पर पहुँचा दिया है.
इस स्थान पर अब तक ऑस्ट्रेलिया आठ मैचों में 14 अंक बनाकर था. भारत ने अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ पहला मैच पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से जीता था, जिससे उसे दो अंक मिले थे और दूसरा मैच जीतने से तीन अंक मिले. इस तरह उसके आठ मैचों में 15 अंक हो गए हैं.
भारत ने अब तक खेले आठ मैचों में सिर्फ़ दो मैच ऑस्ट्रेलिया और विश्व चैंपियन और इस लीग में 13 मैचों में 32 अंक बनाकर शिखर पर चल रही बेल्जियम से हारे हैं. पर ख़ास बात यह है कि उसने दोनों के ख़िलाफ़ एक-एक मैच जीते भी हैं. भारत इस प्रो लीग के माध्यम से इस साल जुलाई-अगस्त में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहा है.
इस लीग में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक और अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ दो मैच जीतना तैयारी के हिसाब से बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह दोनों ही टीमें ओलंपिक में भारत के ग्रुप ए में हैं. इस ग्रुप की बाक़ी तीन टीमें न्यूज़ीलैंड, स्पेन और मेज़बान जापान हैं. इन तीनों टीमों को भारत समय-समय पर हराता करता रहा है.
भारत का उलटफेर, हॉकी में ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना पर शानदार जीत
भारतीय हॉकी टीम ने एफ़आईएच प्रो लीग में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए अपने को अंक तालिका में चौथे स्थान पर पहुँचा दिया है.
और पढ़ेंचुनाव आयोग के फ़ैसले के ख़िलाफ़ ममता देंगी धरना, डेरेक ओ ब्रायन ने बताया लोकतंत्र का काला दिन
ममता बनर्जी पर 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से लगाई गई रोक के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि इलेक्शन कमीशन का मतलब 'एक्सट्रीमली कॉम्प्रोमाइज़्ड' यानी हो गया है.
उन्होंने कहा कि ये हमारे लोकतंत्र का एक काला दिन है.
उधर, ममता बनर्जी ने कहा है कि निर्वाचन आयोग के असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक फ़ैसले के विरोध में वो कोलकाता की गांधी मूर्ति के पास मंगलवार दोपहर 12 बजे धरने पर बैठेंगी.
निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी पर 24 घंटों के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है. आयोग के फैसले के अनुसार उन पर ये प्रतिबंध सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार रात आठ बजे तक लागू रहेगा.
सुशील चंद्रा बने भारत के नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त
सुशील चंद्रा को भारत का नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है.
भारत सरकार के क़ानून मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सुशील चंद्रा मंगलवार, 13 अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे.
मौजूदा मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा का कार्यकाल सोमवार को ख़त्म हो रहा है.
लोकसभा चुनावों से पहले 14 फरवरी, 2019 को सुशील चंद्रा को निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था.
उनका कार्यकाल 14 मई, 2022 को समाप्त होगा.
उनके नेतृत्व में निर्वाचन आयोग को गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव संचालित कराना है.
गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त हो रहा है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 14 मई को ख़त्म होगा.
रूस और यूक्रेन के बीच विवाद क्यों हो रहा है?
रूस के एक उच्च अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन पूर्वी हिस्से में अलगाववादियों पर चौतरफ़ा हमला करता है, तो वह इस हिस्से में रह रहे 'रूसी भाषी लोगों की मदद करने के लिए हस्तक्षेप' कर सकता है.
पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी विद्रोही और यूक्रेन की सेना के बीच झड़प लंबे वक़्त से जारी है. इसके अलावा रूस यूक्रेन के साथ लगने वाली अपनी सीमा पर सैनिको की संख्या लगातार बढ़ा रहा है.
रूसी अधिकारी दमित्रि कोज़ाक ने कहा है कि अपने नागरिको की 'सुरक्षा' के लिए रूस हस्तक्षेप कर सकता है. आखिर रूस और यूक्रेन के बीच ये विवाद क्यों हो रहा है?
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री में कैसे काम होता है?
कोरोना वायरस के ख़तरे से बचने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है.
