फ़्रांस: नीस शहर में चाकू से हमले में तीन लोगों की मौत, एक महिला का सिर काटा गया
फ़्रांस के नीस शहर में एक संदिग्ध हमलावर ने कई लोगों पर चाकू से हमला किया है. फ़्रांस की पुलिस के मुताबिक़ हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है जिसमें एक महिला का सिर काट दिया गया है.
यह हमला फ़्रांस के मशहूर नॉट्रे डाम चर्च के पास हुआ है. हमले में कुछ लोग घायल भी हुए हैं.
नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने पत्रकारों को बताया कि संदिग्ध हमलावर बार-बार 'अल्लाहू अकबर' (अल्लाह महान है) चिल्ला रहा था. हमलावर को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
मेयर ने कहा कि जिस तरह यह हमला हुआ है, उससे इसके 'आतंकी हमला होने के' संकेत मिलते हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीस में हुए हमले की निंदा की है.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "मैं नीस के एक चर्च में हुए नृशंस हमले के साथ फ़्रांस में हाल में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं. हमारी संवेदनाएं इन हमलों में पीड़ितों के परिवारों और फ़्रांस की जनता के साथ हैं. भारत आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में फ़्रांस के साथ खड़ा है."
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फ़्रांस की राष्ट्रीय आतंक-विरोधी टीम ने मामले की जाँच शुरू कर दी है. नीस भूमध्य सागर के तट पर स्थित दक्षिणी फ़्रांस का एक प्रमुख शहर है.
कुछ ही दिनों पहले शिक्षक का सिर काटा गया था
नीस के स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो फ़्रेंच रिवेरा सिटी के इलाक़े में जाने से बचें.
फ़्रांसीसी गृह मंत्री जेराल्ड डारमेनान ने कहा है कि वो पेरिस में एक आपातकालीन बैठक बुला रहे हैं.
हमले के बाद फ़्रांस की संसद में शोक ज़ाहिर करने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया.
फ़्रांसीसी प्रधानमंत्री ज्याँ कैस्टेक्स ने लोगों से एकता और संयम बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, "इसमें कोई शक़ नहीं कि ये एक गंभीर चुनौती है जो हमारे देश के सामने खड़ी हो रही है."
हाल के कुछ वर्षों में फ़्रांस का नीस शहर ख़तरनाक हमलों का शिकार हुआ है. साल 2016 में यहाँ एक ट्यूनीशियाई ड्राइवर ने लोगों को ट्रक से कुचल दिया था. इस घटना में 86 लोगों की मौत हो गई थी.
इससे कुछ ही दिनों पहले फ़्रांस की राजधानी पेरिस में एक हमलावर ने एक शिक्षक का सिर काट दिया था. अगली सुबह चर्च में सामूहिक प्रार्थना के दौरान एक पादरी का गला काट दिया गया था.
फ़्रांस और मुसलमान देशों में तनाव
अभी कुछ ही दिनों पहले फ़्रांस की राजधानी पेरिस में एक हमलावर ने सैमुअल पैटी नाम के एक शिक्षक का सिर काट दिया था. सैमुअल एक स्कूल में इतिहास और भूगोल पढ़ाते थे.
पुलिस का कहना है कि उन्होंने अपनी एक कक्षा में अभिव्यक्ति की आज़ादी पढ़ाते हुए व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो में प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शिक्षक का सिर काटे जाने के अपराध को 'इस्लामिक आतंकवाद' का नतीजा बताया था. उनके इस बयान पर कई मुसलमान और अरब देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन ने यहाँ तक कह दिया था कि मैक्रों का 'दिमाग़ खराब' हो गया है.
इसके अलावा, कई अरब देशों में फ़्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की गई है और कई दुकानों से फ़्रांस में बने सामान हटा दिए गए हैं. इन सबके बीच फ़्रांस और दुनिया भर में सेक्युलर मूल्यों को लेकर बहस जारी है.
इस बीच फ़्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन का मज़ाक़ उड़ाते हुए एक कार्टून प्रकाशित किया और तुर्की ने फ़्रांस के ख़िलाफ़ क़ानूनी और कूटनीतिक कार्रवाई की धमकी दे डाली.
इस कार्टून में टी-शर्ट और अंडरपैंट में दिख रहे अर्दोआन कुर्सी पर बैठे हैं. उनके दाएँ हाथ में बीयर है जबकि बाएँ हाथ से वो हिजाब पहने एक महिला की स्कर्ट को पीछे से उठाते दिखाए गए हैं.
पूर्व भूमध्य सागर में तुर्की के प्रतिद्वंद्वी ग्रीस को फ़्रांस से मिल रहे समर्थन पर दोनों देश पहले से ही आपस में उलझे हुए हैं.
जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी अलगाववाद पर शिकंजा कसने के लिए नए क़दम उठाने की घोषणा की तो तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा कि मैक्रों के मानसिक स्वास्थ्य की जाँच होनी चाहिए.
भारत का क्या रुख़है?
भारत ने इस पूरे मामले में फ़्रांस और फ़्रांसीसी राष्ट्रपति का समर्थन किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी किया.
बयान में कहा गया है, "अंतरराष्ट्रीय वाद-विवाद के सबसे बुनियादी मानकों के उल्लंघन के मामले में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ अस्वीकार्य भाषा में व्यक्तिगत हमलों की हम निंदा करते हैं. हम साथ ही भयानक तरीक़े से क्रूर आतंकवादी हमले में फ़्रांसीसी शिक्षक की जान लिए जाने की भी निंदा करते हैं.''
''हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. किसी भी कारण से या किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद के समर्थन का कोई औचित्य नहीं है."
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भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान को भारत में फ़्रांस के राजदूत इमैनुएल लीनैन ने ट्वीट किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में फ़्रांस और भारत हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं.
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