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लाइव रिपोर्टिंग

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  1. अमेरिकी रक्षा मंत्री का इसराइल दौरा, ईरान ने यूरेनियम संवर्धन बढ़ाया

    लॉयड ऑस्टिन
    Image caption: अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन

    अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन दो दिनों के इसराइल दौरे पर येरुशलम पहुंचे हैं जहां उन्होंने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू समेत कई सीनियर अधिकारियों से मुलाक़ात की है. उन्होंने कहा कि इसराइल मध्य-पूर्व में शांति के केंद्र में है.

    अमेरिकी विदेश मंत्री लॉयड ऑस्टिन का ये दौरा एक ऐसे समय में हो रहा है जब ईरानी परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए अमेरिका, ईरान, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, रूस और चीन के बीच बातचीत हो रही है.

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की ओर से यह पहली इसराइल यात्रा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि इस दौरान अन्य मुद्दों के साथ-साथ अमेरिका द्वारा इसराइल को की जाने वाली हथियार सप्लाई पर भी बात होगी. साथ ही अमेरिका इसराइल को क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर भी आश्वस्त करने की कोशिश करेगा.

    यह ईरान परमाणु समझौते के संदर्भ में कही गई बात है क्योंकि इस समझौते पर पिछले हफ्ते ऑस्ट्रिया के वियना में बातचीत शुरू हुई है. हालांकि इसमें अमेरिका और ईरान के बीच सीधे तौर पर किसी तरह की वार्ता नहीं हुई है.

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी
    Image caption: ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी

    ईरान ने कहा है कि अगर सभी पक्ष बातचीत को आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हैं तो वह भी इसे आगे बढ़ाने को राजी है. इसराइल और ख़ासतौर पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू ईरान परमाणु समझौते के घोर विरोधी रहे हैं.

    जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में समझौते को रद्द कर ईरान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे तो नेतन्याहू ने इसकी सराहना की थी.

    वहीं हाल ही में ईरान ने अपने एक जहाज़ के पास हुए विस्फोट के लिए इसराइल की ओर इशारा किया था. सीरिया ने भी इसराइल द्वारा हवाई हमलों का दावा किया है. इसराइल का कहना है कि वो ईरानी शक्ति को बढ़ने से रोक रहा है.

    वियना में मंगलवार को हुई बैठक के बाद दो ग्रुप बनाये गए हैं. एक इस बात को तय करेगा कि साल 2018 के बाद अमेरिका ने ईरान पर और कितने प्रतिबंध लागू किए. दूसरा ये देखगा कि ईरान को इस मामले में किस तरह के कदम उठाने होंगे.

    उधर ईरान ने शनिवार को यूरेनियम का और अधिक तेज़ी से संवर्धन करने वाले सेंट्रीफ्यूज़ को चालू कर दिया. कार्यक्रम में राष्ट्रपति हसन रुहानी भी शामिल थे.

  2. कोरोना: उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल तक सभी स्कूल बंद रहेंगे, कई ज़िलों में नाइट कर्फ़्यू

    उत्तर प्रदेश

    उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को ये आदेश दिया कि राज्य के सभी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रखे जाएंगे. जिन ज़िलों में संक्रमण के सौ मामले रोज़ाना रिपोर्ट हो रहे हैं या फिर जहां 500 सक्रिय मामले हैं, वहां नाइट कर्फ्यू लागू किया जाएगा.

    सरकारी आदेश के मुताबिक़ किसी कार्यक्रम में खुली जगहों पर 100 से ज़्यादा लोग इकट्ठा नहीं होंगे जबकि बंद जगहों पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में भाग लेने वालों की अधिकतम संख्या 50 रहेगी.

    रविवार को उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 15,353 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं. राज्य में महामारी की शुरुआत के समय से 9152 लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 692,015 है.

    इससे पहले लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, गौतम बुद्ध नगर, इलाहाबाद, मेरठ, ग़ाज़ियाबाद, बरेली और मुज़फ़्फ़रनगर ज़िलों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया था.

    दो अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि 11 अप्रैल तक पहली क्लास से आठवीं क्लास तक की कक्षाओं के लिए सभी स्कूल बंद रहेंगे.

    रविवार को जारी किए गए आदेश के मुताबिक़ सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे जबकि पहले से निर्धारित परीक्षाएं अपने तयशुदा कार्यक्रम के हिसाब से आयोजित की जा सकेंगी.

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिन ज़िलों में रोज़ाना संक्रमण के सौ मामले हो रहे हैं या फिर जहां 500 सक्रिय मामले हैं, वहां रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा.

