इंडियन प्रीमियर लीग का 13वां सीजन 29 मार्च से शुरू होना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसे 15 अप्रैल तक टाल दिया गया है। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए इसके 15 अप्रैल के बाद भी शुरू होने की संभावना बहुत कम है। यदि यह टूर्नामेंट में तय समय पर शुरू हो गया होता तो आज यानी 9 अप्रैल 2020 को कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच होता। केकेआर अब तक दो बार आईपीएल चैंपियन रह चुकी है। उसने 2012 और 2014 में खिताब जीते थे। उसने 2012 के फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स को 5 विकेट से हराकर खिताब जीता था। उस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे मनविंदर बिस्ला। उस फाइनल ने बिस्ला को हीरो बना दिया।

हालांकि, शायद ही यह किसी को पता हो कि उस मैच में ब्रेंडन मैकुलम की सलाह बिस्ला के कितनी काम आई थी। मैच के बाद बॉलीवुड स्टार और केकेआर के मालिक शाहरुख खान द्वारा फोन पर उनके पिता से की गई बातचीत ने उनकी जिंदगी बदल दी। बिस्ला को लगता है कि फाइनल में जो चीजें उनके साथ हुईं, उसने उनके माइंडसेट को बदल दिया।

क्रिकबज से हुई बातचीत के दौरान उस मैच के रोमांच और उसके बाद ड्रेसिंग रूम में हुई घटनाओं को साझा किया। बिस्ला ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान मैं कई बार टीम से अंदर बाहर हुआ था, इसलिए उन्हें फाइनल में प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का भरोसा भी नहीं था। हालांकि, चीजें उनके पक्ष में रहीं और वे 48 गेंदों पर 89 रन बनाने में सफल रहे। उस पारी में उन्होंने 8 चौके और 5 छक्के लगाए थे।

बिस्ला ने बताया, ‘मैं अब भी हाइलाइट्स देखता हूं। लोग हमेशा उस फाइनल और उस पारी के बारे में बात करते हैं। लेकिन वह चीज जो मुझे हमेशा याद रहेगी वह है ब्रेंडन मैकुलम की सलाह। टूर्नामेंट में जब पहली बार मुझे ड्राप किया गया तो मैंने उनसे कहा था कि मैं निराश हूं, क्योंकि ज्यादा रन नहीं बना पाया।’ बिस्ला ने बताया कि तब ब्रेंडन ने उनसे कहा था, ‘जो कुछ हुआ, वह हुआ। आप उसे बदल नहीं सकते। हमें विश्वास है कि तुम हमारे लिए बढ़िया कर सकते हो। आपको बस उस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।’

बिस्ला ने कहा, एक बार चीजें जब ठीक हो गईं तो मैं उस सलाह के बारे में सोचा कि आपको अपनी क्षमता पर विश्वास होना कितना महत्वपूर्ण था। यहां तक कि जब मुझे ड्राप किया गया तब भी मुझे अगला अवसर मिलने तक नकारात्मक चीजों के बारे में नहीं सोचना चाहिए। बिस्ला ने बताया, ‘प्रेजेंटेशन सेरेमनी के बाद मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा था और पिता से फोन पर बात कर रहा था। तभी शाहरुख खान आए। उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं किसे फोन कर रहा हूं। फिर उन्होंने फोन लिया और मेरे पिता से लगभग 15 मिनट तक बात की। मेरे पिताजी हमेशा मुझसे पूछते थे कि मेरी टीम ने कैसे किया। उस दिन, शाहरुख से बात करने के बाद, वे काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें मुझ पर बहुत गर्व है।’