दिल्ली हिंसा के बाद किसान यूनियनों में विवाद के केंद्र में रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बवाल के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर रैली सफल रही और आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी।”

इससे पहले मंगलवार को भी हिंसा के बाद उन्होंने ट्वीट किया था। उसमें लिखा, “शांतिपूर्ण आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के लिए देश के किसानों को बधाई। किसानों में आक्रोश बहुत गहरा है। फिर भी उन्होंने आमतौर पर संयम का परिचय दिया। सरकार को किसानों के आक्रोश को पहचानना होगा। सरकार को हठधर्मिता छोड़कर देशहित में किसानों की मांगे मान लेनी चाहिए।”

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में दरारें दिखने के बीच बुधवार को किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया। उसी दिन संसद में बजट पेश किया जाना है। किसान संगठनों का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान भारी हिंसा के एक दिन बाद आया है। एक दिन पहले हुई हिंसा में करीब 400 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

किसान नेताओं ने हालांकि आरोप लगाया है कि मंगलवार की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी और उन्होंने इस संबंध में जांच कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन चलता रहेगा और 30 जनवरी को देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी।

किसान नेता दर्शन पाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा, “ट्रैक्टर परेड सरकारी साजिश से प्रभावित हुई थी। दीप सिद्धू आरएसएस का व्यक्ति है। पुलिस ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के बाद उसे जाने दिया।” सिद्धू अभिनेता और भाजपा सांसद सनी देओल के पूर्व सहयोगी हैं। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने को लेकर देओल ने दिसंबर में सिद्धू से खुद को अलग कर लिया था।