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भास्कर इंटरव्यू:लोकसभा स्पीकर बोले- संसद में खाने पर सब्सिडी पर चर्चा छिड़ गई थी; जनता में सही संदेश जाए, इसलिए खत्म किया

उदयपुर3 वर्ष पहलेलेखक: स्मित पालीवाल
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा- संसद की कैंटीन में सांसद ही नहीं, बल्कि कर्मचारी भी भोजन करते हैं। सभी दलों से चर्चा कर इसे हटाने का फैसला किया। - Dainik Bhaskar
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा- संसद की कैंटीन में सांसद ही नहीं, बल्कि कर्मचारी भी भोजन करते हैं। सभी दलों से चर्चा कर इसे हटाने का फैसला किया।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला शनिवार को उदयपुर पहुंचे। दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि संसद की सब्सिडी आम जनता में चर्चा का विषय थी। जनता में सही संदेश जाए, इसलिए सर्वदलीय बैठक में इसे खत्म करने का फैसला लिया गया। पढ़िए, ओम बिड़ला से पूरी बातचीत...

संसद कैंटीन में खाने पर दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म करने की वजह क्या थी?
संसद की व्यवस्थाओं में बदलाव जरूरी था। समाज में लंबे समय से संसद कैंटीन की सब्सिडी पर चर्चा थी। कैंटीन में सिर्फ सांसद ही नहीं, बल्कि संसद के कर्मचारी और अन्य लोग भी भोजन करते हैं। ऐसे में सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर सब्सिडी हटाने का फैसला किया। हम कोशिश करेंगे कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद उचित कीमत में अच्छा भोजन मिले।

जल्द ही शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में सांसदों को कोरोना से बचाने के लिए क्या उपाए किए गए हैं?
हमने पहले भी कोरोना संक्रमण के वक्त में संसद सत्र बुलाया था। उस वक्त हमने सांसदों की कोरोना जांच के साथ ही रैपिड टेस्ट करवाए थे। फिलहाल संक्रमण पहले के मुकाबले काफी कम है। हम अब भी पहले की तरह ही सुरक्षा मानकों को लागू कर ही सत्र शुरू करेंगे। इस सत्र में भी सांसदों की कोरोना जांच के बाद ही उन्हें सदन में प्रवेश दिया जाएगा।

नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। आखिर नए भवन की क्या जरूरत थी?
भारत का संसद भवन 97 साल पुराना हो गया है। पहले के मुकाबले सांसदों की संख्या में इजाफा हुआ है। साथ ही सांसदों को नवीनीकरण के युग से जुड़ने के लिए नए संसद भवन की जरूरत थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है। संसद भवन सिर्फ सांसदों का नहीं, बल्कि लोकतंत्र का प्रतीक है।

देशभर में कृषि कानून के खिलाफ विरोध हो रहा है। इस पर आप क्या सोचते हैं?
हमारे देश में लोकतंत्र की यही विशेषता है कि यहां सब अपनी बात रख सकते हैं। फिलहाल सरकार और किसान संगठन के बीच लगातार बात चल रही है। मुझे लगता है, जल्द ही कोई सकारात्मक फैसला होगा।

17 करोड़ रुपए बचाने के लिए खत्म की सब्सिडी

ज्ञात हो कि बिड़ला ने 19 जनवरी को संसद की कैंटीन में मिलने वाली फूड सब्सिडी को खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे हर साल 17 करोड़ रुपए की बचत होगी। 2019 में विंटर सेशन के दौरान बिड़ला ने ही यह सुझाव दिया था। इसके बाद सभी सांसदों ने तय किया था कि वे कैंटीन में किसी भी तरह की सब्सिडी का फायदा नहीं लेंगे।

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