दुनिया भर में कई कंपनियां वैक्सीन का निर्माण कर रही हैं. जर्मनी भी इनमें से एक है.
जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा है कि गर्मियों के अंत तक वो अपने देश में सभी वयस्कों को वैक्सीन लगा देंगे.
जर्मनी में बायोएनटेक कंपनी वैक्सीन बना रही है.
बीबीसी को इस कंपनी की उस फैक्ट्री का दौरा करने का मौका मिला जहां वैक्सीन बन रही है.
देखिए वहां कैसे काम किया जाता है.
हरिद्वार कुंभ में उमड़ी भीड़, नहीं दिखा कोरोना का डर
हरिद्वार में कुंभ का दूसरा शाही स्नान सोमवार हो हुआ.
अखाड़ों निकलकर साधुओं ने हर की पौड़ी में डुबकी लगाई.
जूना अखाड़ा और निरंजनी अखाड़े के साधु भी शाही स्नान में पहुंचे.
हालांकि इस दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं हुआ.
हर की पौड़ी में आम जनता को सुबह सात बजे तक स्नान की अनुमति दी गई थी.
बंगाल चुनाव: चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर चुनाव प्रचार करने से लगाई रोक
निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी पर 24 घंटों के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है.
आयोग के फैसले के अनुसार उन पर ये प्रतिबंध सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार रात आठ बजे तक लागू रहेगा.
आज का कार्टून: कोरोना की आस्था
कई राज्यों में चुनाव और कोरोना पर आज का कार्टून.
आज का कार्टून: कोरोना की आस्था
कई राज्यों में चुनाव और कोरोना पर आज का कार्टून.
और पढ़ेंसऊदी अरब के तेल और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमला करने का हूथी विद्रोहियों का दावा
यमन में हूथी विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने सऊदी अरब के तेल और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए कई ड्रोन हमले किए हैं.
विद्रोहियों से जुड़े टीवी स्टेशन पर जारी एक बयान में हूथियों ने कहा है कि उन्होंने अरामको के जेद्दाह और जुबैल ठिकानों पर दस ड्रोन्स से हमला किया है.
अभी तक सऊदी अरब से इस मामले में किसी तरह का कोई बयान नहीं आया है.
हूथी विद्रोहियों ने जिन्हें ईरान का समर्थन हासिल हैं, हाल के दिनों में सऊदी अरब पर ड्रोन और मिसाइल हमलों को तेज़ कर दिया है.
सऊदी अरब उस सैन्य समूह का नेतृत्व कर रहा है जो पिछले छह साल से यमन में हूथियों के खिलाफ़ लडाई लड़ रहा है.
इस शख़्स ने घर को जंगल क्यों बना दिया?
क्या आप सोच सकते हैं शहर के बीच एक छोटा सा जंगल और उसमें एक घर हो?
बेंगलुरु के रिटायर्ड इंजीनियर नटराज उपाध्याय ने अपने घर में ऐसा ही जंगल खड़ा कर दिया.
उन्होंने अपने घर में बची ज़मीन पर ‘शहरी जंगल’ तैयार किया. इस जंगल में 300 से ज़्यादा किस्म के पेड़ पौधे मौजूद हैं.
नटराज के पिता एक किसान थे, इसी वजह से नटराज को प्रकृति से प्रेम हुआ.
ईरान: परमाणु केंद्र को नुक़सान पहुँचाने के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
ईरान में नतांज़ परमाणु केंद्र को 'आतंकी गतिविधि' से नुक़सान पहुँचा है. यह जानकारी ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
इससे ठीक एक दिन पहले ईरान ने यूरेनियम का और अधिक तेज़ी से संवर्धन करने वाले सेंट्रीफ्यूज़ को चालू कर दिया था.
अधिकारी ने यह नहीं बताया कि परमाणु केंद्र को नुक़सान पहुँचाने के लिए कौन ज़िम्मेदार है लेकिन उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 'परमाणु आतंकवाद' से निबटने की अपील की.
ईरान के नतांज़ शहर में स्थित यह परमाणु केंद्र भूमिगत है.
कोरोना से बचाव में क्या विटामिन डी मदद कर सकता है?
