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Lockdown India: सुबह-शाम करती है सावधान, देती है देश-दुनिया की जानकारी

Lockdown India कोरोना से जंग को गांव की कमान संभाल रही आठवीं की छात्रा दोनों वक्त करती है अनाउंसमेंट बिटिया के कहने पर प्रधान ने गांव में लगवाया पब्लिक एड्रेस सिस्टम

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 09:57 AM (IST)
Lockdown India: सुबह-शाम करती है सावधान, देती है देश-दुनिया की जानकारी
Lockdown India: सुबह-शाम करती है सावधान, देती है देश-दुनिया की जानकारी

जिज्ञासू वशिष्ठ, कासगंज।Lockdown India: मैं हर्षिता बोल रही हूं, आप सभी से अपील करती हूं कि घर से अकारण बाहर न निकलें। कोरोना वायरस का संक्रमण आपको अपना शिकार बना सकता है। मोदी जी ने सभी को घरों से बाहर न निकलने यानी लॉकडाउन का पालन करने को कहा है ताकि लोग इस बीमारी से बचे रहें...।

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कासगंज, उत्तर प्रदेश के सोरों क्षेत्र से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कैंडी में हर सुबह और शाम को लाउडस्पीकर पर यह आवाज गूंजती है। ग्रामीणजन अपनेअपने घरों में ही एकाग्रचित होकर इसे सुनते हैं और अलर्ट हो जाते हैं। गांव में यह सिलसिला लॉकडाउन के साथ ही शुरू हुआ है। ठेठ देहात में बसे लोगों को यह भी जानकारी दी जाती है कि कोरोना देश और दुनिया में किस कदर महामारी मचाए हुए है। सरकार क्या इंतजाम कर रही है। लोगों को किस-किस बात का ध्यान रखना है। सरकार का क्या निर्देश है। हर दिन सुबह-शाम नियम से यह जानकारी सुन लोगों को राहत तो मिलती ही है, साथ ही एकजुटता की भावना भी उत्पन्न होती है। प्रधान के जरिये गांव में सभी का हाल भी पता चल जाता है।

आठवीं की छात्रा हर्षिता की मां सरोज देवी गांव की प्रधान हैं। पिता शैलेंद्र सिंह विद्युत विभाग में कार्यरत हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार ने जब सतर्कता की अपील की तो हर्षिता ने ही ग्रामीणों को जागरूक करने की यह पहल की। बेटी के कहने पर माता-पिता ने पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगवाया। घर पर कंट्रोल रूम बनाया। गांव में ऊंची छतों पर चार लाउडस्पीकर रखवाए हैं, जिनकी जद में पूरा गांव आ जाता है। हर्षिता हर सुबह-शाम इसी सिस्टम से ग्रामीणों को बीमारी से बचने को आगाह करती है। बचाव के उपायों के अलावा देश-दुनिया में कोरोना के कहर के बारे में भी बताती है। कोई नई जानकारी होने पर दिन में भी अक्सर एनाउंस करती है।

हर्षिता कहती है कि अखबार और टीवी से जो जानकारी मिलती है, उसके बारे में भी ग्रामीणों को बताती हूं। इसके लिए पहले खुद समझती हूं और फिर आसान तरीके से गांव वालों को समझा देती हूं। खुशी है कि गांव के लोग मेरी बात को गौर से सुनते हैं और अमल भी कर रहे हैं। हर्षिता के कहने पर प्रधान ने गांव की दीवारों-सड़कों पर भी जागरूकता संबंधी संदेश लिखवाए हैं। हर्षिता की मम्मी ग्रामप्रधान सरोज बताती हैं कि प्रशासन के निर्देश पर हमने गांव के बाहर स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। दूसरे शहरों से आने वाले लोगों को पहले यहीं रोका जाता है। शुक्रवार तक यहां पर पांच लोग थे, जो 14 दिनों तक रुके थे और परीक्षण में सब ठीक मिलने पर अपने-अपने घर चले गए। गांव की आबादी 2200 के करीब है।

लॉकडाउन की घोषणा हुई तो बेटी हर्षिता ने कहा कि सुबह-शाम अगर हम अनाउंस करें तो ज्यादा ठीक रहेगा। लोगों को जरूरी जानकारी आसानी से समझाई जा सकेगी ताकि वे सरकार के निर्देशों को जल्द से जल्द समझ और अपना सकें। उन्हीं की भाषा में समझाएंगे तो हमारी बात को समझेंगे भी। रोज घोषणा होगी तो लोग जागरूक होंगे। इस सलाह पर ही हमने पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगवाया।

-ग्रामप्रधान सरोज, हर्षिता की मम्मी


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