एनआईए की चार्जशीट में 'लाल सलाम' और 'कॉमरेड' का ज़िक्र क्यों? - प्रेस रिव्यू

असम में प्रदर्शन

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अंग्रेज़ी अख़बारइंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने पिछले साल दिसंबर में असम में हुई हिंसा के सिलसिले में कुछ समूहों के खिलाफ़ आरोपपत्र दायर किया है.

इस चार्जशीट में एनआईए ने लिखा है कि एक प्रदर्शनकारी ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में 'कॉमरेड' और 'लाल सलाम' जैसे शब्द लिखे थे.

29 मई को फ़ाइल की गई इस 40 पन्नों की चार्जशीट में एनआईए ने लिखा है, "बिट्टू सोनोवाल ने अपने दोस्तों को 'कॉमरेड' और 'लाल सलाम' जैसे शब्दों का प्रयोग किया है. एक फ़ेसबुक पोस्ट में उसने लेनिन की तस्वीर लगाई है और लिखा है- पूंजीवाद हमें जो रस्सी बेचेगा हम उसी रस्सी से उसका गला घोंटेंगे."

बिट्टू सोनोवाल असम की कृषक मुक्ति संग्राम समिति के प्रमुख एक्टिविस्ट अखिल गोगोई के क़रीबी सहयोगी हैं. कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने पिछले साल दिसंबर में सीएए के ख़िलाफ़ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था.

वायरल हो रहे वीडियो का स्क्रीनशॉट

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जोधपुर में पुलिस ने जॉर्ज फ़्लॉयड की तर्ज पर घुटनों से रौंदी गर्दन

जोधपुर से आए एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है. इस वीडियो में मास्क न पहनने की वजह से एक पुलिस कॉन्सेटबल को एक व्यक्ति की गर्दन को घुटने से दबाए देखा जा सकता है.

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सोशल मीडिया पर लोग इसे भारत का 'जॉर्ज फ़्लॉयड हमला' बता रहे हैं. ये वीडियो सामने आने के बाद जोधपुर पुलिस की तीख़ी आलोचना हो रही है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के अनुसार मुकेश कुमार प्रजापत नाम का व्यक्ति बिना फ़ेस मास्क पहने घर से बाहर निकला था. हालांकि जोधपुर (वेस्ट) की डीसीपी प्रीति चंद्रा का कहना है कि पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए ये क़दम उठाया.

उन्होंने कहा, "वो व्यक्ति बिना मास्क के घर से बाहर था. पुलिस ने जब उससे इस बारे में पूछा तो उसने अपनी जेब से मास्क निकालकर उन्हें दिखाया और धमकी देने लगा. इसके बाद पुलिस ने जीप मंगाई लेकिन जीप आने से पहले ही शख़्स ने पुलिस को थप्पड़ों और मुक्कों से मारना शुरू कर दिया. इसकी वजह से पुलिस को ये क़दम उठाना पड़ा."

कुछ दिनों पहले अमरीका में भी ऐसी ही घटना सामने आए थी जब कुछ गोरे पुलिस वालों ने एक काले अमरीकी जॉर्ज फ़्लॉयड की गर्दन को अपने घुटनों से रौंद दिया था और काफ़ी देर तक सांस न लेने पाने की वजह से जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत हो गई थी.

इस घटना के बाद से अमरीका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और वहां काले लोगों के ख़िलाफ़ नस्लीय भेदभाव और हिंसा की बहस एक बार फिर छिड़ गई है.

स्कूली बच्चे

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स्कूल खोलने को लेकर डरे अभिभावक

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पहले पन्ने पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार ज़्यादातर अभिभावक अभी स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं हैं.

एक ऑनलाइन सर्वे के अनुसार 224 ज़िलों के ज़्यादातर अभिभावकों को नहीं लगता कि स्कूल खोले जाने पर फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों और अन्य सावधानियों का पालन संभव हो पाएगा. ये सर्वे लोकल सर्कल्स नाम के एक सोशल मीडिया कम्युनिटी ग्रुप ने कराया था.

सर्वे के नतीजों के मुताबिक़ सिर्फ़ 11 फ़ीसदी अभिभावक ही अभी स्कूल खुलने के पक्ष में हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार अनलॉक के दूसरे चरण में राज्य सरकारों से सलाह-मशविरा करने के बाद स्कूल खोले जा सकते हैं.

नरेंद्र मोदी, शी ज़िनपिंग

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आख़िरकार भारत और चीन में सहमति बनी

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जनसत्ता में प्रकाशित ख़बर के अनुसार संयुक्त सचिव स्तर की बातचीत में दोनों देशों ने एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए विवादों के निबटारे पर ज़ोर दिया.

पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के एक महीने पूरे होने के बाद भारत और चीन के बीच इतने बड़े स्तर पर बातचीत हुई है. ये बातचीत शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिग के ज़रिए भारतीय विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय के महानिदेशक वु जियांगहो के बीच हुई.

विदेश मंत्रालय ने इस बातचीत का ब्योरा देते हुए बताया कि दोनों पक्षों ने ताज़ा हालात समेत कई मसलों पर द्विपक्षीय सम्बन्धों की समीक्षा की. इस बारे में भारत-चीन में विवाद की स्थिति में बातचीत के खाके पर सहमति बनी.

भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि नेतृत्व के तय के निर्देशों के आधार पर मतभेदों को शांतिपूर्ण वार्ता से निबटाया जाना चाहिए.

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