  3. अमेरिका के इस मारक हथियार ने जब अफ़ग़ानिस्तान में रूसी सेना को किया तबाह

    स्टिंगर मिसाइल
    Image caption: अफ़ग़ान मुजाहिदीन के हाथों में स्ट्रिंगर मिसाइल आई तो अफ़ग़ानिस्तान-रूस युद्ध की तस्वीर ही बदल गई

    गफ़्फ़ार ने अपनी तीन हमलावर टीमों को एक-दूसरे से कुछ दूरी पर त्रिकोणीय क्रम में रखा था. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें यही सिखाया गया था. वे लंबे समय से घात लगाकर इंतज़ार कर रहे थे.

    कुछ ही देर में जब उन्होंने कुछ रूसी, एमआई-24 हेलीकॉप्टरों को हवा में आते देखा तो उन्हें उनके सब्र का फल मिल गया. गफ़्फ़ार की टीम के सदस्यों में से एक ने हेलीकॉप्टर पर निशाना लगा कर ट्रिगर दबा दिया, लेकिन उस समय उनके होश उड़ गए, जब मिसाइल हेलीकॉप्टर से टकराने के बजाय सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर ही ज़मीन पर जा गिरी.

    मुजाहिदीन को प्रशिक्षित करने वाले पाकिस्तान के सेवानिवृत्त कर्नल महमूद अहमद ग़ाज़ी के अनुसार, ऑपरेशन विफल रहा, लेकिन इस मिसाइल की गूंज केवल अफ़ग़ानिस्तान के सैन्य ठिकानों में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सुनी गई.

    अफ़ग़ानिस्तान के युद्ध ग्रस्त क्षेत्र के अंदर सोवियत वायु सेना के खिलाफ स्टिंगर मिसाइल का यह पहला उपयोग था. इसके बाद जलालाबाद और काबुल के क्षेत्रों में रूसी और अफ़ग़ान हवाई यातायात को निलंबित कर दिया गया था.

    अमेरिका निर्मित स्टिंगर मिसाइलों को संचालित करने और संभालने के लिए पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी, आईएसआई ने सबसे पहले दो सैन्य कमांडरों को प्रशिक्षित किया था. नंगरहार के रहने वाले एक सैन्य कमांडर गफ़्फ़ार और दूसरे काबुल के रहने वाले कमांडर दरवेश, ये दोनों गुलबुद्दीन हिकमतयार के हिज्ब-ए-इस्लामी समूह से जुड़े हुए थे.

    वे दोनों धाराप्रवाह रूसी बोलने के साथ-साथ उर्दू और पश्तो में भी माहिर थे. आईएसआई ने दोनों कमांडरों को देश की राजधानी इस्लामाबाद और जुड़वां शहर रावलपिंडी को जोड़ने वाले क्षेत्र, फैज़ाबाद के ओजड़ी कैंप के स्टिंगर ट्रेनिंग स्कूल में दो सप्ताह तक प्रशिक्षण दिया. ट्रेनिंग के बाद पहले ऑपरेशन के लिए दोनो कमांडरों को जलालाबाद हवाई अड्डे की तरफ भेजा गया था.

    आईएसआई के स्टिंगर ट्रेनिंग स्कूल के तत्कालीन प्रमुख और मुख्य प्रशिक्षक सेवानिवृत्त कर्नल महमूद अहमद ग़ाज़ी ने अपनी पुस्तक में लिखा है, "ये 25 सितंबर 1986 का दिन था, जब गफ़्फ़ार अपनी टीम के साथ जलालाबाद हवाई अड्डे के उत्तर पूर्व में, कुछ दूरी पर टीलेनुमा पहाड़ी की झाड़ियों और चट्टानों में घात लगाए बैठे थे."

    अमेरिका के इस मारक हथियार ने जब अफ़ग़ानिस्तान में रूसी सेना को किया तबाह

    स्टिंगर मिसाइल

    स्टिंगर मिसाइल के बारे में कई तरह की अफ़वाहें और कॉन्स्पिरेसी थ्योरी फैली थीं. लेकिन इसकी सच्चाई क्या है?

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  4. वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में NSUI ने मारी बाज़ी

    संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

    वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई ने भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई एबीवीपी को सीधी लड़ाई में सभी पदों पर हरा दिया है.

    पत्रकार समीरात्मज मिश्र ने बताया कि एनएसयूआई के कृष्ण मोहन शुक्ला अध्यक्ष, अजित चौबे उपाध्यक्ष और शिवम चौबे महामंत्री निर्वाचित हुए हैं.

    संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान रविवार को संपन्न हुआ और उसी दिन मतगणना भी हुई.

