WHO ने यूरोप के वैक्सीनेशन प्रोग्राम को बेहद धीमा बताया, कहा- इतनी ढिलाई अस्वीकार्य है
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप में कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी गति पर चिंता प्रकट की है। यह महामारी को लंबा खींच रहा है। संगठन के अनुसार यह अमान्य है क्योंकि इस क्षेत्र में कोरोना वायरस इन्फेक्शन तेज गति से फैल रहा है।
जेनेवा, एजेंसियां। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप में वैक्सीन लगाने की गति को बेहद धीमा बताते हुए कहा है कि यह अस्वीकार्य है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह महामारी को लंबा खींच रहा है, क्योंकि इस पूरे क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण में चिंताजनक वृद्धि हो रही है। डब्ल्यूएचओ के यूरोप डायरेक्टर हैन्स क्लूग ने यह बात कही।
#UPDATE The World Health Organization slams Europe's vaccine rollout as "unacceptably slow" which it says is prolonging the pandemic as the region sees a "worrying" surge in coronavirus infections pic.twitter.com/93A4YT0TSb
— AFP News Agency (@AFP) April 1, 2021
हैन्स क्लूग ने कहा कि क्षेत्र की केवल 10 फीसदी आबादी को एक वैक्सीन की खुराक मिली है और 4 फीसदी ने पूरा कोर्स पूरा कर लिया है। हमें विनिर्माण को तेज करना होगा। टीके लगाने में अवरोधों को कम करने और स्टॉक में हर एक शीशी का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूरोप में वैक्सीन लगाने की गति ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में धीमी है। पिछले साल यह न केवल कंपनियों से टीके ऑर्डर करने में बल्कि उन्हें मंजूरी देने में भी धीमी गति थी। एक बार जब उन्हें ब्लाक द्वारा मंजूरी दे दी गई, तब भी वहां टीकाकरण की दरें काफी हद तक ब्रिटिश और अमेरिकी प्रयासों के पीछे चली गई है। क्लूज ने कहा कि यूरोप में 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को छोड़कर हर आयु वर्ग में नए संक्रमण बढ़ रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि बड़ी उम्र में किए गए टीकाकरण काम कर रहे हैं, लेकिन वैक्सीन लगाने से हिचकने युवाओं को कमजोर कर रहा है।
जैसा कि कोरोना वायरस का नए वेरिएंट का प्रसार अस्पतालों में चिंता का विषय बना हुआ है। इस कारण तनाव बढ़ता जा रहा है। धार्मिक अवकाश वेरिएंट का फैलाने में सहायक हो रहा है। वैक्सीन लगाने की गति चिंताजनक है।
इसके अलावा वैक्सीन की कम आपूर्ति, कुछ वैक्सीन निर्माताओं द्वारा निर्यात की धीमी गति के कारण वैक्सीनेशन में देरी हो रही है। रक्त का थक्का जमने की घटनाओं के बाद एस्ट्राजेनेका / ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की सुरक्षा पर चिंता भी टीकाकरण की गति पर अंकुश लगा रही है। कुछ देश अभी भी ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी के वैक्सीन के शॉट्स नहीं दे रहे हैं और जर्मनी सहित अन्य देशों ने एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रतिबंधित कर रखा है।