कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 16 मई को दिल्ली के सुखदेव विहार में कुछ प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बारे में कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने तस्वीर के साथ खबर भी छापी थी, जिसमें राहुल गांधी फुटपाथ पर बैठकर कुछ मजदूरों से बातचीत कर रहे हैं.
इसके बाद फेसबुक और वॉट्सएप पर दो तस्वीरें एक साथ वायरल होनी शुरू हो गईं. इन तस्वीरों के साथ दावा किया गया कि प्रवासी मजदूरों से राहुल गांधी की मुलाकात प्रायोजित थी.
इन दोनों तस्वीरों में से एक में दिख रहा है कि राहुल गांधी के सामने एक महिला हरी साड़ी और सफेद स्कॉर्फ पहने बैठी है और उन्हें सुन रही है. दूसरी तस्वीर में दिख रहा है कि वही महिला एक कार में एक आदमी के बगल में बैठी है. उस आदमी ने जैतूनी हरे रंग का शर्ट और काला मास्क पहना हुआ है. वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इस महिला को “फोटो खिंचवाने” के लिए कार में लाया गया था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. प्रवासी मजदूरों के साथ राहुल गांधी की मुलाकात प्रायोजित या पूर्वनियोजित नहीं थी. प्रवासियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से वाहनों की व्यवस्था करने को कहा ताकि प्रवासी अपने घर लौट सकें.
राहुल गांधी के साथ बातचीत करते दिख रही महिला भी प्रवासियों के समूह में शामिल थी, इसलिए वह कार में बैठी दिख रही है क्योंकि उन लोगों के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई थी.
सोशल मीडिया पर वायरल
कई फेसबुक यूजर्स ने इन दोनों तस्वीरों को पोस्ट करते हुए तंज किया है, “यहाँ भी घोटाला? राहुल बाबा सुखदेव विहार में ग़रीबों से मिलने गए थे. ऐसी ही एक ग़रीब गाड़ी से वापस जाती हुई दिखाई दी. भगवान ऐसा ग़रीब सबको बनाए.”
इन तस्वीरों को फेसबुक पर शेयर करते हुए कुछ यूजर्स ने कुछ इस तरह व्यंग्य किया है, “अब लोग इसे भी मजदूर घोटाला कहेंगे...देखो भईया, देश में कोरोना चल रहा है.. तो मजदूर भी सेनेटाइज करके अपने घर से अपनी गाड़ी में बैठाकर लाना पड़ता है?आपको पता है ना.. मजबूरी का नाम __गांधी है.”
इन फेसबुक पोस्टों का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है. कई फेसबुक यूजर्स एक ही जैसे दावे के साथ इस पोस्ट को शेयर किया है.
AFWA की पड़ताल
जिस दिन राहल गांधी ने प्रवासियों से मुलाकात की थी, उसी दिन यानी 16 मई को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रवासियों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी की तीन तस्वीरें ट्वीट की थीं. इन तस्वीरों में से एक का क्लोजअप शॉट वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किया गया है.
ये हमारे अपने लोग हैं। इनके साथ बैठकर बात करनी होगी। इनकी पीड़ा को साझा करना होगा।
ये राष्ट्रनिर्माता हैं। संकट के समय हम इनको अकेला नहीं छोड़ सकते।
शुक्रिया मेरे नेता राहुल गांधी जी pic.twitter.com/GYNUpoHbTS
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020
कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी प्रवासियों के साथ राहुल गांधी की बातचीत की मिलती जुलती तस्वीरें ट्वीट कीं. वायरल पोस्ट में इस्तेमाल दूसरी तस्वीर भी इन ट्वीट्स में देखी जा सकती है.
समाचार एजेंसी “एएनआई ” ने भी उसी समय इस मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट की थीं. एएनआई ने तस्वीरों के साथ लिखा, राहुल गांधी ने सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास उन प्रवासी मजदूरों से बातचीत की, जो पैदल चलकर अपने गृह राज्यों की ओर लौट रहे थे. बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रवासियों को उनके घर ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की. मोनू नाम के एक मजदूर ने कहा कि “वह हरियाणा से आ रहा है और उसे झांसी जाना है”.
एएनआई के ट्वीट में भी उस महिला को देखा जा सकता है जो वायरल पोस्ट में कार मे एक व्यक्ति के बगल में मौजूद है. इस तस्वीर में भी वही आदमी है जो जैतूनी हरे रंग की शर्ट और काला मास्क पहने बैठा है.
“एएनआई” और अन्य मीडिया संस्थानों ने खबर दी थी कि राहुल गांधी ने घर लौटने को मजबूर उन प्रवासी मजदूरों की मदद की, जो उन्हें सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास पैदल चलते हुए मिले थे.
कुछ मजदूरों के बयान के हवाले से खबरों ने पुष्टि की कि गांधी और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रवासियों को उनके गृह घरों तक पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की. हमें “इंडिया टीवी” और “R9 TV” समेत कई संस्थानों की न्यूज क्लिप भी मिलीं. इन न्यूज क्लिप में भी वह महिला मौजूद है जो वायरल पोस्ट में है.
इन वीडियोज में वह महिला एक दूसरे आदमी के साथ कार में बैठी दिख रही है. इन खबरों के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रवासी मजदूरों के इस समूह के लिए अलग वाहन की व्यवस्था की.
AFWA ने दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अनिल चौधरी से बात की जो 16 मई को घटनास्थल पर मौजूद थे. उन्होंने हमें बताया कि ये मजदूर सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास से पैदल ही गुजर रहे थे, तभी उधर से राहुल गांधी का काफिला गुजरा. उन्होंने मजदूरों से बातचीत की और उन्हें जरूरी मदद का आश्वासन दिया.
चौधरी ने कहा, “जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि पुलिस इन प्रवासियों को वहां से ले जा रही है. हमने उन्हें टोका कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? पुलिस ने कहा कि हम उनकी यात्रा की व्यवस्था करते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं है.” इसके बाद राहुल गांधी ने प्रवासियों से बातचीत की और उनकी यात्रा की व्यवस्था की.
AFWA ने उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद दक्षिण पूर्वी दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा से भी बात की. मीणा ने बताया, “प्रवासियों का यह समुह सुखदेव विहार के पास से गुजर रहा था, तभी राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक काफिला वहां पहुंचा. राहुल गांधी ने प्रवासियों के समूह से बातचीत की और बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी यात्रा के लिए वाहनों की व्यवस्था की.”
कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न करने के लिए पुलिस इन प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लेने वाली थी. लेकिन जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के अनुसार उनके लिए कई वाहनों की व्यवस्था कर दी तो पुलिस ने उन्हें जाने दिया.
इस तरह पुलिस, मीडिया रिपोर्ट और विभिन्न स्रोतों से मिली सूचनाओं के आधार पर हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि 16 मई को राहुल गांधी ने सुखदेव विहार में प्रवासी मजदूरों से औचक बातचीत की थी और बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके लिए वाहनों की व्यवस्था की.