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लद्दाख सीमा विवाद पर बोले राजनाथ सिंह- अच्छी खासी संख्या में आ गए चीनी सैनिक

राजनाथ सिंह ने सीमा विवाद पर कहा है कि एक मतभेद हुआ है और अच्छी खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गये हैं. लेकिन भारत को भी अपनी तरफ से जो कुछ भी करना चाहिये, भारत ने भी किया है.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो- PTI)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो- PTI)

  • चीन से सीमा विवाद पर बोले राजनाथ सिंह
  • कहा- चीन के काफी लोग आ गये हैं
  • भारत अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा-राजनाथ

कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत के साथ चीन का सीमा विवाद गहराता जा रहा है. कई स्तर की बातचीत के बावजूद चीन मानने को राजी नहीं है. लद्दाख में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि लद्दाख क्षेत्र में खासी संख्या में चीनी सैनिक आ गये हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक इंटरव्यू के हवाले से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन पर की गई टिप्पणी के बारे में लिखा है. राजनाथ सिंह ने कहा है, 'फिलहाल की जो घटना है, ये बात सच है कि सीमा पर इस समय चीन के लोग भी हैं, उनका दावा है कि हमारी सीमा यहां तक है, भारत का ये दावा है कि हमारी सीमा यहां तक है.'

राजनाथ सिंह ने दोनों ओर के दावे पर कहा, 'उसको लेकर एक मतभेद हुआ है और अच्छी खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गये हैं. लेकिन भारत को भी अपनी तरफ से जो कुछ भी करना चाहिये, भारत ने भी किया है.'

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गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अब तक लद्दाख के सीमाई क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरें तो आ रही थीं मगर अब सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि जिस हिस्से पर चीन और भारत दोनों अपने दावे करते हैं वहां चीन के सैनिक बड़ी संख्या में पहुंच गये हैं.

दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच बातचीत से भी अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है. मंगलवार को ही दोनों देशों के बीच डिविजनल कमांडर स्तर की बैठक हुई. इस मसले पर डिविजनल कमांडर स्तर की ये तीसरी बैठक थी. इससे पहले ब्रिगेडियर और कर्नल रैंक के अधिकारियों की कई मौके पर बातचीत हो चुकी है. LAC पर तनाव कम करने के लिए सेना के साथ-साथ राजनयिक स्तर पर भी बातचीत चल रही है. लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि भारत अपने रुख पर कायम है और पीछे हटने वाला नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 6 जून को दोनों देशों की सेना के अधिकारियों की एक बैठक प्रस्तावित है.

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