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निसर्ग चक्रवात:तूफान ने समुद्र में बदला रास्ता, हवाएं 120 किमी/ घंटा की रफ्तार से चली; हादसों में तीन लोगों की मौत
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- गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में तटवर्ती क्षेत्राें में रहने वाले 40-40 हजार लाेग सुरक्षित इलाकाें में पहुंचाए गए थे
- रायगढ़ में फोन नेटवर्क और बिजली सप्लाई ठप, एक शख्स पर ट्रांसफार्मर गिरा मौके पर ही मौत
- मौसम केंद्र ने भोपाल में बारिश का यलो अलर्ट, जबकि प्रदेश के 18 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया
साइक्लोन निसर्ग ने बुधवार को महाराष्ट्र के तटीय इलाकाें में नुकसान पहुंचाया। 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से हवा चली और कई इलाकाें में जमकर बारिश हुई। अरब सागर में उठा तूफान दाेपहर 12:30 बजे रायगढ़ के अलीबाग में समुद्र तट से टकराया। यह इलाका मुंबई से 95 किमी दूर है।
राहत की बात यह रही कि मुंबई से 50 किमी पहले ही साइक्लोन ने समुद्र में रास्ता बदल लिया। इससे मुंबई में बड़ा नुकसान नहीं हुआ। सांताक्रूज में टीन शेड गिरने से परिवार के तीन लाेगों के घायल हाेने की सूचना है। तूफान के चलते मुंबई एयरपोर्ट पर एक विमान की लैंडिंग में भी दिक्कत आई थी, इसके बाद शाम 7 बजे तक वहां विमानों का ऑपरेशन रोका गया था।
रायगढ़ में एक और पुणे में दो लोगों की मौत
तूफान का सबसे ज्यादा असर रायगढ़ में दिखा। यहां कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क भी ठप हाे गया। वहीं, घर से निकले शख्स पर ट्रांसफार्मर गिरने से उसकी माैत हाे गई। पुणे में भी दीवार गिरने से दो लोगों की की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। तूफान में कई इलाकाें में पेड़, हाेर्डिंग और बिजली के खंभे उखड़ गए। प्रभावित इलाकाें में देर रात तक बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो पाई थी।
1 लाख लाेग सुरक्षित इलाकों में पहुंचाए गए थे
साइक्लोन के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की कुल 43 टीमें तैनात थीं। इसमें से 21 महाराष्ट्र और 16 गुजरात में थीं। दाेनाें राज्याें में तटवर्ती क्षेत्राें में रहने वाले 40-40 हजार लाेग सुरक्षित इलाकाें में पहुंचाए गए थे। दमन और दीव में करीब 20 हजार लोगों को शेल्टर होम्स पहुंचाया गया।
एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान के अनुसार, एक लाख लाेगाें काे सुरक्षित इलाकाें में पहुंचाया गया। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीमें तैनात की थीं।
मध्यप्रदेश के 18 जिलों में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
निसर्ग तूफान के कारण भाेपाल सहित प्रदेश के 34 शहरों में बुधवार काे बारिश हुई। राजधानी में दिन का तापमान सामान्य से 8 डिग्री नीचे 32.8 डिग्री पर पहुंच गया। बीते 24 घंटे में बालाघाट के किरनापुर में सवा दाे इंच, छिंदवाड़ा के पांढुर्णा और नीमच जिले के जावद में 1-1 इंच बारिश हुई।
वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि तूफान के साथ- साथ वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी असर दिखा रहा है। इसलिए गुरुवार काे भाेपाल, इंदाैर, हाेशंगाबाद, जबलपुर और सागर संभागाें में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र ने भोपाल में बारिश का यलो अलर्ट, जबकि 18 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मानसून सीजन में यदि हवा की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा व भारी बारिश की संभावना हो तो ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है।
अपडेट्स...
- तूफान से दक्षिण मुंबई की एक रिहायशी बिल्डिंग का शेड उड़ा। मरीन ड्राइव के पास सीबीआई लेन पर पेड़ गिर गए, जिससे एक टैक्सी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई।
- मौसम विभाग (कुबालाब) के डिप्टी डायरेक्टर कुष्णानंद होसालीकर ने बताया कि अलीबाग में तूफान टकराते समय यहां 125 किमी की रफ्तार से हवाएं चलनी शुरू हो गईं थीं।
- गुजरात के द्वारका में समुद्र में ऊंचा ज्वार उठा। पहले यह तूफान गुजरात के तट से भी टकराने वाला था, लेकिन मौसम विभाग ने बाद में यह अनुमान वापस ले लिया।
- तूफान से पहले महाराष्ट्र के पालघर जिले में सभी उद्योगों और बाजारों को बंद कर दिया गया। मछुआरों से 4 जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया।
सवाल-जवाब में समझें निसर्ग तूफान को
तूफान कहां उठा?
1 जून को अरब सागर के मध्य-पश्चिम तटीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना, जो चक्रवात में बदल गया। तब यह कम दबाव का क्षेत्र मुंबई से 630 किमी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में था।
यह कहां और कब टकराया?
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग इलाके में बुधवार दोपहर 1 बजे टकराना शुरू हुआ। यहां से इसे गुजरने में 3 घंटे लगे।
इसका असर क्या हो रहा?
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हुई। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान था। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठीं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की गई। दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नगर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट था। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में गुरुवार को भारी बारिश हो सकती है।
महाराष्ट्र में तूफान कितने साल बाद आया?
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया। इससे पहले 1948 और 1980 में ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया इसे लेकर मतभेद हैं।
दो हफ्ते में यह दूसरा तूफान कैसे?
21 मई को अम्फान तूफान आया था। इसने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचाई थी। इसके दो हफ्ते बाद ही अब निसर्ग तूफान आया।
तूफान को निसर्ग नाम किसने दिया?
इस तूफान का निसर्ग नाम बांग्लादेश ने दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफानों के नाम बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अप्रैल 2020 में चक्रवातों की नई सूची जारी की थी। इसमें निसर्ग, अर्णब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। पिछली लिस्ट का आखिरी नाम अम्फान था। यह नाम थाईलैंड ने दिया था। (पूरी खबर यहां पढ़ें)