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राज कपूर के पेशावर स्थित पैतृक मकान को उसके मालिक ने सरकारी कीमत पर बेचने से किया इनकार, जानें पूरा मामला

दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर के पेशावर स्थित पैतृक घर को उसके मालिक ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार की ओर से निर्धारित कीमत पर बेचने से इनकार कर दिया है। खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने राज कपूर के छह मरला (151.75 वर्ग मीटर) मकान की कीमत 1.5 करोड़ रुपये तय की थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 04:02 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 04:23 PM (IST)
राज कपूर के पेशावर स्थित पैतृक मकान को उसके मालिक ने सरकारी कीमत पर बेचने से किया इनकार, जानें पूरा मामला
राज कपूर के पेशावर स्थित पैतृक घर को उसके मालिक ने बेचने से इनकार कर दिया है।

पेशावर, पीटीआइ। दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर के पेशावर स्थित पैतृक घर को उसके मालिक ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार की ओर से निर्धारित कीमत पर बेचने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार (Khyber Pakhtunkhwa Govt) ने राज कपूर (Raj Kapoor) के छह मरला (151.75 वर्ग मीटर) मकान की कीमत 1.5 करोड़ रुपये तय की थी। यही नहीं पाकिस्‍तान की इस प्रांतीय सरकार ने दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और राज कपूर (Raj Kapoor) के पैतृक घरों की खरीद के लिए कुल 2.35 करोड़ रुपए जारी करने को मंजूरी दी थी। 

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पेशावर स्थित इस चर्चित हवेली के मालिक ने कहा है कि मकान की कीमत बहुत ही कम लगाई गई है। पिछले साल सितंबर में खैबर पख्तूनख्वा की सरकार ने जीर्ण-शीर्ण अवस्था में जा चुके इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण के लिए इस पैतृक घर को खरीदने का फैसला किया था। राज कपूर के सम्‍मान में खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने पेशावर के प्रमुख इलाके में स्थित इस इमारत को एक संग्रहालय में बदलने का फैसला किया गया था। एक निजी समाचार चैनल के साथ बातचीत में हवेली के मौजूदा मालिक हाजी अली साबिर ने इसे 1.5 करोड़ रुपये में बेचने से इनकार कर दिया।

हाजी अली साबिर ने कहा कि यह हवेली पेशावर के सबसे प्रमुख इलाके में बेहतरीन लोकेशन पर है। इस इलाके में आधा मरला जमीन भी 1.5 करोड़ रुपये में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मैं छह छह मरला (151.75 वर्ग मीटर) मकान 1.5 करोड़ रुपये में कैसे बेच सकता हूं? मालूम हो कि मारला क्षेत्र की पैमाइश के लिए पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश में इस्तेमाल होनी वाली एक परंपरागत माप या मानक है। एक मारला को 272.25 वर्ग फीट या 25.2929 वर्गमीटर के बराबर माना जाता है।

पाकिस्‍तान के पुरातत्व विभाग ने राज्‍य सरकार से इस एतिहासिक इमारत को खरीदने की गुजारिश की थी। हाजी अली साबिर ने कहा कि इस हवेली की वास्‍तविक कीमत 200 करोड़ है। राजकपूर का पैतृक निवास किस्सा ख्वानी बाजार (Qissa Khwani Bazar) में कपूर हवेली के नाम से मशहूर है जो 1918 से 1922 के बीच बना था। राजकपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर इसी घर में पैदा हुए थे। विभाजन से पहले उनके बचपन के दिन यही गुजरे थे। राजकपूर की इस इमारत को प्रांतीय सरकार ने राष्‍ट्रीय विरासत घोषित किया है। 


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