Rajasthan Budget 2021 Highlights: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पेश अपने बजट भाषण में किसानों से लेकर मजूदरों और सरकारी कर्मचारियों से लेकर युवाओं तक सभी वर्गों को कुछ न कुछ देने की घोषणा की। इसमें ”यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज” के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए तक की चिकित्सा बीमा, दो साल में 50000 नई नौकरियां, युवाओं को देय मासिक बेरोजगारी भत्ते में 1000 रुपए की बढ़ोतरी, किसानों को केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से 16000 करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण देने की घोषणाएं शामिल है।

राज्य का पहला ”पेपरलैस” बजट पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्होंने अपने इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है बल्कि विभिन्न मदों में 910 करोड़ रुपए की रियायतें दी हैं। गहलोत ने अगले साल से कृषि क्षेत्र के लिए अलग बजट लाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान को चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में लाने के लिए ”राजस्थान मॉडल ऑफ पब्लिक हेल्थ” लागू किया जाएगा। इस मॉडल को प्रभावी बनाने तथा सभी को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए ”राइट टू हेल्थ” विधेयक भी लाया जाएगा।

सरकार आगामी वर्ष से 3500 करोड़ रुपए की लागत से ”यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज” लागू करेगी इसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए तक की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की बाकी बचे 25 जिला मुख्यालय में भी चरणबद्ध रूप से नर्सिंग महाविद्यालय कॉलेज बनेंगे तथा सभी सात संभागीय मुख्यालयों में चरणबद्ध रूप से ”पब्लिक हेल्थ कॉलेज” स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि युवाओं को वर्तमान में देय बेरोजगारी भत्ते को 1000 बढ़ाया जाना प्रस्तावित है पहले 650 करोड़ रुपए देकर 1.60 लाख युवाओं को लाभान्वित किया गया था अब इस योजना का लाभ दो लाख युवाओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में राजीव गांधी युवा कोर का गठन किया जाएगा जिसमें 2500 राजीव गांधी युवा मित्रों का चयन किया जाएगा। राज्य में ग्रामसेवक, पटवारी व मंत्रालय कर्मचारी जैसे पदों के लिए एक जैसी पात्रता वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी समान पात्रता परीक्षा लागू किया जाना प्रस्तावित है। राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए अवसर प्रदान करने के लिए आगामी दो साल में 50,000 से अधिक पदों पर भर्तियां की जाएंगी।

गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा से किसान हितेषी रही है और कृषि ऋण माफी समेत कई महत्वपूर्ण कल्याणकारी कार्य कल्याणकारी योजनाएं लाती रही है। इस भावना को आगे बढ़ाते हुए अन्नदाता के बेहतर भविष्य है उसके हितों के संरक्षण के लिए आगामी वर्ष से कृषि के लिए अलग बजट लाया जाएगा। उन्होने कहा कि अपने वादे को निभाते हुए हमारी सरकार ने 20 लाख 89 हजार किसानों के 8000 करोड़ रुपए के कर्ज माफ किए हैं। मुख्यमंत्री ने 2021- 22 में किसानों को केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से 16000 करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित करने की घोषणा की। इस योजना में तीन लाख नए किसानों को जोड़ते हुए मत्स्य पालकों और पशुपालकों को भी सम्मिलित करना प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने कृषक कल्याण कोष के माध्यम से आगे आगामी 3 साल हेतु अनुदान आधारित मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना लागू करने की घोषणा की इसके तहत तीन लाख कृषकों को निशुल्क जैव उर्वरक दिए जाएंगे एक लाखों के लिए कंपोस्ट यूनिट की स्थापना की जाएगी। विशेष कोविड पैकेज की घोषणा करते हुए गहलोत ने कहा कि इस महामारी काल में 33 लाख असहाय, निराश्रित व मजदूर परिवारों को 3500 रुपए प्रति परिवार के हिसाब से 1155 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।

आगामी वर्ष में इन परिवारों को अंतिम किस्त के रूप में एक एक हजार रुपए रुपए की सहायता राशि दो बार में देने की घोषणा करता हूं। इस तरह गहलोत ने शहरी क्षेत्र के रेहड़ी खोमचों वालों व सर्विस सेक्टर के युवाओं तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार व रोजमर्रा की जरूरत के लिए इंदिरा गांधी शहर क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने की घोषणा की। इस योजना में पांच लाख जरूरतमंदों को 50000 रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।

इसी तरह लघु उद्यमों उद्योगों को संबल देने के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना का दायरा बढ़ाते हुए आगामी वर्ष में 10000 नए लघु उद्यमियों को 50 करोड़ रुपए की ब्याज सब्सिडी दिया जाना प्रस्तावित है। नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट आकलन के आधार पर बिना किसी शर्त के बीज राशि के रूप में प्रति स्टार्टअप पांच लाख रुपए की सहायता राशि देना प्रस्तावित किया।

उन्होंने कहा कि सरकार छात्र छात्राओं के लिए ”बैक टू स्कूल” कार्यक्रम शुरू करेगी इसके तहत राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों के कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को निशुल्क स्कूल यूनिफार्म तथा कक्षा 6 से 8 विद्यार्थियों के लिए पूरक पाठ्य पुस्तकें निशुल्क दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना काल के दौरान राज्य कर्मचारियों की रोकी डिफर गई वेतन राशि को अब जारी कर देगी।

गहलोत ने कहा कि बजट राज्य के सर्वांगीण विकास की आधारशिला तैयार करता है और इसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों के कल्याण की योजनाओं की रूपरेखा तैयार होती है। हमारी सोच है कि राज्य के किसान भाइयों, व्यापारियों, उद्यमियों, युवाओं, महिलाओं, मजदूरों व वंचित वर्ग आदि सभी तबकों को साथ लेकर हम प्रदेशवासियों के जीवन को खुशहाल बना सकें।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने देश ही नहीं बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को तोड़ दिया है इस बजट को बनाते वक्त हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यही रही कि इन मुश्किल आर्थिक हालात के बावजूद राज्य के विकास के लिए संसाधनों की कमी ना रहे। गहलोत ने कहा, ”हम यह संकल्प ले रहे हैं कि दूरगामी सोच के साथ आर्थिक संसाधन जुटाए जाने के अभिनव प्रयास किए जाएंगे और हमेशा की तरह इस चुनौती को भी एक अफसर में बदलेंगे।” अपने बजट भाषण में गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सा राशि में की गई कटौती का मुद्दा भी उठाया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020.21 हेतु राज्य को प्राप्त होने वाली राशि में केंद्र द्वारा 14000.94 करोड़ रुपए की कमी की गई आगामी वर्ष हेतु भी 40106.81 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो 2020.21 के प्रारंभिक अनुमान से भी 6779.36 करोड़ रुपए कम है। उन्होंने कहा, ”हमारे द्वारा इस कमी की पूर्ति हेतु केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित अतिरिक्त ऋण सीमा का उपयोग करने के साथ-साथ वित्तीय प्रबंधन पर फोकस किया गया है।” गहलोत ने कहा, ”हमारे द्वारा कुशल वित्तीय प्रबंधन किया जाकर राज्य के सभी तबकों के कल्याण का ध्यान रखते हुए तथा आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने की कार्य योजना बनाते हुए एक दूरगामी विजन के साथ बजट तैयार किया गया है।” बजट में आगामी वित्त वर्ष 2021 -22 में 23,750.04 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान व्यक्त किया गया है।