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समस्तीपुर जिला: आरजेडी का मजबूत किला, बदले समीकरण तेजस्वी के लिए चुनौती

पिछले चुनाव में जेडीयू के साथ मिलकर लड़ने वाली जेडीयू के सामने इस बार यहां बड़ी चुनौती है. जिले में कुल 10 विधानसभाएं हैं. 14 नवंबर 1972 में दरभंगा से अलग होकर समस्तीपुर जिला बनाया गया.

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samastipur assembly election 2020
samastipur assembly election 2020
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिले में हैं कुल 10 विधानसभा सीटें
  • 14 नवंबर 1972 को दरभंगा से अलग होकर बना था जिला
  • आलू का प्रमुख उत्पादक है समस्तीपुर जिला

बिहार का समस्तीपुर जिला आरजेडी के लिए मजबूत किला माना जाता है. पिछले चुनाव में जेडीयू के साथ मिलकर लड़ने वाली जेडीयू के सामने इस बार यहां बड़ी चुनौती है. जिले में कुल 10 विधानसभाएं हैं. 14 नवंबर 1972 में दरभंगा से अलग होकर समस्तीपुर जिला बनाया गया. जिले में चार अनुमंडल हैं. समस्तीपुर उत्तर में बागमती नदी से घिरा है, जो इसे दरभंगा जिले से अलग करता है. पश्चिम में यह वैशाली और मुजफ्फरपुर जिले के सीमाओ के पास है. दक्षिण में गंगा नदी, जबकि पूर्व में बेगूसराय और खगरिया जिले के कुछ हिस्से हैं. जिला मुख्यालय समस्तीपुर में स्थित है. 
 
सामाजिक ताना-बाना 
2011 की जनगणना के मुताबिक, समस्तीपुर जिले की कुल आबादी 42,54,782 है. जिले में साक्षरता दर सिर्फ 52.04 फीसदी है. समस्तीपुर जिले का 2,904 वर्ग किलोमीटर (1,121 वर्ग मील) का क्षेत्रफल है. समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक, बाया, कोसी, कमला, करह, जामवारी और बलान सहित कई नदियां निकलती हैं. जिले के दक्षिण भाग में गंगा नदी बहती है. समस्तीपुर अपने उपजाऊ मैदान की वजह से कृषि में समृद्ध है. तंबाकू, मक्का, चावल और गेहूं यहां की मुख्य फसलें हैं. लीची और आम फल बहुतायत में उगाए जाते हैं. समस्तीपुर में कई चीनी मिलें हैं. समस्तीपुर आलू का भी प्रमुख उत्पादक है.  
 
जिले के साथ खास बात यह है कि संसदीय क्षेत्र घोषित होते ही इसे बिहार के अति पिछड़े इलाके का दर्जा दिया गया. लिहाजा भारत सरकार इस क्षेत्र को बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड प्रोग्राम (बीआरजीएफपी) के तहत उचित फंड जारी करती रही है. 
 
2015 का जनादेश 
समस्तीपुर जिले में कुल 10 विधासभा सीटें आती हैं. इनमें कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहद्दीनगर, बिभूतिपुर, रोसरा और हसनपुर हैं. इस बार जिले में दो चरणों में चुनाव होगा. 2015 के चुनाव में इस जिले में नीतीश और लालू के महागठबंधन को 10 में से 9 सीटों पर जीत मिली थी. अब बदले समीकरण में यहां की लड़ाई देखना दिलचस्प होगा. 2015 में जिले की वारिसनगर विधानसभा सीट पर जेडीयू के अशोक कुमार को कुल 92687 वोट के साथ जीत मिली थी. उन्होंने दूसरे नंबर पर रहे एलजेपी प्रत्याशी को 58573 वोटों के अंतर से मात दी थी.

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समस्तीपुर विधानसभा सीट पर आरजेडी प्रत्याशी अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कुल 82508 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी रेनू कुमार को 51428 वोट मिले थे. उजियारपुर सीट से आरजेडी के आलोक कुमार मेहता ने 85466 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. मोरवा से जेडीयू के विद्या सागर सिंह निषाद ने 18816 वोटों से बीजेपी के सुरेश राय को हराया था.

सरायरंजन से जेडीयू के विजय कुमार चौधरी ने बीजेपी प्रत्याशी को 34044 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. कल्याणपुर सुरक्षित सीट से पिछले चुनाव में जेडीयू के महेश्वर हजारी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने लोजपा प्रत्याशी प्रिंस राज को हराया था. मोहद्दीनगर से आरजेडी की इज्या यादव ने 47137 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. बिभूतिपुर से जेडीयू के रामबालक सिंह ने सीपीएम प्रत्याशी राम देव को 17235 वोटों के अंतर से हराया था.

रोसरा की सुरक्षित सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार ने बीजेपी प्रत्याशी मंजू को 34361 वोटों से हराया था. हसनपुर सीट से जेडीयू प्रत्याशी राजकुमार राय ने 63094 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी.  

 

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