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भारत में हर तीन हफ़्ते में संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी हो रही है – WHO
भारत में अब तक 2.26 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 6348 पहुंच चुकी है. मुंबई से लेकर दिल्ली तक स्वास्थ्य तंत्र के चरमराने के संकेत सामने आ रहे हैं.
लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आई ताजा जानकारी बताती है कि भारत समेत अन्य दक्षिण एशियाई देशों में अब तक ये वायरस बहुत तेज गति से नहीं फैल रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत
में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या हर तीन हफ़्तों में दोगुनी हो रही
है लेकिन अब तक भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ये बीमारी बहुत तेज गति से नहीं फैली
है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकाल टीम के प्रमुख डॉ. माइक रायन ने कहा है, “दक्षिण एशिया के भारत, बांग्लादेश,
पाकिस्तान समेत अन्य देश जहां काफ़ी सघन आबादी रहती हैं वहां ये वायरस बेहद बहुत तेज
गति से नहीं फैला है. लेकिन ऐसा होने का जोख़िम बना हुआ है.”
इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामिनाथन कहती हैं कि
दो लाख लोगों का संक्रमित होना काफ़ी ज़्यादा लगता है लेकिन भारत एक अरब तीस करोड़
लोगों का देश है, ऐसे में भारत की जनसंख्या के लिहाज़ से संक्रमित होने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा नहीं है.
इस बार लॉकडाउन की वजह से ये परीक्षाएं निर्धारित समय पर नहीं हो सकीं. अब यूपीएससी ने इन सभी परीक्षाओं के लिए नया कैलेंडर जारी किया है.
अमरीका में बेरोज़गारी में कमी, अर्थव्यवस्था के लिए 'अच्छी' ख़बर
अमरीका की अर्थव्यवस्था ने कई आर्थिक समीक्षकों को हैरान कर दिया है. पिछले महीने जब अमरीका कोरोना वायरस की मार झेल रहा था, उसी महीने में अमरीका की जॉब मार्केट बेहतर हुई है.
मई महीने में कुल 25 लाख नई नौकरियों का इज़ाफ़ा हुआ और अप्रैल महीने में बेरोज़गारी की दर 14.7 फ़ीसदी से गिर कर इस महीने ये 13.3 फ़ीसदी हो गई.
हालाकि इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि अमरीका में बेरोज़गारी की दर 20 फ़ीसदी तक बढ़ सकती है लेकिन शायद कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील देने और आर्थिक गतिविधियों को दोबारा बहाल करने से इसमें फ़र्क़ पड़ा है.
बावजूद इसके ये आंकड़े कोरोना फैलने से पहले के आंकड़ों की तुलना में बहुत ज़्यादा हैं.
इस साल की शुरुआत में बेरोज़गारी की दर 50 साल में सबसे कम 3.5 फ़ीसदी हो गई थी.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ़ौरन इसका क्रेडिट लेते हुए ट्वीट कर दिया.
बाद में उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि कई आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा था कि बेरोज़गारी में इज़ाफ़ा होगा लेकिन अमरीका में 25 लाख नई नौकरियां पैदा हुईं हैं.
उन्होंने कहा, "ये बहुत ही शानदार है- आज जो हुआ. उन्होंने सोचा था कि 90 लाख नौकरियां चली जाएंगी लेकिन यहां तो क़रीब तीस लाख का फ़ायदा हुआ. मेरा मानना है कि हमारे आने वाले कुछ महीने बहुत अच्छे होंगे."
ब्रिटेन की कंपनी ने कोविड-19 की संभावित वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया
Getty ImagesCopyright: Getty Images
ब्रिटेन की दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने कोरोना वायरस की रोकथाम के
लिए तैयार किये गए संभावित टीके के उत्पादन का काम शुरू कर दिया है.
हालांकि यह टीका अभी सिर्फ़ पहले स्टेज के ट्रायल में ही सफल साबित हुआ है.
कंपनी ने ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों के साथ मिलकर इस टीके को
विकसित किया है और फ़िलहाल इसका ट्रायल चल रहा है.
लेकिन कंपनी के मालिक पास्कल सोरिअट ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि ‘एस्ट्राज़ेनेका
का मानना है कि हमें अभी से इस टीके की खुराक बनाने का काम शुरू कर देना चाहिए,
ताकि जब यह टीका हर ट्रायल में प्रभावी साबित हो जाये, तो हम इसकी माँग बढ़ने पर
आपूर्ति कर सकें.’
