कोरोना दौर में शेयर बाजार में क्यों कूद रहे हैं नौसिखिए निवेशक?

केली मिल्स

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महामारी के दौरान बिना किसी नौकरी के घर पर बैठी केली मिल्स ने शुरुआती दिनों में वीडियो गेम्स खेलकर अपना टाइम पास किया. बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न असली गेम यानी स्टॉक मार्केट में हाथ आजमाया जाए.

वे बताती हैं, "मैंने सोचा कि अगर मैं इन फालतू के कामों में इतना दिमाग लगा रही हूं तो निश्चित तौर पर मुझे स्टॉक मार्केट को समझने के लिए वक्त देना चाहिए."

जल्द ही लुसियाना की 34 साल की केली रेडिट पर कंपनियों के बारे में होने वाली बातचीत को ट्रैक करने लगीं. साथ ही वे एग्जिक्यूटिव कॉन्फ्रेंस कॉल्स को सुनने लगीं और शेयर प्राइसेज को ट्रैक करने लगीं.

वे कहतीं हैं, "मैं बोर हो गई थी. यह मेरे पैसे कमाने के लिए नहीं था. मैं केवल अपना टाइम पास करना चाहती थी."

मिल्स की तरह से हालिया महीनों में अमरीका में लाखों नए निवेशकों ने शेयर मार्केट में एंट्री की है. मार्च में शेयरों की कीमतों में अचानक आई तेज गिरावट, ब्रोकरेज फर्मों के बेहद कम या जीरो फीस ऑफर करने और सरकार की तरफ से महामारी के भत्ते मिलने से लोग स्टॉक मार्केट की ओर शिफ्ट हुए हैं.

इस साल के शुरुआती तीन महीनों में चार्ल्स श्वाब, टीडी अमेरीट्रेड, ईट्रेड और रॉबिनहुड जैसे ऑनलाइन ब्रोकर्स के यहां 45 लाख नए खाते बने हैं. इनमें से कई अकाउंट्स मार्च में मार्केट को लेकर पैदा डर के चरम के वक्त खुले हैं.

कोलोराडो में रहने वाले एरिक सदरलैंड सेल्स में काम करते हैं. एरिक ने रॉबिनहुड में अपना अकाउंट खुलवाया है. मार्च के बाद से अब तक वे करीब 1,300 डॉलर शेयरों में निवेश कर चुके हैं.

वे कहते हैं, "जब भी मार्केट क्रैश होता है तो यह खरीदारी का एक मौका होता है. ऐसा नहीं है कि मार्केट वापसी नहीं करेगा, तो फिर मैं इसमें पैसा क्यों न लगाऊं."

वॉल स्ट्रीट की चिंताएं

एरिक

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दूसरे फैक्टरों के साथ ही नए निवेशकों की मांग के चलते भी मार्केट में तेजी देखी जा रही है. हालांकि, अर्थशास्त्री चेतावनी दे रहे हैं कि रिकवरी धीमे और एकसमान नहीं होगी.

अमरीका में नास्डैक इंडेक्स जून में नई ऊंचाई पर पहुंच गया और यह लगातार ऊपर जा रहा है.

एसएंडपी 500 महामारी के पहले के रिकॉर्ड से महज 5 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है. दूसरी ओर, डाओ जोंस तकरीबन 10 फीसदी नीचे बना हुआ है.

हालांकि, कुछ निवेशक पेनी स्टॉक्स (सस्ते शेयरों) में पैसा लगाने को तरजीह दे रहे हैं, लेकिन कई निवेशक एमेजॉन और एयरलाइंस जैसे नामचीन शेयरों में पैसा लगा रहे हैं. डेटाट्रेक रिसर्च के को-फाउंडर निक कोलास कहते हैं कि इसकी वजह यह है कि निवेशकों को लग रहा है कि जब भी रिकवरी होगी ये स्टॉक्स सबसे तेजी से वापसी करेंगे.

वे कहते हैं, "नए निवेशकों की टाइमिंग जबरदस्त है, इसे चाहे आप उनकी किस्मत बोलें या स्किल कहें. उन्होंने शेयरों में तब पैसा लगाया है जब वे सबसे निचले स्तर पर मौजूद थे, जब चीजें बेहद खराब दिखाई दे रही थीं. अब इनके दाम तेजी से चढ़ना शुरू हो गए हैं."

लेकिन, फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद मार्केट में आई तेजी के मुकाबले इस बार शेयरों ने ज्यादा तेज रफ्तार से वापसी की है और इसने नए-नवेले निवेशकों के उठाए जा रहे जोखिम को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं.

