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Neha Singh Rathore Controversy: इलाहाबाद विश्वविद्यालय पर गाए गए इस गीत से भड़के छात्र चाहते हैं कानूनी कार्रवाई, देखें - वीडियो

Neha Singh Rathore on Allahabad University Controversy बिहार की लोकगायिका नेहा सिंह राठौर अब नए विवाद में घिर गई हैं। अपने एक गाने में उन्होंने पूरब के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और छात्रसंघ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे छात्र नाराज हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:44 PM (IST)
Neha Singh Rathore Controversy: इलाहाबाद विश्वविद्यालय पर गाए गए इस गीत से भड़के छात्र चाहते हैं कानूनी कार्रवाई, देखें - वीडियो
बिहार की लोकगायिका नेहा सिंह राठौर अब नए विवाद में घिर गई हैं।

प्रयागराज [गुरुदीप त्रिपाठी]। अभिनेता मनोज वाजपेयी के गीत 'मुंबई में का बा' के जबाव में 'बिहार में का बा' गीत गाकर चर्चा में आईं बिहार की लोकगायिका नेहा सिंह राठौर का नया गाना विवादों में घिर गया है। इस नए गाने में उन्होंने पूरब के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) और यहां के छात्र संघ पर तमाम आरोप लगाए हैं। उनका ये गाना एक तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, दूसरी तरफ इविवि के छात्रों में इस गाने को लेकर काफी नाराजगी है। छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपकर नेहा सिंह पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है।वेे चाहते हैं कि नेहा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। यही वजह है कि नेहा सिहं  सिंह राठौर को सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय के छात्रों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। नेहा  अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर अब मदद की गुहार लगा रही हैं। वीडियो में देखें- कौन सा है वो गाना और उस पर क्या है विश्वविद्यालय के छात्रों और खुद नेहा सिंह राठौर की प्रतीक्रिया। वेे चाहतेे हैैंं  कि 

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विधि विभाग के छात्र शैलजाकांत ने क्या कहा...

नेहा ने अपने फेसबुक पेज पर ढोल की थाप पर एक नया गाना साझा किया है। यह खूब शेयर भी किया गया। साथ ही यहां के छात्रों ने इस गाने का विरोध करते हुए आपत्ति भी जताई। इविवि के विधि विभाग के छात्र शैलजाकांत त्रिपाठी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है 'सो कॉल्ड लोकगायिका मोहतरमा #नेहा_राठौर जी इसी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि विभाग से 75 सिविल जज और हर उत्तर प्रदेश पीसीएस के एग्जाम में सैकड़ों अधिकारी भी चयनित होते हैं उसका भी उल्लेख कर देती। बिहार में बाजार नही चमका तो यहां आ गयी आप अब। आपको जानकारी हो तो बता दूं कि अकेले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में बम नहीं चलते और कोई अपने पिता जी के पैसों का कपड़ा जूता पहन रहा है तो क्या कष्ट है आपको? मुझे नहीं पता आपका कितना नाता है इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पर आपके अब तक के तथाकथित लोक गीतों से ये जरूर पता चलता है कि आपकी सोंच हर चीज के लिए नकारात्मक है।

शोध छात्र कुंवर ने कहा ये सस्ती लोकप्रियता

इविवि के शोध छात्र कुंवर साहब सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है 'ये हैं नेहा सिंह जी...। मूलरूप से लोकगायिका के तौर पर ख्याति बटोरा है इन्होंने। बिहार से हैं और इस बार बिहार चुनाव में इनके लोकगीतों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। अब नेहा सिंह जी का एक और गीत काफी वायरल हो रहा है जो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ और यहां के सीनियर के ऊपर उन्होंने बनाया है। नेहा सिंह जी आप लोकगायिका हैं, उस रूप में आपका सम्मान है, लेकिन बिना इलाहाबाद विश्वविद्यालय की संस्कृति और यहाँ के सीनियरों के सहयोग के बारे में जाने आपने इस तरह कुछ भी उलजुलूल गाकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय, यहाँ के ऐतिहासिक छात्रसंघ, और अभिभावकों के रूप में यहाँ के सीनियरों का अपमान किया है। मुझे तो आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि कुछ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र और छात्र नेता इस वीडियो को अपने वाल पर साझा कर नेहा सिंह राठौर की गायिकी का गुणगान कर रहे हैं। अरे भाई सुन तो लीजिए कि उन्होंने जो गाया है उसमें सारी बातें अपवाद ही हैं, इसलिए बिना सोचे समझे कुछ भी साझा मत कीजिये।