    कोरोना संक्रमण के कारण विश्वविद्यालय बंद होने से चुनाव की चहल-पहल कम रही और मतदान भी कम रहा.

    इससे पहले फ़रवरी में काशी विद्यापीठ में हुए छात्र संघ चुनाव में भी एबीवीपी को पराजय का मुंह देखना पड़ा था.

    यहां अध्यक्ष पद पर समाजवादी छात्र सभा और अन्य पदों पर एनएसयूआई के उम्मीदवारों की जीत हुई थी.

  5. बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 11 अप्रैल 2021

    सुनिए फ़ैसल मोहम्मद अली के साथ.

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  6. ब्रेकिंग न्यूज़कोरोनो के इलाज में काम आने वाली दवा रेमडेसिवीर के निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक

    रेमडेसिवीर

    देश में रोज़ाना बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने रविवार को रेमडेसिवीर दवा के निर्यात पर पाबंदी लगा दी.

    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, इस एंटीवायरल इंजेक्शन और इसके एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई है.

    कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस दवा को काफ़ी ज़रूरी समझा जाता है और कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इसकी मांग भी बढ़ी है.

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दवा के घरेलू निर्माताओं को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी वेबसाइट पर इस दवा के स्टॉक और इसके डिस्ट्रिब्यूटर की जानकारी सार्वजनिक करें.

    इसके अलावा मंत्रालय ने ड्रग्स इंस्पेक्टरों और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इनके स्टॉक की जांच करें और इसकी काला बाज़ारी को रोकने के लिए कार्रवाई करें.

    राज्य के स्वास्थ्य सचिव ड्रग इंस्पेक्टर्स के साथ उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसका निरीक्षण करेंगे.

    मंत्रालय का कहना है, “भारत में कोविड के मामलों में एकाएक तेज़ी आई है. 11 अप्रैल को देश में 11.08 लाख सक्रिय मामले थे और ये तेज़ी से बढ़ रहे हैं. इसके कारण कोविड के मरीज़ों के इलाज के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन के इस्तेमाल में ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है.”

    बयान में कहा गया है कि आने वाले दिनों में इसकी मांग में और इज़ाफ़ा हो सकता है.

    अमेरिका की गिलिएड साइंसेज़ के समझौते के तहत भारत में 7 कंपनियां इस इंजेक्शन को बनाती हैं.

  7. छत्तीसगढ़: बीजापुर नक्सली हमले में सुरक्षाबलों से कहां चूक हुई थी?

    जवान

    "भारत में इस समय कुल नक्सल प्रभावित ज़िलों की तादाद महज़ 41 रह गई है जो एक वक़्त 223 ज़िलों में मौजूद हुआ करता था इसलिए ये कहना सही नहीं होगा कि नक्सलवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में कामयाबी हासिल नहीं हो रही है."

    "कभी 20 राज्यों में फैला नक्सलवाद अब नौ राज्यों में ही मौजूद है और उसमें भी अगर गंभीर रूप से नक्सल-प्रभावित इलाक़ों की बात करें तो ये तीन ज़िलों में ही सीमित है."

    दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टरअजय साहनीने बीबीसी संवाददाताफ़ैसल मोहम्मद अलीसे ये आंकड़े उस सवाल के जवाब में पेश किए जिसमें पूछा गया था कि क्या सरकार की नक्सलवाद से लड़ाई के लिए कोई ठोस पॉलिसी है और उसमें किस हद तक कामयाबी या नाकामी हासिल हो पाई है?

    अजय साहनी हालांकि ये मानते हैं कि बीजापुर नक्सली हमले में पहली नज़र में ये लगता है कि जवानों ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) को नज़रअंदाज़ किया था.

    छत्तीसगढ़: बीजापुर नक्सली हमले में सुरक्षाबलों से कहां चूक हुई थी?

    जवान

    तीन अप्रैल को बीजापुर में माओवादियों के हमले में 22 जवानों की मौत हो गई थी और कई जवान घायल हुए थे.

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  8. छत्तीसगढ़: बीजापुर में एक और नक्सली हमला, दंतेवाड़ा में एक माओवादी की मुठभेड़ में मौत

    मिनगाछल नदी पर बन रहे वाटर फिल्टर प्लांट में संदिग्ध माओवादियों द्वारा वाहनों में आगजनी की घटना हुई है
    Image caption: मिनगाछल नदी पर बन रहे वाटर फिल्टर प्लांट में संदिग्ध माओवादियों द्वारा वाहनों में आगजनी की घटना हुई है

    आलोक प्रकाश पुतुल

    रायपुर से, बीबीसी हिंदी के लिए

    छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में पुलिस ने एक मुठभेड़ में एक माओवादी के मारे जाने का दावा किया है. दूसरी तरफ़, बीजापुर में पुलिस ने कहा है कि एक वाटर फिल्टर प्लांट के निर्माण कार्य में लगे पांच वाहनों को संदिग्ध माओवादियों ने आग के हवाले कर दिया है.

    दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने बीबीसी से कहा, "आमने-सामने की मुठभेड़ हुई है. एक माओवादी का शव बरामद किया गया है. मौके पर कई माओवादियों के मारे जाने या घायल होने के प्रमाण मिले हैं. अभी सर्चिंग अभियान जारी है."

    पुलिस ने कटेकल्याण के गादम इलाके में हुई इस मुठभेड़ में मारे गये संदिग्ध माओवादी की पहचान वट्टी हूंगा के रूप में की है, जिस पर एक लाख रुपये का इनाम था.

    बीजापुर के नैमेड थाना क्षेत्र में मिनगाछल नदी पर बन रहे वाटर फिल्टर प्लांट में संदिग्ध माओवादियों द्वारा वाहनों में आगजनी की ख़बर है. ज़िले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप के अनुसार पुलिस बल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है.

    छत्तीसगढ़

    पुलिस का कहना है कि संदिग्ध माओवादियों ने पहले ही काम बंद करने की चेतावनी दी थी. रविवार को हथियारबंद माओवादियों का एक दल पहुंचा और निर्माण कार्य में लगे वाहनों में बैठे लोगों को उतारा और उन्हें भविष्य में काम नहीं करने की चेतावनी देते हुए वाहनों में आग लगा दी.

    माओवादी हिंसा में बढोत्तरी पिछले कुछ दिनों में बस्तर के इलाके में लगातार माओवादी हिंसा में बढ़ोत्तरी हुई है. सप्ताह भर पहले बीजापुर में ही संदिग्ध माओवादियों के साथ मुठभेड़ में 22 जवान मारे गये थे.

    इससे पहले 26 मार्च को बीजापुर के ही ज़िला पंचायत सदस्य बुधराम कश्यप की संदिग्ध माओवादियों ने हत्या कर दी थी. 25 मार्च को कोंडागांव में सड़के निर्माण में लगे 12 वाहनों में माओवादियों ने आग लगा दी थी.

    छत्तीसगढ़

    23 मार्च को नारायणपुर में माओवादियों के साथ एक मुठभेड़ में डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड के 5 जवान मारे गये थे. पुलिस के अनुसार 20 मार्च को दंतेवाड़ा में एक मुठभेड़ में 2 संदिग्ध माओवादी मारे गये थे.

    उसी दिन बीजापुर में ही पुलिस आरक्षक सन्नू पुनेम को संदिग्ध माओवादियों ने अपहरण के बाद हत्या कर दी थी. 13 मार्च को सुनील पदेम नामक कथित माओवादी आईईडी लगाते हुए विस्फोट के दौरान मारा गया था.

    पांच मार्च को नारायणपुर के इलाके में भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल के प्रधान आरक्षक रामतेर मंगेश की एक आईईडी विस्फोट में मौत हो गई थी.

    इसी तरह एक दिन पहले चार मार्च को दंतेवाड़ा के फुरनार में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के लक्ष्मीकांत द्विवेदी नामक एक जवान की आईईडी विस्फोट में मौत हो गई थी.

  9. बंगाल चुनाव: स्वपन दासगुप्ता मुसलमानों, बीफ और ममता बनर्जी पर क्या बोले?

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    Video caption: बंगाल चुनाव: स्वपन दासगुप्ता मुस्लिमों, बीफ और ममता बनर्जी पर क्या बोले?

    पश्चिम बंगाल में अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो स्वपन दासगुप्ता को मुख्यमंत्री का दावेदार बताया जा रहा है.

    स्वपन दास गुप्ता ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि पश्चिम बंगाल का हिन्दुत्व नॉन वेजिटेरियन है.

    देखिए स्वपन दासगुप्ता के साथ बीबीसी संवाददाता रजनीश कुमार की पूरी बातचीत.

  10. ‘जिहादी’ कौन होते हैं और कैसे बनते हैं?

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    Video caption: ‘जिहादी’ कौन होते हैं और कैसे बनते हैं?

    दुनिया भर के तमाम विश्लेषक दशकों से इस सवाल की पड़ताल में जुटे हैं. वो जानना चाहते हैं कि किसी की शख़्सियत में ऐसी क्या बात होती है कि वो जिहादी बन जाता है.

    ब्रिटेन में अपराध शास्त्र के प्रोफ़ेसर एंड्रूयू सिल्क आतंकवादियों के मनोविज्ञान को लेकर दुनिया के कई देशों की सरकारों को सलाह दे चुके हैं.

