देश भर के तमाम रेजिडेंट डॉक्टरों ने काला फीता बांधकर विरोध जताना शुरू कर दिया है. डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारनटीन सुविधाओं नहीं देने के फैसले के खिलाफ हैं. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, वो इलाज के दौरान भी काली पट्टी बांधकर अपना सांकेतिक विरोध करने का फैसला किया है.
इसके तहत एलएनजेपी, आरएमएल, जीटीबी, संजय गांधी, दीपचंद बंधु, बाबा साहेब अंबेडकर समेत तमाम अस्पताल में उनका सांकेतिक विरोध शुरू हो गया है. कुछ डॉक्टरों ने पीपीई किट की क्वॉलिटी पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इलाज के दौरान उनको क्वारनटीन में रहना जरूरी है.
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गुरूवार को मेडिकल स्टाफ ने दिल्ली के ललित होटल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. हालांकि देर रात एलएनजेपी अस्पताल प्रशासन ने उस नोटिस को वापस ले लिया था, जिसमें क्वारनटीन किए गए अस्पताल के कर्मचारियों को होटल खाली करने का आदेश दिया गया था. दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस नोटिस को एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया था.
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गौरतलब है कि दिल्ली के कई अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमित हैं. मेडिकल स्टाफ में संक्रमण की बढ़ती घटना को देखते हुए दिल्ली सरकार ने उन्हें होटल या धर्मशाला में क्वारनटीन करने का फैसला किया था. मेडिकल स्टाफ 14 दिनों तक काम करेंगे और 14 दिनों तक क्वारनटीन रहेंगे.