कैंपेन पर कार्रवाई:ट्विटर ने अमूल का अकाउंट ब्लॉक किया, लोगों ने नाराजगी जताई तो दोबारा स्टोर किया गया

नई दिल्ली4 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
अमूल के एक्जिट द ड्रैगन कैंपने में अमूल गर्ल ड्रैगन को रोकते नजर आई थी। इसे पोस्ट करने के बाद अमूल का अकाउंट ट्विटर ने ब्लॉक कर दिया था। - Dainik Bhaskar
अमूल के एक्जिट द ड्रैगन कैंपने में अमूल गर्ल ड्रैगन को रोकते नजर आई थी। इसे पोस्ट करने के बाद अमूल का अकाउंट ट्विटर ने ब्लॉक कर दिया था।
  • ट्विटर ने अमूल के ‘एक्जिट द ड्रैगन’ कैंपेन के बाद अकाउंट ब्लॉक किया, इसमें चीनी उत्पादों के बायकॉट का समर्थन किया गया था
  • अमूल ने स्पष्ट किया- ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी के मुताबिक हमारा अकाउंट तकनीकी कारणों से ब्लॉक किया गया था

भारत के सबसे बड़े डेयरी ब्रांड का ट्विटर अकाउंट शुक्रवार को ब्लॉक कर दिया गया था। दरअसल, ट्विटर के द्वारा यह कदम अमूल के ‘एक्जिट द ड्रैगन’ कैंपेन के बाद उठाया गया था। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बात को लेकर खासी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद अकाउंट को फिर से शुरू किया गया। ट्विटर पर बताया कि सुरक्षा कारणों के चलते इस अकाउंट को बंद किया गया था। 

अमूल के 'एक्जिट द ड्रैगन कैंपेनट में अमूल की ब्रांड कैरेक्टर अमूल गर्ल एक हाथ से ड्रैगन को रोकती नजर आ रही थी। इसके नीचे छोटे अक्षरों में ‘मेड इन इंडिया’ लिखा था। इसमें चीनी उत्पादों का बायकॉट करने का समर्थन किया गया था। 

तकनीकी कारणों से ब्लॉक हुआ अमूल का अकांउट: अमूल

अमूल देश का सबसे बड़ा डेयरी ब्रांड है। इसे गुजरात कॉपरेटिव मिल्क् मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) चलाता है। जीसीएमएमएफ के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा कि हमारा अकाउंट 4 जून को ब्लॉक किया गया था। कुछ प्रोटोकॉल अपनाने के बाद इसे 5 जून को दोबारा शुरू कर दिया गया।

शनिवार को उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी से बात हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा अकाउंट कंटेंट के कारण नहीं बल्कि तकनीकी वजहों से ब्लॉक हुआ था।’’ 
55 सालों से चल रहा है अमूल का कैंपेन

सोढ़ी ने कहा कि अमूल बटर गर्ल कैंपेन पिछले 55 सालों से चल रहा है। इसमें अमूल गर्ल देश-विदेश में होने वाली किसी भी गतिविधि पर टिप्पणी करती है। यह सिर्फ देश के मूड को बताता है। इसमें न तो किसी का समर्थन किया जाता है और न ही किसी को बख्शा जाता है। अमूल ड्रैगन कैंपेन कोई टिप्पणी नहीं थी। इसके जरिए से यह बताने की कोशिश की गई थी कि देश क्या सोचता है।

    Top Cities