कंपनी एस्ट्राज़ेनेका का कहना है कि ‘वो इस टीके की दो अरब ख़ुराक सप्लाई करने
में सक्षम होगी.’
पास्कल सोरिअट ने बीबीसी से बातचीत में यह भी कहा कि ‘हम
इस जोखिम को जानते हुए आगे बढ़ रहे हैं कि अगर वैक्सीन प्रभावी साबित नहीं हुई, तो
हमें इसकी बहुत बड़ी आर्थिक क़ीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि इस दौरान हम जो कुछ
भी तैयार करेंगे, अंत में वो सब बेकार साबित होगा.’
इंडोनेशिया: जकार्ता में तीन महीने बाद खुलीं मस्जिदें
ReutersCopyright: Reuters
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार को सभी मस्जिदें और अन्य धार्मिक
स्थल, क़रीब तीन महीने बाद फिर से खोल दिये गए.
गुरुवार को शहर के गवर्नर ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की
थी. उन्होंने कहा था कि ऑफ़िस, रेस्त्रां, शॉपिंग मॉल और कुछ पर्यटन स्थल भी अगले
सप्ताह खोले जाएंगे.
जो लोग मस्जिदों और धार्मिक स्थलों में जा रहे हैं, उनसे कहा गया है कि वो
नमाज़ और प्रार्थन के लिए अपनी दरी लेकर आयें, सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखें और
दरवाज़ों पर तामपान जाँचने वालों का सहयोग करें.
इंडोनेशिया में अब तक कोविड-19 के 29 हज़ार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी
है और 1,770 लोगों की महामारी से मौत हुई है.
अकेले जकार्ता शहर में, जो इंडोनेशिया में इस महामारी का केंद्र रहा है,
कोविड-19 के 7,766 मामलों की अब तक पुष्टि हुई है और शहर में 523 लोग महामारी से
मरे हैं.
AFPCopyright: AFP
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बीबीसी हिंदी का विशेष कार्यक्रम बीबीसी 'इंडिया बोल' फ़ेसबुक पर लाइव
बीबीसी हिंदी का विशेष कार्यक्रम बीबीसी 'इंडिया बोल' सुनिए मोहनलाल शर्मा के साथ.
पाकिस्तान में कोरोना: डर, अफ़वाह और चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था
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पाकिस्तान में डॉक्टरों ने ये चेतावनी दी है कि पहले से ही कमज़ोर स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना वायरस के मरीज़ों के कारण चरमरा सकती है.
अभी तक पाकिस्तान में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या 2000 से भी कम है. शुरू में लोगों ने जैसा सोचा था, अभी तक पाकिस्तान पर वैसा असर नहीं पड़ा है.
लेकिन जिस तेज़ी से नए मामले बढ़ रहे हैं, मृत्यु दर भी बढ़ रही है और लॉकडाउन की पाबंदियाँ भी हटा ली गई हैं, डॉक्टरों को लगता है कि कई बड़े अस्पतालों के आईसीयू मरीज़ों से क़रीब-क़रीब भर गए हैं.
आँकड़ों के मुताबिक़ कराची में कोविड-19 मरीज़ों के लिए केवल कुछ ही बेड्स उपलब्ध हैं. कराची की आबादी क़रीब एक करोड़ 50 लाख है.
लाहौर में तो एक डॉक्टर ने बीबीसी को बताया कि कैसे उन्हें एक मरीज़ को लौटाना पड़ा, जबकि उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता थी. उस मरीज़ को दो अन्य अस्पतालों ने भी भर्ती नहीं किया था.
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा है कि ‘भारत
सरकार द्वारा ग़रीबों को नकद ट्रांसफ़र करने की योजना जारी रहनी चाहिए.’
बीबीसी से ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा है कि “आत्मनिर्भर कह देना
भर काफ़ी नहीं है, बल्कि हमें लोगों की समस्याओं को सुनना होगा और उनका समाधान
देना होगा. फ़िलहाल हमारे पास जन-धन, आधार और मोबाइल योजना है जिसके ज़रिये लोगों
को फ़ायदा हो रहा है.”
हालांकि सरकार ने इस महीने के अंत में कैश ट्रांसफ़र योजना समाप्त करने की
घोषणा कर दी है.
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर पैकेज की सफलता को सुनिश्चित
करने के लिए केंद्र सरकार बैंकों को नुकसान ना हो, इसकी ज़िम्मेदारी ले रही है.’
