हरिवंश ने माना मत विभाजन की मांग के वक्त सीट पर थे विपक्षी सांसद - प्रेस रिव्यू

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह

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इंडियन एक्सप्रेस की रविवार की रिपोर्ट पर उपसभापति हरिवंश ने जवाब दिया है जिसे अख़बार ने सोमवार को अपने पहले पन्ने पर जगह दी है.

इसमें कहा गया है कि हरिवंश ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा है कि ये बात "सच" है कि डीएमके सांसद शिवा ने अपनी सीट से ही मत विभाजन की माँग की थी. मगर उन्होंने साथ ही ये भी ध्यान दिलाया कि मत विभाजन के लिए "सदन में व्यवस्था" का होना भी "उतना ही महत्वपूर्ण" है.

दरअसल, 20 सितंबर को विपक्ष के ज़ोरदार हंगामे के बीच कृषि सुधार से संबंधित दो बिल राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित हो गए. नाराज़ विपक्षी दल बिल के पारित होने के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव ले आए.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिल पर चर्चा के दौरान उनके रवैये ने लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है. लेकिन इसके एक दिन बाद उपसभापति के ख़िलाफ़ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया गया.

मत विभाजन की मांग ख़ारिज किए जाने को लेकर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सफ़ाई जारी करते हुए कहा कि 'मत विभाजन की मांग विपक्षी दलों के सांसदों ने अपनी सीटों से नहीं उठाई थी'.

लेकिन, इंडियन एक्सप्रेस ने 20 सितंबर की राज्यसभा की रिकॉर्डिंग का बारीकी से अध्ययन किया तो पाया कि मत विभाजन के वक्त दो सांसद अपनी सीट पर ही थे. अख़बार के अनुसार दोपहर 1 बजे से 1.26 तक की फुटेज से पता चला कि डीएमके सांसद तिरुची सिवा ने 1.10 बजे अपनी सीट से मत विभाजन की मांग की थी.

अख़बार के मुताबिक दोपहर 1 बजकर 9 मिनट पर तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन के प्रस्ताव को चुना जाता है जिसे ध्वनि मत से नकार दिया जाता है. इसी दौरान मत विभाजन की एक मांग आती है. फिर कुछ देर के लिए ऑडियो बंद हो जाता है और जब ऑडियो आता है तो उप सभापति कहते हैं कि विभाजन की मांग सीट से की जानी चाहिए थी.

अगले ही मिनट (1.10 बजे) उपसभापति डीएमके सांसद तिरुचि शिवा के एक प्रस्ताव को लेते हैं. उसे ध्वनि मत से नकार दिया जाता है. रिकॉर्डिंग में शिवा अपनी सीट पर दिखते हैं. उस दौरान वो अपना एक हाथ उठाकर विभाजन की मांग कर रहे होते हैं. डेरेक ओ ब्रायन इसके बाद अपने हाथ में नियम पुस्तिका की एक प्रति के साथ अध्यक्ष के पोडियम पर पहुंचते हैं. चिल्लाते हैं "आप यह नहीं कर सकते हैं… नियम क्या है?"

रिकॉर्डिंग में शिवा तब सीट पर ही थे.

डॉक्टर हर्षवर्धन

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हर्ड इम्युनिटी से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने किया इनकार, बोले- 'भारत अभी बहुत दूर'

द हिंदू अख़बार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के उस बयान को प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने सीरो सर्वे की आगामी दूसरी रिपोर्ट से मिल रहे संकेत के हवाले से बताया है कि भारत की जनसंख्या अभी हर्ड इम्युनिटी से बहुत दूर है.

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सोशल मीडिया के जरिए लोगों से बातचीत (संवाद-3) के दौरान डॉक्टर हर्षवर्धन ने ये कहा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर हमें सुस्त नहीं होना चाहिए बल्कि इसके लिए बनाए गए नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए.

साथ ही उन्होंने दोबारा हो रहे कोरोना संक्रमण को लेकर कहा कि वैसे तो दोबारा संक्रमण होने के मामले कम हैं लेकिन इसकी जांच आईसीएमआर कर रही है कि आखिर लोग दोबारा इससे क्यों संक्रमित हो रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव

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बिहार विधानसभा चुनावः क्या बीजेपी 100 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी?

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है. दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक कुल 243 सीटों में से जेडीयू सबसे अधिक 104 जबकि बीजेपी 100 और चिराग पासवान की एलजेपी 30 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी.

अख़बार ने सूत्रों के आधार पर यह ख़बर चलाई है और लिखा है कि सीट बँटवारे का यह फॉर्मूला लगभग तय है. इसमें एक-दो सीटों में फेरबदल हो सकता है.

इसके मुताबिक कुछ दिनों पहले एनडीए का हिस्सा बनी जीतनराम मांझी की पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो महागठबंधन से एनडीए में लौटे उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा विधानसभा की 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

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