बिहार में बाढ़ के चलते जन जीवन अस्त व्यस्त है। सड़क और इमरातें डूबने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं। राज्य में सैंकड़ों घर भी  जलमग्न हो चुके हैं। 29 दिन पहले मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटित गोपालगंज के सत्तरघाट पुल के भी खबर सामने आई है लेकिन इस खबर को नीतीश कुमार के मंत्री ने झूठी खबर बताया है। उन्होंने इस घटना को लेकर सफाई पेश की है और एक वीडियो भी जारी किया है।

नंद किशोर यादव ने ट्वीट करते हुए एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, नेता प्रतिपक्ष सत्तरघाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर फैला रहे हैं। इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है। सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भी ट्वीट करते हुए खबर को गलत बताया है, उन्होंने लिखा है, मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर चल रही है, जो सही नहीं है। तथ्य यह है कि सत्तर घाट मुख्य पुल से करीब दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लंबे छोटे पुल का पहुंच पथ (सड़क), जो गंडक नदी के तटबंध के अंदर है, पानी के दबाव से कट गया है।

ट्वीट करते हुए कहा गया है कि सत्तर घाट मुख्य पुल से 2 किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लंबाई के छोटे से पुल का पहुंच पथ कटा है, जो गंडक नदी के बांध के अंदर अवस्थित है।

गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज्यादा है इस कारण उनके पहुंचकर सड़क का हिस्सा कट गया यह अप्रत्याशित पानी के दबाव के कारण हुआ। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ सत्तरघाट पुल जो 1.4 किलोमीटर लंबा है, वह पूरी तरह से सुरक्षित है।