मुंगेर में गुरुवार को हिंसा भड़कने के बाद चुनाव आयोग ने पुलिस गोलीकांड की जांच का जिम्मा मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगमा चुबा को सौंपा है। जांच रिपोर्ट सात दिनों के अंदर देने की हिदायत इन्हें दी है। इधर मुंगेर डीआईजी मनु महाराज ने मुफस्सिल थाना और वासुदेव पुलिस आउट पोस्ट के प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है। चुनाव आयोग ने भड़की हिंसा के बाद मुंगेर के जिलाधीश राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह का तबादला कर दिया है। उनकी जगह रचना पाटिल को मुंगेर का नया डीएम बनाया गया है और आईपीएस मानवजीत सिंह ढिल्लो को एसपी नियुक्त किया गया है।

मालूम रहे कि 26 अक्तूबर की रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस की कथित बेहरमी पिटाई और फिर गोलीबारी में एक नौजवान की मौत हो गई थी। और दो दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। उग्र भीड़ के पथराव की वजह से आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबल के घायल होने की बात प्रशासन कह रहा है। इस घटना के बाद मुंगेर का माहौल तनावग्रस्त हो गया। लोग डीएम व एसपी को बदलने की मांग कर रहे थे।

मगर इस पर ध्यान नहीं दिया। बल्कि 28 तारीख को मुंगेर में चुनाव कराने में चुनाव आयोग ने पूरी ताकत झोंक दी। चुनाव तो बुधवार को हो गया। लोगों ने वोट बहिष्कार भी किया। फिर भी 47 फीसदी मतदान ही हुआ। लोगों में भारी नाराजगी है कि पुलिस ने बेवजह एक युवक को गोलियों से मार डाला। मुद्दा सियासी भी हो गया। नतीजतन गुरुवार को उग्र भीड़ ने किला अहाते में स्थित एसपी दफ्तर में काफी तोड़फोड़ की। पूरबसराय पुलिस आउटपोस्ट की जीप और वहां रखी मोटरसाइकिलों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारी मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस की बर्बर कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे है। साथ ही अज्ञात लोगों ने एसडीओ के कार्यालय पर तोड़फोड़ की है।

इस घटना के बाद पुलिस ने यहां फ्लैग मार्च किया है। इस मामले पर बिहार के एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा कि ‘मुंगेर घटना की जांच की जा रही है।’ इधर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है कि ‘मुंगेर हिंसा निंदनीय है। इसके लिए जिम्मेदार कौन? आठ लोगों को गोली मारने का जिम्मेदार कौन? मां दुर्गा के भक्तों को जानवरों जैसा पीटने का जिम्मेदार कौन? साफ है, निर्दयी कुमार और निर्मम मोदी!’

राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुंगेर गोलीकांड की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराने की मांग की है। लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोषी अधिकारियों को बचाना चाहते है। उनपर तुरंत कार्रवाई हो।

आपको यहां बता दे कि मुंगेर की एसपी लिपि सिंह ने बाढ़ में एएसपी रहते नामी अनंत सिंह को गिरफ्तार किया था। अनंत सिंह मोकामा से जेल में रहकर राजद की लालटेन निशान से चुनाव लड़ रहे है। इन्हें लोग छोटे सरकार के नाम से भी पुकारते है। उसी समय से लिपि सिंह चर्चा में आई। और लेडी सिंघम कही जाने लगी। जिसे अब गोलीकांड के बाद लोजपा नेता चिराग पासवान ने जनरल डायर की संज्ञा दी है।

इसके अलावे लिपि सिंह जदयू नेता और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंहा की बेटी है। लिपि सिंह के पति आईएएस सुहर्ष भगत बांका के डीएम है। आरसीपी सिंह खुद भी उत्तरप्रदेश कैडर के आईएएस रह चुके है। बहरहाल जदयू के कद्दावर नेता माने जाते है। ऐसे में लिपि सिंह का बचाव करने का सरकार पर आरोप लाजिमी है।