कर्जदारों के लिए ब्याज पर ब्याज माफी को लेकर सरकार ने दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। वित्त मंत्रालय ने सभी उधारकर्ताओं को निर्देश भेज दिए हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई दो नवंबर को है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) के विनियमन के दायरे में आने वाले सभी उधारकर्ताओं से कहा कि सरकार ने इस संबंध में एक योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का नाम ‘कर्ज खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए साधारण ब्याज के बीच अंतर के भूतपूर्व भुगतान के अनुदान के लिए योजना’ रखा है। यह छूट एक मार्च 2020 से लेकर 31 अगस्त 2020 के बीच ब्याज पर मिलेगी।

वित्त मंत्रालय के वित्त सेवा विभाग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, ‘दो करोड़ रुपए तक के कर्ज खातों पर ही लेनदारों को ब्याज पर ब्याज माफी की राहत दी जाएगी। उधारकर्ता संचयी ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर की राशि योग्य कर्ज खाते में जमा करेंगे। यह राशि एक मार्च 2020 से लेकर 31 अगस्त 2020 के बीच कर्ज पर ब्याज माफी की अवधि के दौरान के लिए ही होगा। कर्ज खाते में इस रकम को जमा करने के बाद उधारकर्ताओं के पास 15 दिसंबर 2020 तक सरकार से इसकी भरपाई के लिए दावा करने का मौका होगा।’

केंद्र सरकार की यह योजना सभी उधार देने वाली संस्थाओं पर लागू होगी। इसमें सभी सरकारी व निजी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी), हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान और नेशनल हाउसिंग बैंक शामिल हैं। जिन लेनदारों ने 29 फरवरी 2020 या इससे पहले दो करोड़ रुपए तक का कर्ज लिया है, वे इस योजना के लिए योग्य होंगे। इसके लिए एक शर्त यह भी होगी कि 29 फरवरी 2020 तक कर्ज खाता चालू रहना चाहिए। मतलब यह कि कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति यानी एनपीए की श्रेणी में नहीं होना चाहिए।

अगर माफी (लोन मोरेटोरियम) योजना का लाभ नहीं उठाया तो भी क्या फायदा मिलेगा? ब्याज पर ब्याज माफी की रकम बैंक कब तक देंगे? इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकिरण राय के मुताबिक, यह बेहद सरल योजना है। अगर 29 फरवरी तक कर्ज एनपीए नहीं है तो सभी कर्जधारकों को फायदा मिलेगा। इसकी गणना में कोई समय नहीं लगेगा, क्योंकि समूचा काम सॉफ्टवेयर की मदद से होगा। आॅडिटर्स की मंजूरी जरूरी होगी। आॅडिटर ही पात्रता की जांच करेंगे। माना जा रहा है कि बैंक अपनी वेबसाइट पर इसको लेकर एक कॉलम तैयार करेंगे। यहां पात्र कर्जदार अपनी समस्या रख पाएंगे। वित्तीय सेवा विभाग ने उच्चतम न्यायालय के द्वारा ब्याज राहत योजना लागू करने का निर्देश दिए जाने के बाद इसके परिचालन के दिशानिर्देश जारी कर दिए।

इस योजना के क्रियान्वयन से सरकारी खजाने पर 6500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने का अनुमान है। पांच नवंबर 2020 तक सभी कर्जदारों के खाते में ब्याज पर ब्याज माफी का पैसा जमा हो जाएगा। कुल आठ तरह के कर्ज पर यह योजना लागू होगी। इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड का बकाया, वाहन ऋण, एमएसएमई ऋण, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद ऋण, व्यक्तिगत ऋण और उपभोग ऋण के धारकों को लाभ मिलेगा। आरबीआइ ने कोरोना महामारी के समय में ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें छह महीनों के लिए सुविधा दी थी। इस दौरान जो लोग वित्तीय रूप से मासिक किस्त का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्होंने इसका लाभ उठाया।

वहीं, कई लोगों ने मोरेटोरियम अवधि के दौरान भी नियमित रूप से किस्त चुकाई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि वह मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज को माफ करने के लिए तैयार हो गई है।