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चीन ने जीत ली गरीबी से जंग, 'अब पूरे देश में कोई गरीब नहीं रहा'

प्रतीकात्मक तस्वीर
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चीन का दावा है कि उसने अपने देश से भीषण गरीबी का खात्मा कर लिया है. साल 2012 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने एक लक्ष्य निर्धारित किया था कि साल 2020 के अंत तक वे अपने देश में घरेलू गरीबी को खत्म कर लेंगे और दक्षिण-पश्चिमी प्रांत के Guizhou में मौजूद 9 जिलों को बेहद गरीब क्षेत्र की लिस्ट से हटा लेने के बाद चीन ने अपने देश से दरिद्रता के खत्म होने की घोषणा की है. 

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इसी के साथ ही 2020 की डेडलाइन खत्म होने के एक महीने पहले ही चीन ने अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है. चीन की गरीबी रेखा का मापदंड साल 2010 की कीमतों के हिसाब से 2300 युआन प्रति वर्ष था जो लगभग 25 हजार रूपये बैठता है और ये प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 70 रूपये है.

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सीजीटीएन के अनुसार, पिछले हफ्ते चीनी प्रशासन ने अपने देश के गरीबी से जूझ रहे प्रांतों और स्वायत्त क्षेत्रों को भीषण गरीबी से मुक्त घोषित किया था. चीनी प्रशासन का दावा है कि उन्होंने बेहद गहन जांच के बाद इन जगहों को गरीबी मुक्त घोषित किया है. इनमें शिनजियांग उयेगुर क्षेत्र, निंगशिया हुयी क्षेत्र, गुआंगजी जुआंग क्षेत्र, युनान, सिचुआन और गान्सु प्रोविंस शामिल हैं. 
 

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साल 2013 में चीन में तीन में से हर एक काउंटी यानि जिले को गरीबी से ग्रस्त घोषित किया गया था. उस समय चीन में 832 काउंटी जिले ऐसे थे जो भीषण गरीबी से ग्रस्त थे और इनमें 8 करोड़ से अधिक लोग भीषण गरीबी से प्रभावित थे. बीजिंग और शंघाई को मिलाकर सिर्फ 9 प्रांत ऐसे थे जहां गरीबी नहीं थी.

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चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, पिछले सात सालों से लगातार हर साल औसतन 1 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है. साल 2012 में जहां भीषण गरीबी में रहने वाले चीनी लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ थी वही 2019 के अंत तक ये संख्या महज साढ़े 50 लाख रह गई थी. 

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