उनके अनुसार ‘अगले साल भारत की विकास दर 8-8.5 प्रतिशत के
बीच होगी और सरकार को उम्मीद है कि तब लोग अपना लोन चुका पायेंगे.’
कोरोना वायरस महामारी की वजह से प्रवासी मज़दूरों के अपने पैतृक स्थानों को लौटने से जो संकट दिख रहा है, उस पर सुब्रमण्यन ने कहा, “पहली चीज़ तो ये है कि जो मज़दूर अपने घरों को लौट गए हैं, उन्हें मनरेगा स्कीम से सहायता मिलेगी. अब अगर शहरों से गाँवों की ओर लौटे मज़दूरों के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें, तो इससे मानव संसाधन पर ख़र्च बढ़ेगा, क्योंकि एक तरफ शहरों में जहाँ मज़दूरों की संख्या कम हो गई है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में कंपनियाँ फिर से खुल रही हैं. इस वजह से मज़दूरों की माँग में वृद्धि होगी और उत्पादन की क़ीमत बढ़ जाएगा. और जो लोग गाँव गये हैं, वो बढ़े हुए वेतनों को देखकर वापस लौटेंगे.”
क्या स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने से सरकार का मतलब विदेशी सामान का बहिष्कार करना है? इस पर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा, “भारतीय और विदेशी, दोनों ही तरह की कंपनियों को अपने बेहतर उत्पादों के ज़रिये भारत के घरेलू बाज़ार में अपनी पहुँच बढ़ानी चाहिए और अपने उत्पादों को निर्यात करना चाहिए. हमारी क्षमताएं तभी विकसित होंगी जब हम खुले दिमाग़ से सोचेंगे और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देंगे.”
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यूके: सार्वजनिक यात्राओं में मास्क पहनना अनिवार्य, डॉक्टरों ने कहा- ‘दायरा और बढ़ाया जाये’
AFPCopyright: AFP
ब्रिटेन के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली ब्रितानी मेडिकल एसोसिएशन ने
सरकार को सुझाव दिया है कि ‘मास्क पहनना देश के अधिकांश हिस्सों में
अनिवार्य किया जाना चाहिए, ख़ासकर उन जगहों पर जहाँ सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन
होना थोड़ा मुश्किल है. अगर इसका गंभीरता से पालन किया जाये, तो इससे संक्रमण पर
काफ़ी नियंत्रण पाया जा सकता है.’
यूके की सरकार ने गुरुवार को कहा था कि ‘15 जून से इंग्लैंड में सार्वजनिक परिवहन का
इस्तेमाल करने वालों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.’
एक अनुमान के मुताबिक़, ब्रिटेन में ट्यूब (मेट्रो) और बसों में सफ़र करने
वाले 30-50 प्रतिशत तक लोग यात्रा के दौरान मास्क पहन रहे हैं.
लंदन के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर माइक ब्राउन ने कहा है कि ‘लोगों
को इस आदत को जल्द से जल्द अपनाना चाहिए, बिना इस बात पर ध्यान दिये कि कब से
मास्क पहनना अनिवार्य होने वाला है.’
उन्होंने कहा है कि लंदन में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वालों को फ़िलहाल
प्रशासन की ओर से मास्क मुहैया कराये जाएंगे.
इस बीच लंदन स्थित संयुक्त अरब अमीरात के दूतावास ने सूचना दी है कि यूएई ने यूके को
क़रीब 6 टन चिकित्सीय सामग्री दान की है जिसकी मदद से लाखों मास्क बनाये जा
सकेंगे.
दूतावास के अनुसार यह सामान शुक्रवार को एक विशेष विमान के ज़रिये लंदन पहुँच
चुका है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को सोमवार 8 जून से खोलने की अनुमति दे दी है
किस आधार पर किया अनलॉक? कोलकाता हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा
प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता से बीबीसी हिंदी के लिए
Prabhakar MCopyright: Prabhakar M
कोरोना की वजह से ढाई महीने लंबे लॉकडाउन को अब किस आधार पर अनलॉक किया जा रहा है? एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से यह सवाल पूछा है.
अदालत में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीबीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने ऑनलाइन सुनवाई के बाद केंद्र और राज्य से 11 जून तक हलफनामे के तौर पर अपना जवाब दायर करने का निर्देश दिया है.
यह जनहित याचिका अनिंद्य सुंदर दास नामक एक एडवोकेट ने दायर की है.