विटामिन डी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मज़बूत करता है और स्वस्थ रखता है. लेकिन अब वैज्ञानिकों को लगता है कि ये शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को भी मज़बूत करता है और इसी वजह से ये कोविड-19 जैसे वायरस से लड़ने में भी कारगर साबित हो सकता है.
विटामिन डी को आमतौर पर धूप से मिलने वाले विटामिन के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर में तब बनता है जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं.
ये शरीर को कैल्शियम और फॉस्फेट पचाने में मदद करता है जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मज़बूत और स्वस्थ रखते हैं. ऐसा शोध में भी साबित हुआ है. अब विटामिन डी को कोरोना से लड़ने में अहम माना जा रहा है. देखिए इस वीडियो में यह पूरी जानकारी.
आईपीएल 2021 शिड्यूल: किस टीम का मुक़ाबला कब
आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग का 14वां सीज़न 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है.
पिछली बार ये टूर्नामेंट कोरोना महामारी की वजह से भारत से हज़ारों किलोमीटर दूर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हुआ था, लेकिन इस बार ये भारत में ही होगा.
टूर्नामेंट की शुरुआत चेन्नई से होगी, जहां बीते साल की विजेता टीम मुंबई इंडियंस का मुक़ाबला रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से होगा.
सभी मैच छह जगहों पर होंगे. जिनमें चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं.
वहीं टूर्नामेंट का फाइनल मुक़ाबला 29 मई को अहमदाबाद में खेला जाएगा.
आईपीएल 2021 शिड्यूल: किस टीम का मुक़ाबला कब
आईपीएल के 14वें सीज़न में कब, किन टीमों के बीच है मुक़ाबला. देखें, इंडियन प्रीमियर लीग का पूरा कार्यक्रम.
और पढ़ेंचीन के एक अधिकारी का दावा, हमारे वैक्सीन ज़्यादा असरकारी नहीं
चीन के शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी गाओ फ़ू ने स्वीकार किया है कि वहां विकसित टीके प्रभाव में कमज़ोर हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार को उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए चीन कई टीकों को मिलाकर इसे लोगों को लगाने पर विचार कर रहा है. हालांकि बाद में गाओ ने कहा कि उनके बयान को ग़लत तरीक़े से समझा गया है.
मालूम हो कि चीन ने सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए चार और इमरजेंसी उपयोग के लिए एक टीके का विकास किया है. हालांकि विदेश में हुए कुछ परीक्षणों में पाया गया कि ये टीके 50 फ़ीसद से भी कम प्रभावी हैं. आंकड़ों के अनुसार, प्रभाव के लिहाज़ से फ़ाइजर और मॉडर्ना के टीके चीनी टीकों से बहुत बेहतर हैं.
हालांकि चीनी टीकों का एक महत्वपूर्ण फ़ायदा यह है कि इसे सामान्य फ्रिज में भी दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है. वहीं फ़ाइजर के टीकों के रखरखाव के लिए -70 डिग्री सेल्सियस और मॉडर्ना के लिए -20 डिग्री सेल्सियस तापमान की ज़रूरत होती है.
चीन में अब तक 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने इन टीकों की कम से कम एक ख़ुराक ले ली है. वहीं इन टीकों को वह इंडोनेशिया, तुर्की, पराग्वे, ब्राजील जैसे कई देशों को भेज चुका है और कई देशों में इसे भेजने की तैयारी कर रहा है. चीन का दावा है कि इस साल के अंत तक वह इन टीकों की 300 करोड़ ख़ुराक तैयार कर लेगा.
चीन के एक अधिकारी का दावा, हमारे वैक्सीन ज़्यादा असरदार नहीं
चीन के शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी गाओ फ़ू हालांकि बाद में अपने बयान से पलट गए
और पढ़ेंकोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति पर गुजरात सरकार को हाई कोर्ट की फटकार
गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को कोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति के लिए राज्य सरकार पर नाराज़गी जताई. हाई कोर्ट ने ये साफ़ तौर पर कहा कि गुजरात में जो हालात हैं, वो राज्य सरकार के दावों के उलट है.