फाइनेंशियल मीडिया में इन निवेशकों की मौजूदगी की तुलना 1990 के दशक में तथाकथित डे ट्रेडिंग (एक ही दिन में शेयर को खरीदना और उसे बेच देना) में आए उछाल से की जा रही है. इसे आज डॉटकॉम के बुलबुले के फूटने की चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है.

अरबपति हेज फंड निवेशक लियोन कूपरमैन ने जून में एक इंटरव्यू में कहा था, "ये बेवकूफी वाले काम कर रहे हैं और मेरी राय में इनको अंत में नुकसान उठाने पड़ेंगे."

टॉम प्रिस्काट

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लेकिन, मिल्स जैसे लोगों के लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है क्योंकि ये लोग महामारी के दौर में बस अपना टाइम पास करने के लिए स्टॉक ट्रेडिंग कर रहे हैं.

ये चेतावनी उन लोगों के लिए ज्यादा चिंता वाली है जिन्होंने भारी पूंजी इसमें लगाई है और जिन्हें सबकुछ गंवाना पड़ सकता है.

पिछले महीने 20 साल के एक निवेशक की उम्मीदों को इतना बड़ा झटका लगा कि उसने आत्महत्या कर ली. ये निवेशक रॉबिनहुड ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग करता था.

इस मामले ने तूल पकड़ लिया और इसी हफ्ते रॉबिनहुड को कहना पड़ा कि वह यूके में अपने लॉन्च को अनिश्चितकाल के लिए टाल रहा है.

'मुझे कोई आइडिया नहीं था'

नौसिखिए निवेशकों के मार्केट में कूदने का मामला केवल यूएस तक सीमित नहीं है. 28 साल के टॉम प्रिसकॉट यूके के हैं और फिलहाल स्पेन की राजधानी मैड्रिड में एक अमरीकी सॉफ्टेवयर कंपनी में काम करते हैं.

वे कहते हैं, "मैं अपने फ्लैट में कैद हो गया था. मैं अपनी आमदनी बढ़ाने के बारे में सोच रहा था. मेरे कुछ दोस्तों ने बताया कि शेयरों के दाम अभी बेहद कम चल रहे हैं."

बाज़ाक

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उन्होंने घंटों ट्रेडिंग सीखने के ट्यूटोरियल्स पर लगाए, लेकिन जब उन्होंने पैसे लगाए तो चंद मिनटों में ही अपने हाथ जला बैठे.

वे बताते हैं, "मैंने 100 यूरो से शुरुआत की थी. मैं शेयरों के भाव ऊपर-नीचे होने के टिकर चलते देखकर काफी उत्साहित था."

उन्होंने 16 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर तेल में पैसा लगाया था. उन्हें लग रहा था कि कीमतें हर हालत में ऊपर जाएंगी. लेकिन, तकरीबन तत्काल दाम गिरकर 14 डॉलर पर आ गया.

वे कहते हैं, "मेरे पास इस नुकसान की भरपाई करने के लिए पैसा नहीं था. ऐसे में मेरी पोजिशन खत्म हो गई. मुझे पता ही नहीं चला कि आखिर हुआ क्या."

"मुझे लगा कि मैं बैरल खरीद रहा हूं, लेकिन ऐसा नहीं था. मैं उधार ले रहा था. मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार इतनी तेजी से 100 यूरो गंवाए थे."

'मूर्ख नहीं हूं'

केली मिल्स

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मिल्स कहती हैं कि वे मौजूदा ट्रेडिंग गतिविधि कयासबाजी से बढ़कर है.

मिसाल के तौर पर, एक ड्रोन स्टॉक को वे फॉलो कर रही थीं. तभी कंपनी के फाउंडर की बेटी का एक वीडियो सामने आया जिससे यह लगा कि उनकी कंपनी का समझौता एमेजॉन के साथ हो गया है और शेयर तेजी से ऊपर चला गया. लेकिन, बाद में खबर आई कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है, और फिर शेयर नीचे आ गया.

लेकिन, मिल्स गिरावट आने से पहले ही अपनी होल्डिंग को बेच चुकी थीं. उन्होंने इस स्टॉक में 5 डॉलर लगाए थे. इस निवेश पर उन्होंने करीब 100 डॉलर कमा लिए थे.

वे कहती हैं, "मैं मूर्ख नहीं हूं. मैं यह मानकर चल रही थी कि मुझे यह पैसा वापस नहीं मिलेगा और अगर मुझे कुछ कमाई हो गई या बिना नुकसान के भी मैं इससे निकल गई तो कोई बुरी बात नहीं होगी.

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