Coronavirus टेस्ट निजी लेबोरेट्री में भी फ्री किया जाए, सुप्रीम कोर्ट का सरकार को आदेश

Coronavirus: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि कोरोना की टेस्टिंग फ्री हो. निजी लेबोरेट्री में भी कोरोना की टेस्टिंग का कोई शुल्क न लिया जाए. केंद्र सरकार इसको लेकर जरूरी दिशानिर्देश जल्द से जल्द जारी करे.

Coronavirus टेस्ट निजी लेबोरेट्री में भी फ्री किया जाए, सुप्रीम कोर्ट का सरकार को आदेश

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की टेस्टिंग फ्री हो. निजी लेबोरेट्री में भी कोरोना की टेस्टिंग का कोई शुल्क न लिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह इसको लेकर जरूरी दिशानिर्देश जल्द से जल्द जारी करे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निजी लैब में भी फ्री होगा कोविड-19 (COVID-19) का टेस्ट. यह टेस्ट WHO या ICMR से मंजूरी वाली लैब में या फिर NABL से मान्यता प्राप्त लैब में ही होगा. इस मामले में दो हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी.

कोरोना वायरस का टेस्ट फ्री करने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. सुप्रीम कोर्ट ने निजी लैबों द्वारा इस टेस्ट के लिए बड़ी रकम लेने पर नाखुशी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब को कोरोना जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि निजी लैबों को इतनी ऊंची कीमत न लेने दी जाए. कोर्ट ने केंद्र सरकार से सरकार द्वारा यह राशि रिएंबर्स करने का मैकेनिज्म बनाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में निजी लैब को जांच के लिए 4500 रुपये तक लेने की इजाज़त देने वाली अधिसूचना को चुनौती दी गई थी.

केंद्र सरकार की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि सरकार से निर्देश लाएंगे. पिछली सुनवाई में कोर्ट  ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका में सभी अस्पतालों में मुफ्त टेस्ट और इलाज की मांग की गई है. निजी लैबें जांच के लिए 4500 रुपये ले रही हैं.

याचिका में मांग की गई है कि टेस्ट को फ्री किया जाए, इसका कोई शुल्क न लिया जाए. सरकार के 4500 रुपये तक टेस्ट का शुल्क लेने के फ़ैसले को रद्द किया जाए. देश के हर जिले में कम से कम 100 या 50  वेंटिलेटर होने चाहिए. कोरोना वायरस संक्रमण के कितने नंबर बढ़े हैं, इनकी  संख्या बताई जानी चाहिए.

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केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि 118 प्रयोगशालाएं प्रतिदिन 15000 परीक्षण कर रही थीं. हमने 47 निजी प्रयोगशाला श्रृंखलाओं को शामिल किया है. यह एक विकासशील स्थिति है. हमें नहीं पता कि कितने की जरूरत होगी, कब तक तालाबंदी जारी रहेगी.