गुजरात हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया ने राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा, "लोगों को अब ये लगने लगा है कि वे भगवान की दया पर ही निर्भर हो गए हैं."
हाई कोर्ट ने कुछ सुझाव भी दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि शादियों में मेहमानों की संख्या अधिकतम निर्धारित संख्या को 100 से कम करके 50 कर दिया जाना चाहिए. साथ ही अंतिम संस्कार में भी लोगों की संख्या कम की जानी चाहिए, सभी तरह की जनसभाओं पर रोक लगनी चाहिए, दफ़्तरों में आने वाले लोगों की संख्या सीमित की जानी चाहिए.
गुजरात में पिछले दो दिनों से हर रोज़ कोरोना संक्रमण के पांच हज़ार नए मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं. राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने हाई कोर्ट को बताया कि कई कदम उठाए गए हैं. हालांकि बेंच ने उन दलीलों को स्वीकार करने से मना कर दिया.
कोर्ट ने कहा, "जो आप दावा कर रहे हैं, हालात उससे पूरी तरह से अलग है. आप कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है. लेकिन सच्चाई से उलट है. लोगों का भरोसा कमज़ोर पड़ रहा है. लोग सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और सरकार लोगों को. इससे काम बनने वाला नहीं है. हमें संक्रमण के चेन को तोड़ने की ज़रूरत है."
कुछ मीडिया रिपोर्टों में ये दावा किया गया था कि राज्य में रेमडेसिवीर दवा की कमी देखी जा रही है, लोग अस्पतालों के बाहर इसे हासिल करने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं. एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने इन रिपोर्टों पर कहा कि जिन्हें रेमडेसिवीर दवा की ज़रूरत नहीं भी है, वो भी एहतियाती उपाय के तौर पर इसे खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "अगर मरीज का इलाज घर में हो रहा हो या उसमें संक्रमण के लक्षण न हों और उसकी स्थिति गंभीर न हो तो उसे रेमडेसिवीर दवा की ज़रूरत नहीं है. इसकी आपूर्ति भी कम हो रही है. केवल सात दवा कंपनियां ये बनाती हैं. रेमडेसिवीर दवा के 1.75 लाख वायल का हर रोज़ उत्पादन होता है, हम गुजरात सरकार के लिए हर दिन 25 हज़ार वायल खरीद रहे हैं."
इस पर कोर्ट ने कहा कि जब लोग रेमडेसिवीर दवा के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और अस्पताल भी ये कह रहे हैं कि उनके पास इसका स्टॉक नहीं है तो ऐसे में राज्य सरकार इसकी आपूर्ति को क्यों कंट्रोल करना चाहती है.
क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करते हैं तो आपने ज़रूर हाल ही में उन ख़बरों को देखा होगा जिनमें भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी को लेकर योजना बना रही है.
भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है.
यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.
हालांकि, 25 साल की रुचि पाल की उम्मीदें अभी भी बहुत ऊंची हैं और उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में ही व्यापार करने का फ़ैसला किया है.
वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी. हां वे इसे विनियमित ज़रूर करेगी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाएगी. मैं सोचती हूं कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था जब हर कोई क्रिप्टो करेंसी पर बात कर रहा था और कुछ कार्रवाई हुई थी और फिर सबकुछ समाप्त हो गया था."
भारत सरकार जिस डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही है उस पर वो क्या सोचती हैं? इस सवाल पर रुचि कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल चीज़ है. इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम इसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह अच्छा विचार है लेकिन हमें बिटकॉइन की तरह इसको स्वीकार करने में वक़्त लगेगा. यह हमारी ज़िंदगियों पर ख़ास असर नहीं डालेगा."
क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?
डिजिटल करेंसी का चलन काफ़ी बढ़ रहा है और इससे कई लोग लाभ भी कमा रहे हैं लेकिन इसको लेकर कोई नियम क़ानून नहीं है.
और पढ़ेंमुंबई से LIVE: कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामलों के बीच महाराष्ट्र में कैसे हैं हालात?
ज़्यादा जानकारी के साथ बीबीसी संवाददाता मयूरेश कोण्णूर