दास ने अपनी याचिका में कहा है, “यह लॉकडाउन विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर शुरू हुआ था, लेकिन इसमें ढील देने से पहले किससे सलाह ली गई? इस तरीके से अनलॉक करने की स्थिति में कोरोना का संक्रमण और तेजी से बढ़ेगा.”
याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई के दौरान अपनी दलीलों के समर्थन में तमाम अख़बारों में छपीं संक्रमण बढ़ने संबंधी ख़बरों की कतरनें भी पेश कीं.
उन्होंने प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद तेज़ी से बिगड़ती स्थिति का भी जिक्र किया.
इसके बाद खंडपीठ ने केंद्र और राज्य से इस मुद्दे पर 11 जून तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
यहाँ इस बात का जिक्र प्रासंगिक है कि बीते एक सप्ताह से राज्य में संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं.
बीते तीन दिनों से रोज़ाना तीन सौ से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने नोटिफ़िकेशन जारी कर यह सूचना दी है कि सिविल
सेवा की प्रीलिम्स परीक्षा अब 4 अक्तूबर को आयोजित की जाएगी.
इसके साथ ही आयोग ने अन्य सभी स्थगित परीक्षाओं की नई तिथियों की भी जानकारी
दी है.
शुक्रवार को आयोग ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए और लॉकडाउन
खुलने की घोषणाओं को ध्यान में रखकर सालाना परीक्षाओं का एक नया शिड्यूल जारी किया
गया है.
आयोग ने सूचित किया है कि पिछले वर्ष की सिविल सर्विस परीक्षा में सफल रहे
उम्मीदवारों के इंटरव्यू 20 जुलाई से शुरू होंगे.
इस वर्ष होने वाली कुछ मुख्य परीक्षाएं:
9 अगस्त - इंजीनियरिंग सेवा (मुख्य) परीक्षा 2020
6 सितंबर - एनडीए और एनए परीक्षा (1) 2020
4 अक्तूबर - सिविल सेवा (IAS) और भारतीय वन सेवा (IFS) प्रारंभिक परीक्षा, 2020
16 अक्तूबर - भारतीय आर्थिक सेवा (IES) और भारतीय सांख्यिकी सेवा (ISS) परीक्षा
22 अक्तूबर - संयुक्त चिकित्सा सेवा (CMS) परीक्षा 2020
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों के देश के निजी अस्पतालों में इलाज पर आने
वाले ख़र्च की एक अधिकतम सीमा तय करने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते
हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बारे में जवाब-तलब किया है.
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र
सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब माँगा है.
अदालत ने कहा कि इस जनहित याचिका की एक कॉपी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दी
जानी चाहिए, जो इस
मुद्दे पर निर्देश लेंगे और एक सप्ताह में जवाब देंगे.
इस याचिका में कहा गया है कि सरकार को कोविड-19 के उपचार की सांकेतिक दरें निर्धारित
करनी चाहिए.
इसमें यह भी कहा गया है कि बीमा कंपनियों द्वारा मेडिक्लेम का समयबद्ध निपटान
होना चाहिए और उन सभी रोगियों को कैशलेस उपचार मिलना चाहिए जिन्होंने बीमा करा रखा
है.
इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निजी अस्पतालों से पूछा कि क्या वे आयुष्मान भारत योजना के तहत निर्धारित शुल्क पर कोविड -19 के मरीज़ों का इलाज करने के इच्छुक हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वो केवल उन निजी अस्पतालों से कोविड -19 के कुछ मरीज़ों का मुफ़्त में इलाज करने के बारे में पूछ रहे हैं जिन्हें रियायती दरों पर ज़मीन दी गयी है.
लाइव रिपोर्टिंग
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भारत में हर तीन हफ़्ते में संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी हो रही है – WHO
भारत में अब तक 2.26 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 6348 पहुंच चुकी है. मुंबई से लेकर दिल्ली तक स्वास्थ्य तंत्र के चरमराने के संकेत सामने आ रहे हैं.
लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आई ताजा जानकारी बताती है कि भारत समेत अन्य दक्षिण एशियाई देशों में अब तक ये वायरस बहुत तेज गति से नहीं फैल रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या हर तीन हफ़्तों में दोगुनी हो रही है लेकिन अब तक भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ये बीमारी बहुत तेज गति से नहीं फैली है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकाल टीम के प्रमुख डॉ. माइक रायन ने कहा है, “दक्षिण एशिया के भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान समेत अन्य देश जहां काफ़ी सघन आबादी रहती हैं वहां ये वायरस बेहद बहुत तेज गति से नहीं फैला है. लेकिन ऐसा होने का जोख़िम बना हुआ है.”
इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामिनाथन कहती हैं कि दो लाख लोगों का संक्रमित होना काफ़ी ज़्यादा लगता है लेकिन भारत एक अरब तीस करोड़ लोगों का देश है, ऐसे में भारत की जनसंख्या के लिहाज़ से संक्रमित होने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा नहीं है.
UPSC की परीक्षाओं की तारीख़ों का ऐलान, जानिए कब-कब होंगी परीक्षाएं
इस बार लॉकडाउन की वजह से ये परीक्षाएं निर्धारित समय पर नहीं हो सकीं. अब यूपीएससी ने इन सभी परीक्षाओं के लिए नया कैलेंडर जारी किया है.
अमरीका में बेरोज़गारी में कमी, अर्थव्यवस्था के लिए 'अच्छी' ख़बर
अमरीका की अर्थव्यवस्था ने कई आर्थिक समीक्षकों को हैरान कर दिया है. पिछले महीने जब अमरीका कोरोना वायरस की मार झेल रहा था, उसी महीने में अमरीका की जॉब मार्केट बेहतर हुई है.
मई महीने में कुल 25 लाख नई नौकरियों का इज़ाफ़ा हुआ और अप्रैल महीने में बेरोज़गारी की दर 14.7 फ़ीसदी से गिर कर इस महीने ये 13.3 फ़ीसदी हो गई.
हालाकि इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि अमरीका में बेरोज़गारी की दर 20 फ़ीसदी तक बढ़ सकती है लेकिन शायद कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील देने और आर्थिक गतिविधियों को दोबारा बहाल करने से इसमें फ़र्क़ पड़ा है.
बावजूद इसके ये आंकड़े कोरोना फैलने से पहले के आंकड़ों की तुलना में बहुत ज़्यादा हैं.
इस साल की शुरुआत में बेरोज़गारी की दर 50 साल में सबसे कम 3.5 फ़ीसदी हो गई थी.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ़ौरन इसका क्रेडिट लेते हुए ट्वीट कर दिया.
बाद में उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि कई आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा था कि बेरोज़गारी में इज़ाफ़ा होगा लेकिन अमरीका में 25 लाख नई नौकरियां पैदा हुईं हैं.
उन्होंने कहा, "ये बहुत ही शानदार है- आज जो हुआ. उन्होंने सोचा था कि 90 लाख नौकरियां चली जाएंगी लेकिन यहां तो क़रीब तीस लाख का फ़ायदा हुआ. मेरा मानना है कि हमारे आने वाले कुछ महीने बहुत अच्छे होंगे."
पाकिस्तान में कोरोना: डर, अफ़वाह और चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था
सिकंदर किरमानी
बीबीसी न्यूज़
पाकिस्तान में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से डॉक्टर चिंतित हैं. देश में डर का माहौल बना हुआ है.
और पढ़ेंआत्मनिर्भर भारत बनाने की कोशिश और तस्करी शुरू होने का अंदेशा?
आलोक जोशी
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए
उदारीकरण से पहले दुनिया भर से तरह-तरह की चीज़ें चोरी-छिपे भारत आती थीं लेकिन क्या ऐसा दोबारा हो सकता है.
और पढ़ेंब्रिटेन की कंपनी ने कोविड-19 की संभावित वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया
ब्रिटेन की दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए तैयार किये गए संभावित टीके के उत्पादन का काम शुरू कर दिया है.
हालांकि यह टीका अभी सिर्फ़ पहले स्टेज के ट्रायल में ही सफल साबित हुआ है.
कंपनी ने ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों के साथ मिलकर इस टीके को विकसित किया है और फ़िलहाल इसका ट्रायल चल रहा है.
लेकिन कंपनी के मालिक पास्कल सोरिअट ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि ‘एस्ट्राज़ेनेका का मानना है कि हमें अभी से इस टीके की खुराक बनाने का काम शुरू कर देना चाहिए, ताकि जब यह टीका हर ट्रायल में प्रभावी साबित हो जाये, तो हम इसकी माँग बढ़ने पर आपूर्ति कर सकें.’
कंपनी एस्ट्राज़ेनेका का कहना है कि ‘वो इस टीके की दो अरब ख़ुराक सप्लाई करने में सक्षम होगी.’
