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कोरोना संकट: अजीम प्रेमजी ने खुद ही अपने पैकेज में की भारी कटौती, बेटे की भी सैलरी घटी

कंपनी ने हाल में अमेरिका के सिक्युरिटीज एक्सचेंज कमीशन (SEC) को यह जानकारी दी है. कंपनी अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड है. अजीम प्रेमजी ने वित्त वर्ष 2020 में खुद ही अपने सैलरी पैकेज में भारी कटौती कर ली है.

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रिशद और अजीम प्रेमजी ने अपनी सैलरी में की कटौती
रिशद और अजीम प्रेमजी ने अपनी सैलरी में की कटौती

  • कोरोना संकट को देखते हुए अजीम प्रेमजी ने पेश की मिसाल
  • अजीम प्रेमजी और उनके बेटे ने अपने सैलरी में कटौती की
  • अजीम प्रेमजी के कुल सैलरी पैकेज में भारी कटौती हो गई है

विप्रो के फाउंडर चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कोरोना संकट को देखते हुए वित्त वर्ष 2020 में खुद ही अपने सैलरी पैकेज में भारी कटौती कर ली है. उनके बेटे और कंपनी के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने भी अपनी सैलरी में कटौती की है.

कंपनी ने हाल में अमेरिका के सिक्युरिटीज एक्सचेंज कमीशन (SEC) को यह जानकारी दी है. असल में कंपनी अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड है, इसलिए नियामक नियमों के तहत ऐसे बदलाव की जानकारी एसईसी को देनी होती है.

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कितनी हो गई सैलरी

एसईसी को दी गई जानकारी के अनुसार,अजीम प्रेमजी को वित्त वर्ष 2019 में कुल 2,62,054 डॉलर (करीब 1.96 करोड़ रुपये) का सैलरी पैकेज मिला था, जिसे इस वित्त वर्ष यानी 2020 के लिए उन्होंने घटाकर 1,35,772 डॉलर (करीब 1.01 करोड़ रुपये) कर लिया है. इसी तरह चेयरमैन रिशद ने अपनी कुल सैलरी पैकेज को पिछले साल के 9,87,652 डॉलर (करीब 7.40 करोड़ रुपये) के मुकाबले इस साल घटाकर 6,83,496 डॉलर (करीब 5.12 करोड़ रुपये) कर लिया है.

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कमीशन और वैरिएबल पे छोड़ा

अजीम प्रेमजी ने खुद को मिलने वाला प्रॉफिट से जुड़ा कमीशन छोड़ दिया है. इसी तरह रिशद प्रेमजी ने वैरिएबल पे और प्रॉफिट से जुड़ा कमीशन लेना छोड़ दिया है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने अजीम प्रेमजी और रिशद को क्रमश: 1,31,231 डॉलर (करीब 98.42 लाख रुपये) और 6,97,531 डॉलर (करीब 5.23 करोड़ रुपये) का भुगतान कमीशन और वैरिएबल पे आदि कम्पोनेंट के रूप में किया था. लेकिन इस वित्त वर्ष में वे कमीशन नहीं लेंगे. अजीम प्रेमजी को नेट प्रॉफिट का 0.5 फीसदी हिस्सा कमीशन के रूप में मिलता है.

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कोरोना वायरस के संकट के दौर में मानवीयता दिखाते हुए कंपनी के स्वतंत्र निदेशक पैट्रिक ड्यूपियस ने भी चौथी तिमाही का अपना कमीशन छोड़ दिया है. इस कमीशन को कंपनी के फाउंडेशन विप्रो केयर में जमा किया जाएगा.

संकट का दौर

गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौर में कारोबार-इकोनॉमी को होने वाले भारी नुकसान को देखते हुए कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की है, तो कई ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है. लेकिन विप्रो के अधिकारियों ने एक अलग मिसाल पेश करते हुए खुद अपने सैलरी पैकेज में भारी कटौती की है.

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