Republic TV के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी ने सोमवार को ‘पूछता है भारत’ शो में बड़ा दावा ठोंका। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारी लड़ाई चल रही है। परमवीर सिंह, उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ। आज टि्वटर पर हैशटैग #IamRepublic ट्रेंड हुआ। यानी ‘मैं भी रिपब्लिक’, ‘हम भी रिपब्लिक’। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्योंकि भारत की 130 करोड़ जनता रिपब्लिक के साथ खड़ी है।

अर्णब के मुताबिक, देश की जनता समझ चुकी है कि चैनल की आवाज, उनकी आवाज है। सच की जीत का इंतजार कर रही है। जान चुकी है कि महाराष्ट्र की दमनकारी सरकार का एकमात्र एजेंडा है- एक परिवार का बचाव। इसमें पिता जी (उद्धव ठाकरे) कहते हैं कि बेटे के बारे में कुछ मत बोलना। छोटा सा बेटा (आदित्य) बोलता है- पिता के बारे में मत बोलना। इनके बीच में है- परमवीर सिंह और इनका एजेंडा चरम पर है।

देखें, शो में अर्णब गोस्वामी ने और क्या कहाः

कोर्ट ने कहा- कुछ लोगों को अधिक संरक्षण की जरूरतः सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से भड़काने वाली टिप्पणियां करने के मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों की जांच पर रोक लगाने के बंबई हाईकोर्ट के आदेश का महाराष्ट्र सरकार द्वारा विरोध करने पर सोमवार को कहा कि कुछ व्यक्तियों को अधिक गंभीरता से निशाना बनाया जाता है। उन्हें अधिक संरक्षा की जरूरत है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने उच्च न्यायालय के 30 जून के आदेश पर सवाल उठाया और कहा कि यह संकेत नहीं दिया जाना चाहिए कि कुछ लोग कानून से ऊपर है।

जज ने रिपोर्टिंग पर उठाए सवालः ‘Bar and Bench’ के मुताबिक, टॉप कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI बोबडे ने चैनल की रिपोर्टिंग के संदर्भ में कहा, “रिपोर्टिंग में जिम्मेदारी होनी चाहिए। कुछ चीजों को बेहद सावधानी के साथ कवर किया जाना चाहिए। ईमानदारी से बताऊं, तो मैं इसके (रिपोर्ताज) साथ नहीं खड़ा हो सकता हूं।” ‘Live Law’ की खबर में बताया गया कि सीजेआई ने गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे से कहा- रिपोर्टिंग में आप थोड़ा ‘ओल्ड फैशन’ हो सकते हैं। पर असल बात कहूं तो मैं इसके (रिपोर्टिंग) साथ नहीं खड़ा हो सकता। ऐसा कभी भी हमारी सार्वजनिक बातचीत का स्तर नहीं रहा है।

‘रिपब्लिक पत्रकारों का उत्पीड़न बंद हो’: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सोमवार को कहा कि वह रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज किए जाने से ”दुखी” है। कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न तत्काल बंद होना चाहिए। गिल्ड ने इसी के साथ अपने बयान में चैनल से भी जिम्मेदाराना व्यवहार की अपेक्षा जताई। साथ ही उसने इसके पत्रकारों की सुरक्षा और मीडिया की सामूहिक विश्वसनीयता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करने की भी बात कही है। बता दें कि रिपब्लिक टीवी के खिलाफ टीआरपी से कथित छेड़छाड़ और मुंबई पुलिस के खिलाफ कथित रूप से गलत खबरें चलाने के मामले में जांच चल रही है। (भाषा इनपुट्स के साथ)