पास्कल सोरिअट ने बीबीसी से बातचीत में यह भी कहा कि ‘हम इस जोखिम को जानते हुए आगे बढ़ रहे हैं कि अगर वैक्सीन प्रभावी साबित नहीं हुई, तो हमें इसकी बहुत बड़ी आर्थिक क़ीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि इस दौरान हम जो कुछ भी तैयार करेंगे, अंत में वो सब बेकार साबित होगा.’
इंडोनेशिया: जकार्ता में तीन महीने बाद खुलीं मस्जिदें
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार को सभी मस्जिदें और अन्य धार्मिक स्थल, क़रीब तीन महीने बाद फिर से खोल दिये गए.
गुरुवार को शहर के गवर्नर ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि ऑफ़िस, रेस्त्रां, शॉपिंग मॉल और कुछ पर्यटन स्थल भी अगले सप्ताह खोले जाएंगे.
जो लोग मस्जिदों और धार्मिक स्थलों में जा रहे हैं, उनसे कहा गया है कि वो नमाज़ और प्रार्थन के लिए अपनी दरी लेकर आयें, सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखें और दरवाज़ों पर तामपान जाँचने वालों का सहयोग करें.
इंडोनेशिया में अब तक कोविड-19 के 29 हज़ार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 1,770 लोगों की महामारी से मौत हुई है.
अकेले जकार्ता शहर में, जो इंडोनेशिया में इस महामारी का केंद्र रहा है, कोविड-19 के 7,766 मामलों की अब तक पुष्टि हुई है और शहर में 523 लोग महामारी से मरे हैं.
बीबीसी हिंदी का विशेष कार्यक्रम बीबीसी 'इंडिया बोल' फ़ेसबुक पर लाइव
बीबीसी हिंदी का विशेष कार्यक्रम बीबीसी 'इंडिया बोल' सुनिए मोहनलाल शर्मा के साथ.
पाकिस्तान में कोरोना: डर, अफ़वाह और चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था
पाकिस्तान में डॉक्टरों ने ये चेतावनी दी है कि पहले से ही कमज़ोर स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना वायरस के मरीज़ों के कारण चरमरा सकती है.
अभी तक पाकिस्तान में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या 2000 से भी कम है. शुरू में लोगों ने जैसा सोचा था, अभी तक पाकिस्तान पर वैसा असर नहीं पड़ा है.
लेकिन जिस तेज़ी से नए मामले बढ़ रहे हैं, मृत्यु दर भी बढ़ रही है और लॉकडाउन की पाबंदियाँ भी हटा ली गई हैं, डॉक्टरों को लगता है कि कई बड़े अस्पतालों के आईसीयू मरीज़ों से क़रीब-क़रीब भर गए हैं.
आँकड़ों के मुताबिक़ कराची में कोविड-19 मरीज़ों के लिए केवल कुछ ही बेड्स उपलब्ध हैं. कराची की आबादी क़रीब एक करोड़ 50 लाख है.
लाहौर में तो एक डॉक्टर ने बीबीसी को बताया कि कैसे उन्हें एक मरीज़ को लौटाना पड़ा, जबकि उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता थी. उस मरीज़ को दो अन्य अस्पतालों ने भी भर्ती नहीं किया था.
पाकिस्तान में कोरोना: डर, अफ़वाह और चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था
पाकिस्तान में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से डॉक्टर चिंतित हैं. देश में डर का माहौल बना हुआ है.
और पढ़ेंभारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बीबीसी से बातचीत में कहा- 'सरकार को कैश ट्रांसफ़र जारी रखना चाहिए'
जुगल पुरोहित, बीबीसी संवाददाता
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा है कि ‘भारत सरकार द्वारा ग़रीबों को नकद ट्रांसफ़र करने की योजना जारी रहनी चाहिए.’
बीबीसी से ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा है कि “आत्मनिर्भर कह देना भर काफ़ी नहीं है, बल्कि हमें लोगों की समस्याओं को सुनना होगा और उनका समाधान देना होगा. फ़िलहाल हमारे पास जन-धन, आधार और मोबाइल योजना है जिसके ज़रिये लोगों को फ़ायदा हो रहा है.”
हालांकि सरकार ने इस महीने के अंत में कैश ट्रांसफ़र योजना समाप्त करने की घोषणा कर दी है.
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर पैकेज की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार बैंकों को नुकसान ना हो, इसकी ज़िम्मेदारी ले रही है.’
उनके अनुसार ‘अगले साल भारत की विकास दर 8-8.5 प्रतिशत के बीच होगी और सरकार को उम्मीद है कि तब लोग अपना लोन चुका पायेंगे.’
