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बाबरी विध्वंस केस में 30 सितंबर को जो भी फैसला हो, जमानत नहीं लूंगी: उमा भारती

बाबरी विध्वंस मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाया जाना है. उमा भारती को भी 30 सितंबर को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में फैसला सुनने के लिए पेश होना है.

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उमा भारती (फाइल फोटो- पीटीआई)
उमा भारती (फाइल फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेपी नड्डा को उमा भारती की चिट्ठी
  • बाबरी केस पर 30 सितंबर को फैसला
  • उमा भारती का जमानत लेने से इनकार

भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी के माध्यम से उमा भारती ने जेपी नड्डा को कहा है कि बाबरी विध्वंस मामले में जो भी फैसला आए, लेकिन वो जमानत नहीं लेंगी.

बाबरी विध्वंस मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाया जाना है. उमा भारती को भी 30 सितंबर को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में फैसला सुनने के लिए पेश होना है. जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी में उमा भारती ने कहा है कि अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा.

चिट्ठी में उमा भारती ने लिखा, 'मुझे अयोध्या आंदोलन में भागीदारी पर गर्व है. मैंने हमेशा कहा है कि अयोध्या के लिए फांसी भी मंजूर है. मैं नहीं जानती फैसला क्या होगा लेकिन मैं अयोध्या पर जमानत नहीं लूंगी. जमानत लेने से आंदोलन में भागीदारी की गरिमा कलंकित होगी. ऐसे हालातों में आप मुझे नई टीम में रख पाते हैं कि नहीं इस पर विचार कर लीजिए.'

कोर्ट का फैसला मंजूर

उमा भारती ने चिट्ठी में लिखा, 'यह गर्व, आनंद और आश्चर्यपूर्ण विसंगति का विषय है कि जिस अयोध्या मामले में 2017 में सीबीआई ने मुझ पर साजिशकर्ता होने का शक व्यक्त किया, उसी का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2020 को किया. अदालत इस पर जो फैसला देगी, वह मेरे सिर माथे पर होगा.'

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उमा भारती ने कहा, 'मेरे सामने बहुत लंबी जिंदगी बाकी है जो मैं अब रामराज्य के लिए लगाऊंगी. मैं आपके विवेक पर छोड़ती हूं कि आप मुझे पदाधिकारियों की टीम में रख पाते हैं या नहीं. आप मेरे बारे में आंखें मूंद कर फैसला ले सकते हैं. मैं बीजेपी की रिजर्व फोर्स हूं. जरूरत पड़ने पर हमेशा काम आऊंगी.'

 

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