    एंड्रयू बताते हैं कि 1970 के दशक में चरमपंथ से जुड़ी घटनाएँ अचानक बढ़ गईं थीं और तमाम लोग एक ही सवाल पूछ रहे थे कि ये लोग ऐसा क्यों करते हैं?

  11. गहरे कुएं में गिरे हाथी के बच्चे को कैसे बचाया गया?

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    Video caption: गहरे कुएं में गिरे हाथी के बच्चे को कैसे बचाया गया?

    15 फुट गहरे कुएं में हाथी का बच्चा गिर गया और बेहद परेशान हो गया.

    ओडिशा के मयूरभंज में हाथी का एक बच्चा रात के वक़्त खाली कुएं में गिर गया. वह रात भर उस कुएं में परेशान रहा.

    अगली सुबह आस पास के लोगों ने हाथी के बच्चे को निकालने की कोशिश की.

    दमकल विभाग और वन विभाग मिलकर हाथी के बच्चे को बचाने में लगे.

    बड़ी-बड़ी मशीनों की मदद से आखिरकार हाथी का बच्चा कुएं से बाहर निकला.

  12. प्रवासी मज़दूरों को दोबारा लॉकडाउन लगने का डर सताने लगा

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    Video caption: प्रवासी मज़दूरों को दोबारा लॉकडाउन लगने का डर सताने लगा

    पिछले साल जब कोरोना के चलते भारत में अचानक लॉकडाउन लगा तब लाखों प्रवासी मज़दूरों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कोरोना को रोकने के लिए रातों-रात कामकाज पर ब्रेक लगाया गया.

    लेकिन इससे रोज़ की दिहाड़ी-मज़दूरी करने वाले कामगार बेरोज़गार हो गए और उनका भविष्य अधर में लटक गया. डर और निराशा के माहौल में लाखों पुरुष, महिलाएं और बच्चे सैंकड़ों किलोमीटर का सफर कर अपने घरों की तरफ चल पड़े.

    अब एक बार फिर भारत में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. प्रवासी मज़दूरों को फिर से लॉकडाउन का डर सताने लगा. भारत में कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं.

    महाराष्ट्र में एक बार फिर पूर्ण लॉकडाउन की बात चल रही है. यहां नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन जारी है.

  13. हरियाणा में पत्रकार पर 'साइबर चरमपंथ' के आरोप में केस दर्ज

    सांकेतिक तस्वीर
    Image caption: सांकेतिक तस्वीर

    हरियाणा के हिसार में 'साइबर चरमपंथ' और विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के आरोप लगाते हुए एक पत्रकार के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया है.

    हरियाणा पुलिस के मुताबिक़ एक समाचार पोर्टल चलाने वाले राजेश कुंडू के एक सोशल मीडिया पोस्ट के ख़िलाफ़ शुक्रवार को एक केस दायर हुआ है. पत्रकार पर आईपीसी और आईटी ऐक्ट की कई धाराओं के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं.

    कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, दीपेंदर सिंह हुड्डा सहित इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला ने राजेश कुंडू पर मुक़दमा दर्ज़ करने की निंदा करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

    रिपोर्ट के अनुसार राजेश कुंडू अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ देश भर में चल रहे किसानों के आंदोलन को जोर-शोर से कवर करते रहे हैं.

    हिसार पुलिस के एक अधिकारी द्वारा दर्ज़ की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कुंडू ने अपने एक पोस्ट में लिखा था कि हिसार अगले एक हफ़्ते में जातिगत हिंसा का गवाह बनेगा और यह इसके बाद राज्य और फिर देश में होने वाली हिंसा का ब्लूप्रिंट होगा.

    हिसार पुलिस का आरोप है कि लोगों को उकसाने वाले इस भड़काऊ संदेश को राजेश कुंडू के नंबर से विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर डाला गया.

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  14. बिस्मार्क ने कैसे बिखरे हुए जर्मनी को यूरोप का एक ताक़तवर मुल्क बना दिया

    जर्मनी, बिस्मार्क
    Image caption: प्रिंस ओट्टो वॉन बिस्मार्क

    हमें यह जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि दुनिया में आज बहुत कुछ ऐसा है जो कि बहुत पुराना नहीं है. उदाहरण के लिए आधुनिक देश का विचार ज़्यादा पुराना नहीं है. इसके विचार ने हाल ही में और धीरे-धीरे आकार लिया है.

    एक बात और कि इनके विकास की प्रक्रिया हो सकती है कि हमारी सोच से हटकर हो.

