राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बीच सियासी संकट दिख रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तलवारें खिंच चुकी हैं. इस बीच कांग्रेस के अन्य नेताओं की ओर से लगातार बयान आ रहे हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरूपम का कहना है कि पार्टी को सचिन पायलट को रोकना चाहिए, अगर एक-एक कर सभी चले जाएंगे तो बचेगा कौन?
संजय निरूपम ने इस संकट पर साफ कहा कि राजस्थान के संकट का एक ही समाधान है, सचिन पायलट को रोका जाए. समझाया जाए और बातचीत से मसले का हल निकाला जाए, अगर हर कोई चला जाएगा तो बचेगा कौन?
आपको बता दें कि इससे पहले कपिल सिब्बल, शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम समेत कई बड़े नेताओं ने सचिन पायलट को लेकर बयान दिया था और कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए. इससे पहले भी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत के तेवर दिखाए थे, तब भी कांग्रेस में ऐसी आवाज उठी थी.
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खत्म हो गया राजस्थान का संकट?
एक तरफ सचिन पायलट की ओर से बगावत की गई तो दूसरी ओर अशोक गहलोत की ओर से अपना शक्ति प्रदर्शन किया गया है. अशोक गहलोत ने सोमवार को सौ से अधिक विधायकों की मीडिया के सामने परेड करवाई और दिखाया कि बहुमत उनके पास ही है.
इससे पहले सचिन पायलट की ओर से दावा किया जा रहा था कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन हैं और अशोक गहलोत के पास बहुमत नहीं हैं. लेकिन अब जब अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायक जुटाए हैं, ऐसे में सरकार पर किसी तरह का संकट नहीं दिखता है.
ऐसे में अब बड़ा संकट सचिन पायलट के सामने आता है कि अब वो क्या रुख अपनाएंगे. क्योंकि उनके पास विधायकों की संख्या का दावा फेल होता दिख रहा है. ऐसे में क्या वो एक बार फिर कांग्रेस के पास वापस आते हैं.