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स्वास्थ्य मंत्रालय ने Covid-19 के कम्युनिटी ट्रांसमिशन से किया इनकार, कहा- सावधान रहने की जरूरत

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने साफ-साफ कहा कि कोरोना वायरस देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में नहीं पहुंचा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 04:21 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 08:18 PM (IST)
स्वास्थ्य मंत्रालय ने Covid-19 के कम्युनिटी ट्रांसमिशन से किया इनकार, कहा- सावधान रहने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने Covid-19 के कम्युनिटी ट्रांसमिशन से किया इनकार, कहा- सावधान रहने की जरूरत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समेत कई राज्यों की ओर से कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज तीन में पहुंचने के दावे के बावजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इससे इनकार कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने साफ-साफ कहा कि कोरोना वायरस देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि यदि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हुआ तो सरकार खुद आगे आकर लोगों के इसके प्रति आगाह करेगी।

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टेस्‍ट में सिर्फ .2 फीसद लोग पॉजीटिव आए

ध्यान देने की बात है कि आइसीएमआर के एक अध्ययन में भी कोरोना से कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में पहुंचने के संकेत मिले हैं।

देश में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में नहीं पहुंचने का सबूत देते हुए लव अग्रवाल ने कहा कि गुरूवार को देश भर में 16,002 कोरोना के टेस्ट हुए हैं। इनमें केवल 320 ही पॉजीटिव पाए हैं। जो टेस्ट किए गए केस का 0.2 फीसदी है। इससे साफ है कि कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है। यदि ऐसा होता तो बड़ी संख्या में कोरोना पॉजीटिव लोग पाए जाते। उन्होंने आइसीएमआर के अध्ययन के आधार पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन का निष्कर्ष निकाले जाने के गलत बताया।

पॉजीटिव केस उन्‍हीं इलाके से आए, जहां पहले से केस आए थे

उनके अनुसार आइसीएमआर ने सांस से संबंधित बीमारियों के गंभीर से रूप से पीड़ित मरीजों की रैंडम सैंपलिंग कर कोरोना वायरस का टेस्ट किया, उसमें भी 1.8 फीसदी केस ही पॉजीटिव आए हैं। लेकिन इसमें यह भी ध्यान देने की बात है कि ये कोरोना पॉजीटिव केस भी उन्हीं इलाकों से आए हैं, जहां पहले से कोरोना के मरीज पाए जा चुके हैं। जिन इलाकों में कोरोना का केस नहीं था, वहां एक भी केस आइसीएमआर के अध्ययन में नहीं मिला है। लव अग्रवाल ने बिना ट्रैवल या कांट्रैक्ट हिस्ट्री वाले कोरोना मरीजों के सामने आने को कम्युनिटी ट्रांसमिशन का सबूत मानने से इनकार कर दिया।

चेन रिएक्‍शन की तरह फैलता है कोरोना वायरस

उन्होंने कहा कि यह सही है कि आइसीएमआर की रिपोर्ट और राज्य सरकारें कई केस में मरीज का कोई ट्रैवल या कांट्रैक्ट हिस्ट्री नहीं है, लेकिन यह इस बात की ओर भी संकेत करता है कि हमें मरीज का कांट्रैक्ट या ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाने की और कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में जहां मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, वहां कांट्रैक्ट ट्रेसिंग सही तरीके से नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस चेन रिएक्शन की तरह फैलता है। एक आदमी से दो में दो से चार और चार से 16 में फैलता है। भारत में केस जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन यह अभी चेन रिएक्शन नहीं है।

24 घंटे में 896 नए मामले और 37 मौतें

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 896 नए मामले सामने आए हैं। 37 मौतें भी हुई हैं। भारत में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 6761 हो गई है जिसमें 6039 सक्रिय मामले हैं और 516 ठीक होकर अस्‍पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं। इसमें 206 लोगों की मौत हुई है।

लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के लिए 146 सरकारी प्रयोगशालाओं में और 67 निजी प्रयोगशालाओं में टेस्‍ट करने की मंजूरी दी गई। उन्‍होंने कहा कि हमारी घरेलू आवश्यकता एक करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन गोलियों की है, जबकि हमारे पास 3.28 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन टैबलेट अभी उपलब्ध हैं। कुछ अतिरिक्‍त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे मौके पर डॉक्‍टरों और चिकित्सा कर्मियों के साथ खड़े होने की आवश्यकता है। उनके प्रति दुर्व्यवहार की घटनाएं उनके मनोबल को नीचे लाएंगी।


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