टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मेंटर देवल सहाय का 73 साल की उम्र में मंगलवार यानी 24 नवंबर 2020 को निधन हो गया। देवल सहाय ने रांची के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। देवल सहाय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके थे। देवल सहाय पिछले तीन महीने से बीमार चल रहे थे।

देवल सहाय को रांची क्रिकेट का भीष्म पितामह कहा जाता है। वह खुद भी क्रिकेट और फुटबॉल के शानदार खिलाड़ी थे। देवल सहाय सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के कार्मिक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद उन्होंने 2006 में खेल प्रशासन से भी खुद को अलग कर लिया था। उनके निधन पर झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े खेलप्रेमियों ने शोक जताया है।

देवल सहाय ने 1997-98 में महेंद्र सिंह धोनी को स्टाइपेंड पर रखा था। एमएस धोनी की बायोपिक में भी देवल सहाय का जिक्र किया गया है। महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट जगत में इतनी ऊंचाई तक पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही थी।

महेंद्र सिंह धोनी ही नहीं, देवल सहाय के निर्देशन में दर्जनों क्रिकेटर्स ने देश और प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इनमें प्रदीप खन्ना, आदिल हुसैन, अनवर मुस्तफा, धनंजय सिंह, सुब्रत दा, संजीव सिन्हा, राजीव कुमार राजा, सरफराज अहमद समेत दर्जनों क्रिकेटर शामिल हैं।

देवल सहाय ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने धोनी को रेलवे से सीसीएल में लाकर खिलवाया था। देवल सहाय के निधन पर पूर्व रणजी खिलाड़ी आदिल हुसैन ने कहा कि एकीकृत बिहार के सबसे कुशल और सफल खेल प्रशासक के निधन से हम दुखी हैं। वह खेल प्रशासक ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के अभिभावक भी थे।

देवल सहाय मेकॉन, सीएमपीडीआई व सीसीएल में वरीय पदों पर रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की सीधी नियुक्तियों का द्वार खोला। इसका ज्यादा फायदा क्रिकेटर्स को मिला। हालांकि, अन्य खेलों के खिलाड़ियों को भी नौकरियां मिलीं।

देवल सहाय के पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। उनका पहला नाम देवब्रत था, लेकिन लोग उन्हें देवल बुलाते थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें नौ अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

देवल सहाय के बेटे अभिनव आकाश ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘घर पर करीब 10 दिन बिताने के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। मंगलवार तड़के रांची में उनका निधन हो गया।’