सुप्रीम कोर्ट ने मार्च महीने में आदेश दिया था कि सेना की तर्ज पर नौसेना में सेवारत महिला अधिकारियों को भी स्थायी कमीशन दिया जाए. इस फैसले को लागू नहीं किए जाने पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना की छह महिला अधिकारियों को सेवा मुक्त करने पर भी रोक लगा दी है.
शॉर्ट सर्विस कमीशन की इन महिला अधिकारियों को 6 अगस्त के दिन सेवा से मुक्त किया जाना था. सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं दिए जाने पर टिप्पणी भी की. कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को एक मॉडल नियोक्ता होना चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान कोर्ट में यह जानकारी दी गई कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण महिलाओं को स्थायी कमीशन देने संबंधी बदलाव नहीं हो सका है.
केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि नीति में बदलाव न हो पाने की वजह से महिला अधिकारियों की सेवा समाप्त करने की नोटिस जारी की गई है. गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय ने छह महिला अधिकारियों को सेवा समाप्त करने की नोटिस दी थी. इन अधिकारियों की सेवा 6 अगस्त से समाप्त की जानी थी. महिला अधिकारियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
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बता दें कि इसी साल 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना में भी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से दी गई शारीरिक सीमा की दलील को खारिज करते हुए इसे रूढ़ियों का मामला बताया था. कोर्ट ने सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिलाओं को अवसर से दूर रखने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी.