कोरोना संकट के बीच फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स यानि कि डॉक्टर्स और नर्सों ने केंद्र सरकार के एक फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए जारी की गई नई गाइडलाइंस के तहत स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए अब क्वारंटीन रहने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इस नई गाइडलाइन के खिलाफ डॉक्टरों और नर्सों में गुस्सा है और आज दिल्ली में डॉक्टर्स फेडरेशन और नर्सेस एसोसिएशन के सदस्यों ने गाइडलाइन के खिलाफ अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।

हालांकि यह विरोध अभी प्रतीकात्मक स्तर पर ही है और डॉक्टर्स और नर्सेस ने रुटीन दिनों की तरह अपना काम किया। केन्द्र सरकार ने बीती 15 मई को यह गाइडलाइंस जारी की थी। इसी के तहत दिल्ली सरकार ने राजधानी के अस्पतालों में यह नियम लागू कर दिया है।

दरअसल अभी तक ऐसा हो रहा था, जिसमें कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज करने वाले या उसके संपर्क में आने वाले मेडिकल स्टाफ को 14 दिन क्वारंटीन रहना पड़ा था। अब केन्द्र सरकार ने यह अनिवार्यता खत्म कर दी है। जिसका डॉक्टर्स और नर्सों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए क्वारंटीन की अनिवार्यता खत्म करने से उनके और उनके परिवार के लिए खतरा पैदा हो सकता है। बता दें कि बीते दिनों कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए कई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में आए हैं। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों को तो इसके चलते अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। यही वजह है कि सरकार के इस निर्देश के खिलाफ डॉक्टरों और नर्सों में नाराजगी है।