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काशी-अयोध्या के मंदिरों में पूजा नहीं गरीबों के लिए बन रहा खाना

काशी-अयोध्या के मंदिरों में पूजा नहीं गरीबों के लिए बन रहा खाना
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आम दिनों में लोग मंदिरों में पूजा-पाठ और भजन कीर्तन में लीन रहते हैं. इस बार देश के सभी धार्मिक स्थलों का नजारा पूरी तरह से बदला हुआ है. लॉकडाउन के दौरान धर्म की नगरी काशी के मठ-मंदिर गरीब लोगों का पेट भरने में लगे हुए हैं. तड़के सुबह से ही मठों और मंदिरों के वेदपाठी छात्र, साधु-संत और संन्यासी गरीबों के लिए खाना बनाने में जुट जाते हैं. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से सभी मंदिरों में पूजा-पाठ पूरी तरह से बंद है और आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.

(Photo Aajtak)
काशी-अयोध्या के मंदिरों में पूजा नहीं गरीबों के लिए बन रहा खाना
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धर्म की नगरी काशी के मठ, मंदिरों में जहां पहले सुबह-शाम भजन और श्लोक सुनाई पड़ते थे. अब वहां अब पूरे दिन खाना बनाने की तैयारी और पैकिंग का काम चलता है. लॉकडाउन की वजह से रोजाना मेहनत मजदूरी करने वालों के लिए खाने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में काशी के मठ-मंदिर बेसाहारा लोगों का बड़ा सहारा बने हुए हैं. वाराणसी के पातालपुरी मठ में दिनभर दर्जनों साधु-संत और वेदपाठी छात्र मिलकर खाने के तीन हजार पैकट तैयार करते हैं और जरूरतमंदों में बांटते हैं.
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काशी-अयोध्या के मंदिरों में पूजा नहीं गरीबों के लिए बन रहा खाना
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कोरोना वायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अयोध्या में भी काफी कुछ बदल गया है. रामनवमी मेले और राम जन्मोत्सव पर अयोध्या के ज्यादातर मंदिरों के कपाट बंद हैं. साथ ही जिन मंदिरों के कपाट खुले हैं वहां भी भक्तों के बजाय पुजारी ही पूजा पाठ कर रहे हैं. लॉकडाउन के कारण अयोध्या के 7 हजार से अधिक मंदिर श्रद्धालु विहीन है. सरयू तट से लेकर पूरा नगर सन्नाटे की आगोश में है. नगर के प्रसिद्ध मंदिर कनक भवन की सैकड़ों वर्षों की परंपरा इस बार कोरोना के आतंक के कारण टूट गई.
(Photo Aajtak)
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काशी-अयोध्या के मंदिरों में पूजा नहीं गरीबों के लिए बन रहा खाना
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अयोध्या के अखाड़ों में सामूहिक भोजन और रहने की परंपरा रही है. वहां भी सब कुछ बदल गया है. अयोध्या में मुख्य रूप से निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अखाड़ा और निर्वाणी अखाड़ा अब खाली दिखाई देते हैं. यहां पर रहने वाले साधु संत बंद कमरों में एक दूसरे से दूरी बनाकर रहते हैं. ये सभी साधु संत बाहरी लोगों से भी नहीं मिल रहे हैं.

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कोरोना वायरस ने ना सिर्फ लोगों में डर और बचाव की भावना पैदा की है, बल्कि सदियों से चली आ रही कई व्यवस्थाओं को भी बदल कर रख दिया है. यहां के सभी संत गंभीरता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉक्टरों के द्वारा बताई गई सभी बातों को अपने जीवन में अमल में ला रहे हैं. इसमें लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग अहम है.

(Photo Aajtak)
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