    अब नई दुनिया (अमेरिकी महाद्वीप) और पुरानी दुनिया (एशिया, अफ्रीका और यूरोप) के देशों को ही लें. नई दुनिया के ज़्यादातर देश जब आज़ाद थे, तब पुरानी दुनिया के कई देशों की अपनी कोई पहचान ही नहीं थी.

    इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. एकीकृत जर्मनी के गठन के अभी केवल 150 साल पूरे हुए हैं. इसके गठन की औपचारिक घोषणा 18 जनवरी, 1871 को फ्रांस के वर्साय के महल (पैलेस ऑफ वर्साय) में हुई थी.

    वर्साय में क्यों,बर्लिन में क्यों नहीं?

    फ्रांस में मौज़ूद वर्साय के महल का निर्माण लुई चौदहवें (लुई XIV) ने करवाया था. लेकिन इस पर 1870-71 की फ्रांस और प्रशा (जर्मनी का पुराना नाम) की लड़ाई में जर्मन राज्यों की सेना ने कब्ज़ा कर लिया था.

    एक होकर जर्मनी बनाने वाले ये राज्य, लुई चौदहवें से घृणा करते थे क्योंकि उसके शासन में फ्रांस ने एल्सेस पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के साथ लॉरेन को भी अपने कब्ज़े में ले लिया था.

    फ्रांस से जर्मनी के लड़ने की वजहों में से एक यह थी कि फ्रांस के कब्ज़े से जर्मनी के दावे वाले इलाकों को छीन लिया जाए.

    वर्साय पर कब्ज़े के बाद जर्मनी ने ऐसा करके उस समय की दुनिया की सबसे ताकतवर सेना फ्रांस को अपमानित किया. फ्रांस की इस दुर्दशा का कारण जर्मन राज्यों की गठबंधन सेना के हाथों हुई उसकी एक नहीं कई विनाशकारी हार था.

    बिस्मार्क ने कैसे बिखरे हुए जर्मनी को यूरोप का एक ताक़तवर मुल्क बना दिया

    जर्मनी, बिस्मार्क

    पूरी दुनिया में मूर्तियों से लेकर स्मारक और सड़क तक 10 हज़ार चीज़ों के नाम बिस्मार्क के सम्मान पर रखे गए. बिस्मार्क के योगदान का ही कमाल रहा कि आज भी उन्हें दुनिया का अद्भुत राजनेता माना जाता है.

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  15. यूपी पंचायत चुनाव: बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी की उम्मीदवारी रद्द की

    कुलदीप सिंह सेंगर

    बीजेपी ने रविवार को उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी की यूपी पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी रद्द कर दी है.

    पहले जो सूची जारी की गई थी उसके अनुसार बीजेपी ने वॉर्ड नंबर 22 फ़तेहपुर चौरासी से संगीता सेंगर को ज़िला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनाया था.

    यूपी के पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा है, “पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जो कि 2018 के उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी हैं उनकी पत्नी संगीता सेंगर की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है.”

    कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता
    Image caption: कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता

    स्वतंत्र देव ने कहा कि उन्नाव के पार्टी अध्यक्ष को कहा गया है कि वह उम्मीदवारी के लिए तीन नए नाम पेश करें.

    साथ ही उन्होंने दावे से कहा कि 15 अप्रैल से शुरू हो रह चार चरण के पंचायत चुनाव में बीजेपी जीतेगी. उन्नाव में 26 अप्रैल को मतदान होगा.

    कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की एक अदालत ने 17 साल की लड़की के रेप के मामले में 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी.

    उनको सज़ा सुनाए जाने के बाद सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. उनकी पत्नी संगीता पहले ज़िला पंचायत अध्यक्ष के पद पर रह चुकी हैं.

  16. 26 देशों में रह रहे तिब्बतियों ने निर्वासित संसद के लिए किया मतदान

    महिला

    26 देशों में रह रहे तिब्बत के लोगों ने रविवार को धर्मशाला में निर्वासित संसद के आम चुनाव के अंतिम चरण में मतदान किया. यह मतदान अगले राष्ट्रपति के लिए हुआ है.

    तिब्बत चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त वांगडु सेरिंग ने बताया है कि इस मतदान के ज़रिए सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के 45 सदस्यों का भी चुनाव होगा जिसे निर्वासन में तिब्बती संसद कहा जाता है.

    भारत समेत पूरी दुनिया में तक़रीबन 1.3 लाख तिब्बती लोग रहते हैं. तिब्बत की निर्वासित सरकार 14 मई को अपना प्रमुख चुनेगी.

    वांगडु का कहना है कि अंतिम चरण के मतदान में सीटीए के राष्ट्रपति पद के लिए पेम्पा सेरिंग और ऑकातसंग केलसांग दोरजी ही उम्मीदवार हैं.

