महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि कोरोना को नियंत्रित करने को लेकर केंद्र की तरफ से शुरुआत में लापरवाही बरती गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर केंद्र सरकार ने हमारी अपील पर ध्यान दिया होता तो मजदूरों के पलायन की समस्या इतनी बड़ी न हुई होती.
एक दैनिक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने मजदूरों के पलायन की समस्या और कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए. ठाकरे ने अपने इंटरव्यू में कहा, "महाराष्ट्र में हमारे पहले मरीज की दुबई की ट्रेवल हिस्ट्री थी. शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की जांच के बारे में केंद्र सरकार की ओर से दी गई सूची में अमेरिका और दुबई को शामिल नहीं किया गया था...प्रारंभिक जांच गलत थी. केवल थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी. तब भी मैंने उचित जांच पर जोर दिया था. फिर हमने लोगों को क्वारनटीन करना शुरू कर दिया. तब तक बहुत सारे लोग मुंबई में आ चुके थे और वे अन्य लोगों के साथ घुलमिल गए."
मजदूरों के पलायन पर ठाकरे ने कहा, "मैं प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर किसी पर उंगली नहीं उठाना चाहता, लेकिन अब मैं इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं... लॉकडाउन शुरू होने से कुछ दिन पहले मैंने महसूस किया था कि बहुत सारे प्रवासी रेलवे स्टेशनों पर इकट्ठा होना शुरू कर चुके हैं. हमने केंद्र से ट्रेनें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था ताकि जो लोग घर वापस जाना चाहते हैं वे जा सकें. इससे काफी मदद मिली होती और आज जो स्थिति हम देख रहे हैं, उसमें बढ़ोत्तरी नहीं होनी चाहिए थी."
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ठाकरे ने माना कि कोरोना का संक्रमण सामुदायिक संक्रमण की हद तक फैल चुका है, अब झूठ बोलने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि अब मुंबई में मॉनसून सबसे बड़ी चुनौती है. महाराष्ट्र के सीएम ने कहा कि जो लोग हमारी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें दूसरे राज्यों और केंद्र की स्थिति पर भी गौर करना चाहिए. फिर भी हम स्थिति को अच्छी तरह से संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि मेरी प्रशासनिक अनुभवहीनता मेरे लिए सही दिशा में काम कर रही है. मैं मुक्त होकर काम कर पा रहा हूं. जिन्हें प्रशासन का अनुभव है वे भ्रमित हैं और आरोप लगा रहे हैं. हम पहले दिन से सेना की तर्ज पर अस्पताल बनाने और अपनी क्षमता बढ़ाने में लगे हैं.
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ठाकरे ने कहा कि अब हमने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा. लॉकडाउन में ढील देने के बारे में उन्होंने कहा कि यह अनंत काल तक नहीं चल सकता. हमें चीजों को धीरे-धीरे खोलना होगा. मास्क, सैनिटाइजर, डिस्टेंसिंग अब हमारी जीवनशैली का हिस्सा होंगे.