देवरिया
तीन दशक पहले नाराज होकर महंगी प्रसाद घर से निकल गए थे। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लॉकडाउन (Lockdown India) के बीच जब वह वापस घर लौटे तो सबकुछ बदल चुका था। न तो मां-बाप जिंदा थे और पत्नी भी दुनिया को अलविदा कहकर चली गई थी। घर पर सिर्फ उनकी बेटी थी, जिसे वह छोटी सी उम्र में छोड़कर चले गए थे। जब वह घर पहुंचे तो बेटी को गले लगाकर खूब रोए।उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र के कैथवलिया गांव के सबवट टोला निवासी महंगी प्रसाद 1990 में किसी बात पर नाराज होकर मुंबई चले गए थे। उस वक्त उनकी उम्र 40 वर्ष थी और शादी भी हो चुकी थी। घर पर मां-बाप, पत्नी और 3 छोटी बेटियों को छोड़ मुंबई पहुंचे महंगी प्रसाद ने रोटी के इंतजाम के लिए छोटे-बड़े कई काम किए। इस दौरान उन्होंने कभी घर-परिवार की सुध नहीं ली। घर के लोगों ने उनकी बहुत तलाश की और अंत में उन्हें मरा हुआ मानकर छोड़ दिया।
मंदिर के मिले अवशेष, जिलानी बोले- चुनावी स्टंट
...फिर वापस लौट आए महंगी प्रसाद
इधर घर पर महंगी के पिता ने पूरी जिम्मेदारी संभाली और महंगी की सभी बेटियों की शादी की। कुछ दिनों बाद मंहगी के माता-पिता और पत्नी का निधन हो गया। कोरोना की वजह से लॉकडाउन में जब काम धंधा ठप हो गया तो महंगी के सामने भूखे रहने की नौबत आ गई। इन स्थितियों से परेशान होकर महंगी मुंबई से एक सब्जी वाली गाड़ी को 35 सौ रुपए भाड़ा देकर गोरखपुर पहुंचे और वहां से पैदल घर को निकल पड़े।
UP को भी डराने लगा कोराना, बढ़े रेकॉर्ड मामले
गांव का रास्ता भी भटक गए थे महंगी
गांव से थोड़ी दूर बसंतपुर धुसी चौराहे पर पहुंचने के बाद वह रास्ता भूल गए। दरअसल, 30 साल में बहुत कुछ बदल गया था। संयोग ही था कि उनके गांव के एक व्यक्ति की नजर महंगी प्रसाद पर पड़ गई और उन्हें पहचान वह अपने साथ गांव ले गया। महंगी प्रसाद के मुताबिक, मुंबई में उन्होंने पैसा तो बहुत कमाया लेकिन कुछ बचा नहीं पाए। उन्हें सबसे अधिक मलाल इस बात का है कि न तो मां बाप का कर्ज अदा किया और न पति का फर्ज ही निभा पाए।
तीन दशक पहले नाराज होकर महंगी प्रसाद घर से निकल गए थे। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लॉकडाउन (Lockdown India) के बीच जब वह वापस घर लौटे तो सबकुछ बदल चुका था। न तो मां-बाप जिंदा थे और पत्नी भी दुनिया को अलविदा कहकर चली गई थी। घर पर सिर्फ उनकी बेटी थी, जिसे वह छोटी सी उम्र में छोड़कर चले गए थे। जब वह घर पहुंचे तो बेटी को गले लगाकर खूब रोए।उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र के कैथवलिया गांव के सबवट टोला निवासी महंगी प्रसाद 1990 में किसी बात पर नाराज होकर मुंबई चले गए थे। उस वक्त उनकी उम्र 40 वर्ष थी और शादी भी हो चुकी थी। घर पर मां-बाप, पत्नी और 3 छोटी बेटियों को छोड़ मुंबई पहुंचे महंगी प्रसाद ने रोटी के इंतजाम के लिए छोटे-बड़े कई काम किए। इस दौरान उन्होंने कभी घर-परिवार की सुध नहीं ली। घर के लोगों ने उनकी बहुत तलाश की और अंत में उन्हें मरा हुआ मानकर छोड़ दिया।
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