EPFO Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पैसा निकलाने से लेकर ट्रांसफर करने तक के लिए अलग-अलग नियम बनाए हैं। पीएफ खाते में किसी भी नौकरीपेशा की जिंदगी भर की कमाई संचित होती है। कई पीएफ खाताधारक अपने खाते में पड़ी मेहनत की मोटी और गाढ़ी कमाई के क्लेम के लिए मुश्किल का सामना करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह सही समय पर सही कदम नहीं उठाते।

इपीएफओ के नियम के मुताबिक वे नौकरीपेशा लोग जो कंपनी के बंद हो जाने के बाद नई कंपनी ज्वॉइन करने के बाद खाते में अगर 36 महीने तक कोई ट्रांजेक्शन न होने पर पीएफ खाता बंद कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बंद हो चुकी कंपनी ने इस टाइम पीरियड के दौरान आपके पीएफ खाते में कोई अंशदान नहीं दिया होता।

इसके अलावा अगर खाताधारक नई कंपना ज्वॉइन करते हैं तो उन्हें अपना पैसा नईं कंपनी के खाते में ट्रांसफर करना होता है। ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक आपके निष्क्रय खातों में मौजूद पैसों पर ब्याज लगातार मिलता रहता है। हालांकि निष्क्रत पड़ चुके खातों से पैसा निकालने के लिए खाताधारक को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

इस तरह के खातों में जमा पूंजी की निकासी के लिए कर्मचारी के एंप्लॉयर को सर्टिफाइड करना होता है। इसके लिए अगर आपकी पुरानी कंपनी बंद नहीं हुई है तो आपके क्लेम वहां से सर्टिफाई किया जाएगा। इसके बाद असिस्टेंट प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर से इजाजत मिलने के बाद आप जमा रकम को ट्रांसफर करवा सकते हैं।

वहीं जो कंपनियां बंद हो चुकी हैं उनके क्लेम को बैंक केवाईसी दस्तावेजों के जरिए सर्टिफाई किया जाएगा। बंद हो चुकी कंपनी से जुड़े रहे नौकरीपेशा बैंक में जाकर PAN, राशन कार्ड,  पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस देकर केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।