पड़ोसी देश श्रीलंका के संसदीय चुनाव की काउंटिंग के शुरुआती रुझान वहां के पीएम महिंदा राजपक्षे की पार्टी एसएलपीपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे को फोन कर उनकी चुनावी जीत के लिए बधाई दी है. फोन पर दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने इस बारे में ट्वीट भी किया.
राजपक्षे ने ट्वीट कर किया पीएम मोदी का थैंक्स
महिंदा राजपक्षे ने ट्वीट कर पीएम मोदी को जीत की बधाई देने के लिए धन्यवाद किया. अपने ट्वीट में महिंदा ने लिखा, "पीएम नरेंद्र मोदी जी आपके बधाई वाले फोन के लिए धन्यवाद. श्रीलंका के लोगों के मजबूत समर्थन के साथ हम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. श्रीलंका और भारत संबंधी और मित्र हैं.
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Thank you, Prime Minister @PresRajapaksa! It was a pleasure to speak to you. Once again, many congratulations. We will work together to further advance all areas of bilateral cooperation and to take our special ties to ever newer heights. https://t.co/123ahoxlMo
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2020
पीएम मोदी ने ट्विटर पर फिर दी बधाई
राजपक्षे के ट्वीट के बाद पीएम मोदी ने एक बार फिर ट्विटर पर भी उन्हें जीत की बधाई दी. राजपक्षे के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, "धन्यवाद प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे! आपसे बात करके खुशी हुई. एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई. हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को हमेशा नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे."
श्रीलंका में वापस सरकार बना सकती है राजपक्षे की पार्टी
यहां आपको बता दें कि काउंटिंग के शुरुआती रुझान बताते हैं कि संसदीय चुनाव में यह पार्टी अन्य दलों का सूपड़ा साफ कर सकती है. गुरुवार सुबह शुरू हुई वोट काउंटिग से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. श्रीलंका की अन्य पार्टियों की तुलना में एसएलपीपी को ज्यादा वोट मिलते दिख रहे हैं. दक्षिण इलाके के पांच क्षेत्रों के रिजल्ट घोषित हो चुके हैं जिनमें 60 फीसदी वोट एसएलपीपी को मिले हैं. दक्षिण का यह पूरा इलाका सिंहला समुदाय का गढ़ माना जाता है.
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यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) चौथे स्थान पर सरकती दिख रही है. यह बिल्कुल नई पार्टी है और जिसे पूर्व राष्ट्रपति उम्मीदवार सजीत प्रेमदासा ने बनाया था. यूएनपी से ज्यादा अच्छा मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) करती दिख रही है. बता दें, जेवीपी श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी है.
उत्तर में तमिल अल्पसंख्य समुदाय का कब्जा है. यहां की मुख्य तमिल पार्टी ने जाफना पोलिंग डिविजन में जीत हासिल की है. जबकि राजपक्षे की गठबंधन वाली पार्टी ईलम पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (ईपीडीपी) ने दूसरे जाफना पोलिंग डिविजन में तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) को पराजित किया है.
गौरतलब है कि श्रीलंका में बुधवार को संसदीय चुनाव हुए थे. गुरुवार सुबह वोटों की गिनती शुरू हुई है. वोटों की गिनती शुरू होते ही एसएलपीपी के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक बासिल राजपक्षे ने कहा कि उनकी पार्टी अगली सरकार बनाने जा रही है. बासिल राजपक्षे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के छोटे भाई हैं और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से बड़े हैं.