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कोरोना संकट में आरोग्यसेतु ऐप को 'पॉजिटिव' रेटिंग, 4 दिन में एक करोड़ डाउनलोड

Covid19 केसों की पहचान के लिए लाए गए ऐप को लेकर ज्यादातर रिव्यू पॉजिटिव आए हैं, लेकिन कुछ यूजर्स ने इसको इस्तेमाल करते वक्त दिक्कत आने की बात कही है.

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आरोग्यसेतु एप की डिमांड (प्रतीकात्म फोटो)
आरोग्यसेतु एप की डिमांड (प्रतीकात्म फोटो)

  • लॉन्च के चार दिन में ही एक करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा पार
  • ‘आरोग्यसेतु’ को एप्पल यूजर्स से 4.5 की पॉजिटिव रेटिंग मिली है

भारत सरकार की ओर से Covid-19 केसों की पहचान करने के लिए लाया गया 'आरोग्यसेतु' भारतीय मोबाइल ऐप मार्केट में ‘नंबर 1’ फ्री ऐप बन गया है. लॉन्च के चार दिन में ही इस ऐप ने एक करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा पार कर लिया है.

‘आरोग्यसेतु’ को एप्पल यूजर्स से 4.5 की पॉजिटिव रेटिंग मिली है. वहीं गूगल एंड्रायड यूजर्स की ओर से 4.8 की रिव्यू रेटिंग भी इस ऐप को मिले जबर्दस्त रिस्पॉन्स को दर्शाती है. इन समीक्षाओं को ऐप के 34 हजार से ज्यादा एक्टिव यूजर्स ने सब्मिट किया है.

कोरोना पॉजिटिव केसों की पहचान के लिए ऐप

“NIC eGov Mobile Apps” की ओर से तैयार किए गए ‘आरोग्यसेतु’ ऐप के पहले संस्करण को बीते हफ्ते लॉन्च किया गया. इसका एक मामूली वर्जन अपडेट भी हो चुका है. इसमें ब्लूटूथ हैंडशेक और लोकेशन ट्रैकिंग का इस्तेमाल किया गया है. स्वास्थ्य विभाग इस ऐप का इस्तेमाल संदिग्ध Covid-19 केसों की पहचान के लिए करेगा. सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया, 'ऐप से Covid-19 संक्रमण के फैलाव के खतरे का आकलन कर सरकार को समयानुसार आवश्यक कदम उठाने में मदद मिलेगी.”

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ऐप को लेकर ज्यादातर रिव्यू पॉजिटिव आए हैं, लेकिन कुछ यूजर्स ने इसको इस्तेमाल करते वक्त दिक्कत पेश आने का हवाला भी दिया है. एन्ड्रॉयड यूजर वंशज रघुवंशी का कहना है, 'मैंने जब इसे खोलने की कोशिश की तो एक पॉप अप आया कि मेरा डिवाइस रूटेड है.'

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कुछ यूजर्स का कहना है कि ऐप में चिन्हित किए क्रिटिकल प्रोफेशंस की लिस्ट में बैंकिंग जैसी सेवाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए. कुछ यूजर्स ने प्रीवेसी को लेकर चिंता जताई है कि डेटा का दुरुपयोग किए जाने की संभावना है. भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन इस संबध में कहते हैं, “ऐप से होने वाला सारा संवाद, चाहे वो दूसरे डिवाइस से हो या सर्वर से, सुरक्षित और अनाम रखा जाएगा. इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता. ऐप को सुरक्षा पहलुओं को लेकर एकेडेमिक और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने अच्छी तरह परखा है.”

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अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य सर्विलांस की तात्कालिक जरूरत के साथ सुरक्षा चिंताओं को भी देखने की जरूरत है. पत्रकार और डिजिटल प्रीवेसी एक्सपर्ट निखिल पाहवा कहते हैं, “प्रीवेसी चुनौती जो हम देख रहे हैं, वो कई लोगों के स्वास्थ्य हित को बैलेंस कर रही है. ये अभूतपूर्व समय है इसलिए अभूतपूर्व कदम उठाए जा रहे हैं, हालांकि ये अहम है कि ऐप ओपन-सोर्स्ड है, जिससे कि इसे प्रीवेसी के लिए टेस्ट किया जा सकता है और जैसे कि सुरक्षा विशेषज्ञों ने सुझाया है, इसमें सुधार किए जा सकते हैं. अहम है कि ये उपाय अस्थायी होने चाहिए और जरूरत के अनुपात के मुताबिक किए जाएं.”

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'आरोग्यसेतु' मोटे तौर पर सिंगापुर के कामयाब कम्युनिटी ट्रेसिंग ऐप 'Trace Together' जैसे काम करता है. एशिया और यूरोप में भी सरकारें नोवल कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए ऐसी ही टेक्नोलॉजी विकसित कर रही हैं.

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