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कृषि विधेयक के खिलाफ सुखबीर बादल ने दुष्यंत चौटाला से मांगी थी मदद

13 सितंबर को सुखबीर बादल ने दुष्यंत चौटाला से कृषि विधेयक के खिलाफ समर्थन मांगा लेकिन उनकी बात नहीं बन पाई. सुखबीर बादल का मन था कि उनकी पार्टी एसएडी और चौटाला की पार्टी जेजेपी संसद में एक साथ आए, लेकिन दुष्यंत चौटाला ने विधेयक का समर्थन किया.

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सुखबीर बादल
सुखबीर बादल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दुष्यंत चौटाला ने विधेयक का समर्थन किया है
  • चौटाला ने MSP मुद्दे पर सरकार से मांगा जवाब
  • हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

कृषि विधेयक को लेकर राजनीति तेज हो गई है. संसद से लेकर सड़क तक विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. एनडीए की गठबंधन पार्टियां भी इसका विरोध कर रही हैं. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. इसी बीच पार्टी के सांसद सुखबीर बादल के बारे में एक खबर आई है कि उन्होंने 13 सितंबर को हरियाणा के नेता दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की थी और उनसे कृषि अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा था.

सुखबीर बादल शिरोमणि अकाली दल के सांसद हैं और केंद्र में एनडीए सरकार के सहयोगी हैं. हालांकि कृषि विधेयक को लेकर इस पार्टी ने बीजेपी से अपना अलग रुख अख्तियार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक 13 सितंबर को सुखबीर बादल ने दुष्यंत चौटाला से कृषि विधेयक के खिलाफ समर्थन मांगा, लेकिन उनकी बात नहीं बन पाई. सुखबीर बादल का मन था कि उनकी पार्टी एसएडी और चौटाला की पार्टी जेजेपी संसद में एक साथ आए, लेकिन दुष्यंत चौटाला ने विधेयक का समर्थन किया है. चौटाला ने हालांकि यह जरूर कहा है कि वे सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बात करेंगे.

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बता दें कि गुरुवार को संसद में कृषि विधेयक को लेकर काफी उठा-पटक हुई और शाम तक एसएडी की सांसद और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उधर जब बिल को लोकसभा में पेश किया गया तो एसएडी के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध किया. उन्होंने सरकार को बड़ा झटका देते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी. हालांकि, शिरोमणि अकाली दल ने यह साफ कर दिया कि सरकार को समर्थन जारी रहेगा. हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं.

कृषि विधेयक को लेकर ज्यादातर राजनीतिक दल किसानों के समर्थन में हैं. कांग्रेस और पंजाब सरकार किसानों के साथ है. शिरोमणि अकाली दल भी इस मसले पर केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी है. एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद अकाली दल ने कृषि विधेयक से जुड़े बिल पर सरकार का विरोध करने का ऐलान किया है. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल को चुनौती दी थी कि वे एनडीए से अलग हो कर दिखाएं. पंजाब में इस मुद्दे पर कई दिनों से राजनीति गरम है.

किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से लाए गए 3 विधेयक लोकसभा में पेश किए गए हैं. ये तीनों विधेयक 5 जून, 2020 को अधिसूचित 3 अध्यादेशों का स्थान लेंगे. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 और किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश किया है जबकि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहेब पाटिल दानवे ने पेश किया था.

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