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घर का इकलौता कमाने वाला हूं कोरोना को तो हराना ही था, साथ के लोगों ने बढ़ाई हिम्मत

Corona Fighters पटना के वार्ड ब्वॉय सूरज कुमार कहते हैं कि कोरोना मुझे इतना जल्दी इतना बदल देगा कभी सोचा ही नहीं था। सुनिए उनकी जुबानी उनके इस दौरान के अनुभवों की कहानी...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 10:44 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 10:44 AM (IST)
घर का इकलौता कमाने वाला हूं कोरोना को तो हराना ही था, साथ के लोगों ने बढ़ाई हिम्मत
घर का इकलौता कमाने वाला हूं कोरोना को तो हराना ही था, साथ के लोगों ने बढ़ाई हिम्मत

पटना, अहमद रजा हाशमी। Corona Fighters: शरणम अस्पताल के वार्ड ब्वॉय हैं सूरज कुमार। अस्पताल में कई मौत देख चुके हैं, लेकिन सामने अपनी मौत देखी तो इस दुनिया में रहने और चले जाने का फर्क क्या है, महसूस किया। वह कोरोना से लड़ाई में जीत गए हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अभी पटना के एक होटल में क्वारंटाइन हैं। 14 दिन बाद घर लौटेंगे। कहते हैं कि कोरोना मुझे इतना जल्दी इतना बदल देगा, कभी सोचा ही नहीं था। सुनिए उनकी जुबानी उनके इस दौरान के अनुभवों की कहानी...

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साथ के लोगों ने बढ़ाई हिम्मत : मुंगेर निवासी कोरोना पॉजिटिव जिस युवक की मौत पटना एम्स में हुई थी वह पहले खेमनीचक स्थित शरणम हॉस्पिटल आया था। अस्पताल के कई कर्मियों समेत मैंने भी उस युवक को आइसीयू में शिफ्ट किया था। इसके बाद 21 मार्च का सभी का सैंपल लिया गया। 24 मार्च को जब पता चला कि रिपोर्ट पॉजिटिव है, तो डर गया। एनएमसीएच में भर्ती किया गया। पहले लगा कि सब कुछ खत्म हो गया फिर डॉक्टरों, अस्पतालकर्मियों और दूसरे मरीजों ने मेरी हिम्मत बढ़ाई।

मेरे बाद क्या होगा, सोचकर रात में सुबकता था : मैं और मेरा परिवार खेमनीचक स्थित किराये के एक कमरे में रहता है। पिता बाबू लाल सिंह लकवा से ग्रसित हैं। बहन विवाहित हैं। भाई बीए में पढ़ रहा है। मां घरेलू महिला है। पूरे परिवार का मुझ पर ही निर्भर है। भर्ती रहने के दौरान हमेशा यही चिंता रहती थी कि मुझे कुछ हो गया तो पापा का इलाज, घर का खर्च, मकान का किराया, भाई की पढ़ाई का क्या होगा? कई रात रोया। फिर सोचा कि मुझे इन सभी के लिए जीना होगा। इसी जरूरत ने मुझ में कोरोना को हराने की हिम्मत दे डाली। मेरी दो जांच रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद छह अप्रैल को एनएमसीएच से डिस्चार्ज किया गया। सीधे घर आया। इसी बीच एक एंबुलेंस आई और मुझे पाटलिपुत्रा होटल ले आई। मैं यहां आइसोलेट हूं।

भरोसा करें, सकारात्मक रहें : सूरज कहते हैं कि कोरोना पॉजिटिव और सशंकित होने वालों से कहूंगा कि बिल्कुल भी न डरें। परिस्थिति का हिम्मत से मुकाबला करें। ईश्वर के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था पर भरोसा करें। सब ठीक होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि यदि आपको खुद पर विश्वास है और अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है तो हर परिस्थिति में जीत मुमकिन है।


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