शोध छात्र ने लिखा-आपकी कोरी कल्पना मात्र या एकाध अपवाद हो सकता है

इविवि के शोध छात्र कुंवर साहब सिंह ने लिखा कि नेहा जी एक बात तो हमें आपके बारे समझ आ गयी कि आपको कॉन्ट्रोवर्सी में रहना पसंद है। इसलिए आप ऐसे मुद्दे ही उठती हैं, जिसमें आपका प्रचार हो, लेकिन आपने इस गीत में जो भी बातें की है वो निराधार और आपकी कोरी कल्पना मात्र या एकाध अपवाद हो सकता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय को जीना है तो आइए शिक्षा के इस पावन मंदिर में जहाँ आपको एक नया परिवार, नए अभिवावक, नए भाई-बहन, नए दोस्त मिलेंगे जो जीवन के किसी भी पड़ाव पर चाहे वो कठिन हो या सरल आपके साथ मिलेंगे। नेहा जी आप हमारी फेसबुक फ्रेंड नहीं है तो निवेदन उन सभी लोगों से है जो उनको जानते हैं या उनके फेसबुक फ्रेंड हैं, उनसे कहिए इस गीत को अपने पेज और फेसबुक वाल से हटा लें क्योंकि यह गीत उनकी कोरी कल्पना मात्र है। यह गीत विश्वविद्यालयी गरिमा और छात्रावासीय संस्कृति को ठेस पहुंचता है।

बहुत छात्रों ने जताया विरोध तो नेहा ने मांगी मदद

इस गाने के बाद इविवि से जुड़े हजारों छात्रों ने टिप्पणी करने के साथ ही फेसबुक पर रिपोर्ट करना शुरू किया तो नेहा ने भी सोशल मीडिया पर मदद मांगी है। कुछ ही देर में उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा 'आपके सहयोग की जरूरत है... कुछ लोग इलाहाबाद विश्वविद्यालय पर लिखे गए मेरे गीत के चलते मेरी पोस्ट को रिपोर्ट कर रहे हैं। हां ये एकदम सच है कि मैं आलोचनात्मक अंदाज में अपनी बात रखती हूं। पर मेरे भाई एक बार फर्जी गर्वोन्माद से बाहर आकर सोचो। खैर मेरी सहायता कीजिए, मेरी प्रोफाइल रिपोर्ट की जा रही है। देखिए क्या हो सकता है।

आइए जानते हैं क्‍या कहती हैं नेहा सिंह राठौर

नेहा सिंह राठौर कहती हैं कि मैं गलत को गलत कहूंगी, सौ बार कहूंगी। अनफॉलो करने का डर दिखाकर आप मेरी आवाज नहीं दबा सकते। फॉलोवर बढ़ना, व्यू बढ़ना, ये सब मामूली बातें हैं। असल उद्देश्य आलोचना करते हुए कमियों को उजागर करना है। बिना कमियों को स्वीकार किये, सुधार सम्भव नहीं है।

अब इविवि में वह बात नहीं

इविवि पर गीत गाकर विवादों में घिरीं नेहा ने फेसबुक पर लिखा है कि 'आपको इतना भावुक होने की आवश्यकता नहीं है। क्यों बात-बात पर आहत हो जाते हैं? जिस इलाहाबाद विश्वविद्यालय की संस्कृति को अपमानित करने का आरोप आप मुझ पर लगा रहे हैं, वो निश्चित रूप से महान हुआ करता था। विश्वविद्यालय को 'ऑक्सफ़ोर्ड ऑफ ईस्ट' भी कहा जाता था, पर अब ऐसा कुछ भी नहीं है। एक ऐतिहासिक बुलंद इमारत में डिग्री कॉलेज बनकर रह गया है इलाहाबाद विश्वविद्यालय... और इसके जिम्मेदार हैं कुछ ऐसे 'समझदार' लोग, जो बिना बात, बात-बात पर आहत होने का स्वांग करते हैं, और विश्वविद्यालय के मूल्यों को नष्ट करते हैं। University Stands For Universal Ideas के मूल को भूलकर, हर शाखा के एक वृक्ष बनने की क्षमता की काट-छाँट करने के बाद अगर आप उम्मीद करते हैं कि ये प्यारा विश्वविद्यालय अपनी खोई हुई गरिमा वापस पा सकेगा, तो भरोसा कीजिये, आप गलत सोच रहे हैं।


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