    तिब्बती संसद के पूर्व चैयरमेन पेम्पा सेरिंग दौड़ में सबसे आगे हैं.

  17. पश्चिम बंगाल: 'सेना के नाम पर वोट' वाले चुनाव आयोग के विज्ञापन पर विवाद -प्रेस रिव्यू

    चुनाव आयोग

    अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में अपने प्रिंट विज्ञापन में सुरक्षाबलों की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लोगों से वोट डालने की अपील की.

    दिलचस्प बात यह है कि चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को अपने चुनावी कैंपेन में सुरक्षाबलों का ज़िक्र करने या उनके नाम पर वोट माँगने से मना करता है.

    पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दिन यानी शनिवार को चुनाव आयोग का यह विज्ञापन प्रकाशित हुआ. विज्ञापन में 'अमर जवान ज्योति' का गहरा छायाचित्र और मशहूर कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का बनाया 'कॉमन मैन' दिखाया गया था.

    विज्ञापन में 'कॉमन मैन' सैनिक की एक तस्वीर को श्रद्धांजलि दे रहा है. विज्ञापन में पूछा गया है: वो देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते हैं. आप देश के लिए वोट भी नहीं दे सकत?

    इसके बाद विज्ञापन में कहा गया है, "मतदान न सिर्फ़ आपका अधिकार बल्कि आपका कर्तव्य भी है. निडर होकर वोट डालिए."

    पश्चिम बंगाल: 'सेना के नाम पर वोट' वाले चुनाव आयोग के विज्ञापन पर विवाद

    चुनाव आयोग

    चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को अपने चुनावी कैंपेन में सुरक्षाबलों का ज़िक्र करने या उनके नाम पर वोट माँगने से मना करता है. आज के अख़बारों की सुर्खियाँ.

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  18. ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा अवॉर्ड ने कैसे बदली लोगों की ज़िंदगी

    नैथन और जेम्स

    आपके लिए ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा अवॉर्ड के क्या मायने हैं? कुछ लोगों के लिए ये बस अपने बायोडाटा को चमकाने के लिए ब्रितानी ग्रामीण इलाक़ों में बरसाती मौसम में पीठ पर भरा बैग लादकर घूमने की यादें ताज़ा करता है. लेकिन जिन दसियों लाख युवाओं ने ख़ुद को सुधारने की इस चुनौती को स्वीकार किया उनमें से कई ऐसे हैं जिन्हें इसके ज़रिए जीवन बदल देने वाले मौक़े मिले.

    जेम्स कहते हैं कि यदि ये अवॉर्ड नहीं होता तो वो शायद जेल में होते. जेम्स तब 15 साल के थे और उनके दोस्त नैथन 16 साल के थे. उन दिनों उन्होंने पुलिस से कितनी बार लुकाछुपी की थी कि उन्हें याद भी नहीं है. वो उन दिनों उत्तर पूर्वी इंग्लैंड के डार्लिंग्टन में बढ़े हो रहे थे. दोनों के जीवन में करने के लिए कुछ ख़ास नहीं था. ऐसे में दोनों शरारतें करते रहते थे.

    थोड़े से रोमांच के लिए अवैध रूप से बाइक दौड़ाने की लत उन्हें छोटे-मोटे अपराधों की दुनिया में ले गई. चोरियां और समाज विरोधी काम करने में उन्हें अधिक वक्त नहीं लगा. वो संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाते.

    जेम्स अपने व्यवहार के बारे में कहते हैं, "हम बस मारपीट करते रहते थे." वहीं नैथन कहते हैं, "मैं जहां होता कुछ ना कुछ बखेड़ा ज़रूर खड़ा करता."

    2018 में अलग-अलग अपराधों में पकड़े जाने के बाद इन दोस्तों को समाजिक सेवा करने या टूटी चीज़ों की 'मरम्मत' करने का आदेश दिया गया. एक कम्यूनिटी प्रोजेक्ट में यूथ ऑफेंडिंग ऑफ़िसर डेव किर्टोन ने उन्हें बाइक ठीक करना सिखाया. दोनों ने इसे ख़ूब मज़े से सीखा.

    डेव स्वंय भी ड्यूक ऑफ़ ए़़डिनबरा लीडर हैं. उन्होंने मरम्मत करने वाले पैनल में शामिल लोगों और इन दोनों युवाओं के बीच समझौता करा दिया. शर्त ये थी कि यदि वोड्यूक ऑफ़ एडिनबरा ब्रांज़ अवॉर्डपूरा करते हैं तो उनकी समाजसेवा की सज़ा में से पांच घंटे कम कर दिए जाएंगे.

    ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा अवॉर्ड ने कैसे बदली लोगों की ज़िंदगी

    नैथन और जेम्स

    जेम्स और नैथन के लिए इस अवॉर्ड का मतलब सिर्फ़ पीठ पर बैग लादकर पर्वतारोहण करना नहीं है.

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  19. स्टालिन की बेटी को जब अमेरिकी ख़ुफ़िया तरीके से भारत से उड़ा ले गए

    स्टालिन की गोद में उनकी बेटी स्वेतलाना अलीलुयेवा
    Image caption: स्टालिन की गोद में उनकी बेटी स्वेतलाना अलीलुयेवा

    बात मार्च 1967 की है. भारत में अमेरिकी राजदूत चेस्टर बाउल्स के असिस्टेंट रिचर्ड सेलेस्ट ने अपने घर कुछ लोगों को भोज पर बुलाया था.

    अभी मेहमान आना शुरू ही हुए थे कि उनके फ़ोन की घंटी बजी. दूसरे छोर पर दिल्ली में सीआईए के दिल्ली स्टेशन चीफ़ डेव ब्ली थे. उन्होंने कहा 'सेलेस्ट तुरंत दूतावास पहुंचो'.

    सेलेस्ट ने कहा कि उनके यहाँ पार्टी चल रही है और वो मेहमानों को छोड़कर नहीं आ सकते. लेकिन सीआईए के स्टेशन चीफ़ पर उनकी गुज़ारिश का कोई असर नहीं हुआ.

    उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, "कुछ भी हो तुरंत दूतावास पहुंचो." सेलेस्ट का घर दूतावास से थोड़ी ही दूर पर था इसलिए वो कार से न जाकर पैदल ही वहाँ पहुंचे.

    जब उन्होंने दरवाज़े की घंटी बजाई तो एक गार्ड ने दरवाज़ा खोला. उसने सेलेस्ट को धीमी आवाज़ में बताया, "थोड़ी देर पहले एक महिला यहाँ पहुंची है. उसका नाम स्वेतलाना है. वो ख़ुद को स्टालिन की बेटी बता रही है."

    ब्ली से मुलाक़ात करते ही सेलेस्ट का पहला सवाल था, "क्या वो वास्तव में स्टालिन की बेटी है?"

    ब्ली का जवाब था, "हो सकता है वो स्टालिन की बेटी हो. लेकिन हम नहीं जानते. ये भी हो सकता है कि ये हमें शर्मसार करने की सोवियत की चाल हो."

    स्टालिन की बेटी को जब अमेरिकी ख़ुफ़िया तरीके से भारत से उड़ा ले गए

    स्टालिन की गोद में उनकी बेटी स्वेतलाना अलीलुयेवा

    रूस के पूर्व तानाशाह स्टालिन की बेटी स्वेतलाना अलीलुयेवा एक रोज़ टैक्सी में बैठकर दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास पहुंच गईं, जिसके बाद कई देशों में हंगामा मच गया.

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  20. प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन

    प्रिंस फ़िलिप

    प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा का शुक्रवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.

    बकिंघम पैलेस ने कहा है कि प्रिंस फ़िलिप का अंतिम संस्कार विंडसर कासल के सेंट जॉर्ज चैपल में अगले शनिवार यानी 17 अप्रैल को किया जाएगा. इस आयोजन के बारे में पैलेस ने बताया है कि इसमें कोरोना को लेकर प्रिंस फ़िलिप की सोच का ध्यान रखा जाएगा.

    इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह किसी बड़े सरकारी कार्यक्रम की जगह केवल एक औपचारिक आयोजन होगा. अंतिम संस्कार को लेकर आने वाले वक़्त में धीरे-धीरे अधिक जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.

    अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नहीं होंगे

    इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के हवाले से कहा गया है कि अगले शनिवार को ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री शामिल नहीं होंगे ताकि राजपरिवार के अधिक से अधिक लोग कार्यक्रम में शामिल हो सकें.

    प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट से जारी बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री हमेशा से शाही परिवार के हित में काम करना चाहते हैं. इसलिए शाही परिवार के अधिक से अधिक सदस्यों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने फ़ैसला लिया है कि वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे."

    बयान के अनुसार कोरोना संक्रमण के दौर में एक जगह इकट्ठा होने पर लगी पाबंदियों के मद्देनजर यह फ़ैसला लिया गया है. कोरोना के चलते एक जगह 30 से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते. इसलिए आम लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे इस आयोजन से दूर रहें.

    प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन

    प्रिंस फ़िलिप

    प्रिंस फ़िलिप के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा का शुक्रवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.

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