कोरोना वायरस महामारी की वजह से प्रवासी मज़दूरों के अपने पैतृक स्थानों को लौटने से जो संकट दिख रहा है, उस पर सुब्रमण्यन ने कहा, “पहली चीज़ तो ये है कि जो मज़दूर अपने घरों को लौट गए हैं, उन्हें मनरेगा स्कीम से सहायता मिलेगी. अब अगर शहरों से गाँवों की ओर लौटे मज़दूरों के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें, तो इससे मानव संसाधन पर ख़र्च बढ़ेगा, क्योंकि एक तरफ शहरों में जहाँ मज़दूरों की संख्या कम हो गई है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में कंपनियाँ फिर से खुल रही हैं. इस वजह से मज़दूरों की माँग में वृद्धि होगी और उत्पादन की क़ीमत बढ़ जाएगा. और जो लोग गाँव गये हैं, वो बढ़े हुए वेतनों को देखकर वापस लौटेंगे.”
क्या स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने से सरकार का मतलब विदेशी सामान का बहिष्कार करना है? इस पर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा, “भारतीय और विदेशी, दोनों ही तरह की कंपनियों को अपने बेहतर उत्पादों के ज़रिये भारत के घरेलू बाज़ार में अपनी पहुँच बढ़ानी चाहिए और अपने उत्पादों को निर्यात करना चाहिए. हमारी क्षमताएं तभी विकसित होंगी जब हम खुले दिमाग़ से सोचेंगे और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देंगे.”
बीबीसी 'इंडिया बोल' सुनिए यूट्यूब पर लाइव
बीबीसी हिंदी का विशेष कार्यक्रम बीबीसी 'इंडिया बोल' सुनिए मोहनलाल शर्मा के साथ.
यूके: सार्वजनिक यात्राओं में मास्क पहनना अनिवार्य, डॉक्टरों ने कहा- ‘दायरा और बढ़ाया जाये’
ब्रिटेन के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली ब्रितानी मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को सुझाव दिया है कि ‘मास्क पहनना देश के अधिकांश हिस्सों में अनिवार्य किया जाना चाहिए, ख़ासकर उन जगहों पर जहाँ सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन होना थोड़ा मुश्किल है. अगर इसका गंभीरता से पालन किया जाये, तो इससे संक्रमण पर काफ़ी नियंत्रण पाया जा सकता है.’
यूके की सरकार ने गुरुवार को कहा था कि ‘15 जून से इंग्लैंड में सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने वालों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.’
एक अनुमान के मुताबिक़, ब्रिटेन में ट्यूब (मेट्रो) और बसों में सफ़र करने वाले 30-50 प्रतिशत तक लोग यात्रा के दौरान मास्क पहन रहे हैं.
लंदन के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर माइक ब्राउन ने कहा है कि ‘लोगों को इस आदत को जल्द से जल्द अपनाना चाहिए, बिना इस बात पर ध्यान दिये कि कब से मास्क पहनना अनिवार्य होने वाला है.’
उन्होंने कहा है कि लंदन में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वालों को फ़िलहाल प्रशासन की ओर से मास्क मुहैया कराये जाएंगे.
इस बीच लंदन स्थित संयुक्त अरब अमीरात के दूतावास ने सूचना दी है कि यूएई ने यूके को क़रीब 6 टन चिकित्सीय सामग्री दान की है जिसकी मदद से लाखों मास्क बनाये जा सकेंगे.
दूतावास के अनुसार यह सामान शुक्रवार को एक विशेष विमान के ज़रिये लंदन पहुँच चुका है.
कोरोना संकट के बीच पत्रकारों पर मीडिया हाउस गिरा रहे हैं गाज
कमलेश
बीबीसी संवाददाता
लॉकडाउन के बाद से छोटे-बड़े मीडिया संस्थानों से कई पत्रकारों को नौकरी से निकाला गया है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को सोमवार 8 जून से खोलने की अनुमति दे दी है
किस आधार पर किया अनलॉक? कोलकाता हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा
प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता से बीबीसी हिंदी के लिए
कोरोना की वजह से ढाई महीने लंबे लॉकडाउन को अब किस आधार पर अनलॉक किया जा रहा है? एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से यह सवाल पूछा है.
अदालत में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीबीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने ऑनलाइन सुनवाई के बाद केंद्र और राज्य से 11 जून तक हलफनामे के तौर पर अपना जवाब दायर करने का निर्देश दिया है.
यह जनहित याचिका अनिंद्य सुंदर दास नामक एक एडवोकेट ने दायर की है.
दास ने अपनी याचिका में कहा है, “यह लॉकडाउन विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर शुरू हुआ था, लेकिन इसमें ढील देने से पहले किससे सलाह ली गई? इस तरीके से अनलॉक करने की स्थिति में कोरोना का संक्रमण और तेजी से बढ़ेगा.”
याचिकाकर्ता ने मामले की सुनवाई के दौरान अपनी दलीलों के समर्थन में तमाम अख़बारों में छपीं संक्रमण बढ़ने संबंधी ख़बरों की कतरनें भी पेश कीं.
उन्होंने प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद तेज़ी से बिगड़ती स्थिति का भी जिक्र किया.
इसके बाद खंडपीठ ने केंद्र और राज्य से इस मुद्दे पर 11 जून तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
यहाँ इस बात का जिक्र प्रासंगिक है कि बीते एक सप्ताह से राज्य में संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं.
बीते तीन दिनों से रोज़ाना तीन सौ से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं.
बीबीसी कवर स्टोरी:
उत्तर प्रदेश: कोविड-19 से मरने वालों की संख्या हुई 257
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 257 हो गई है.
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि कुल 8,648 मरीज़ पूरी तरह ठीक हो गये हैं.
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को अधिकतम नमूनों की जाँच की गई. कुल 12,589 नमूने विभिन्न प्रयोगशालाओं में जाँचे गए.
प्रसाद ने बताया कि पूल टेस्टिंग के तहत बृहस्पतिवार को ही पाँच-पाँच सैंपल के 1036 और 10-10 नमूनों के 167 पूल लगाये गए.
प्रमुख सचिव ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने 12 लाख 80 हज़ार 833 प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों का सर्वेक्षण किया है.
इनमें से 1163 में कोरोना वायरस संक्रमण के कोई ना कोई लक्षण पाये गए हैं. सभी की जाँच की जा रही है.
ब्रेकिंग न्यूज़कोविड-19 की वजह से UPSC को बदलना पड़ा परीक्षाओं का शिड्यूल, अब 4 अक्तूबर को होगी IAS (प्रीलिम्स) परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने नोटिफ़िकेशन जारी कर यह सूचना दी है कि सिविल सेवा की प्रीलिम्स परीक्षा अब 4 अक्तूबर को आयोजित की जाएगी.
इसके साथ ही आयोग ने अन्य सभी स्थगित परीक्षाओं की नई तिथियों की भी जानकारी दी है.
शुक्रवार को आयोग ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए और लॉकडाउन खुलने की घोषणाओं को ध्यान में रखकर सालाना परीक्षाओं का एक नया शिड्यूल जारी किया गया है.
आयोग ने सूचित किया है कि पिछले वर्ष की सिविल सर्विस परीक्षा में सफल रहे उम्मीदवारों के इंटरव्यू 20 जुलाई से शुरू होंगे.
इस वर्ष होने वाली कुछ मुख्य परीक्षाएं:
पूरी डेट-शीट देखने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- ‘सरकार से रियायती दरों पर ज़मीन लेने वाले निजी अस्पताल कोविड-19 के कुछ मरीज़ों का मुफ़्त में इलाज करेंगे?’
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों के देश के निजी अस्पतालों में इलाज पर आने वाले ख़र्च की एक अधिकतम सीमा तय करने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बारे में जवाब-तलब किया है.
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब माँगा है.
अदालत ने कहा कि इस जनहित याचिका की एक कॉपी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दी जानी चाहिए, जो इस मुद्दे पर निर्देश लेंगे और एक सप्ताह में जवाब देंगे.
इस याचिका में कहा गया है कि सरकार को कोविड-19 के उपचार की सांकेतिक दरें निर्धारित करनी चाहिए.
इसमें यह भी कहा गया है कि बीमा कंपनियों द्वारा मेडिक्लेम का समयबद्ध निपटान होना चाहिए और उन सभी रोगियों को कैशलेस उपचार मिलना चाहिए जिन्होंने बीमा करा रखा है.
इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निजी अस्पतालों से पूछा कि क्या वे आयुष्मान भारत योजना के तहत निर्धारित शुल्क पर कोविड -19 के मरीज़ों का इलाज करने के इच्छुक हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वो केवल उन निजी अस्पतालों से कोविड -19 के कुछ मरीज़ों का मुफ़्त में इलाज करने के बारे में पूछ रहे हैं जिन्हें रियायती दरों पर ज़मीन दी गयी है.