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कोरोना के नाम पर अल्पसंख्यकों का नाम खराब करना दुर्भाग्यपूर्ण: अमेरिका

#CoronaJihad को लेकर ब्राउनबैक ने कहा कि इस तरह के हैशटेग से ऐसा मालूम पड़ता है जैसे कि कोरोना वायरस मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ही फैलाया गया हो. इस तरह का दुष्प्रचार कई इलाकों में किया जा रहा है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.

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'कोरोना अल्पसंख्यकों ने नहीं फैलाया' (फोटो- पीटीआई)
'कोरोना अल्पसंख्यकों ने नहीं फैलाया' (फोटो- पीटीआई)

  • कोरोना के लिए मुस्लिमों को ठहराया जा रहा जिम्मेदार
  • सरकार लोगों को बताए कि कोरोना का श्रोत ये नहीं

तबलीगी जमात के धार्मिक सम्मेलन का मामला सामने आने के बाद से ट्विटर पर #CoronaJihad, #NizamuddinMarkaz और #TablighiJamat जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. अमेरिका ने इन हैशटेग को लेकर आपत्ति जाहिर की है और कहा है कि ऐसा लगता है कोरोना वायरस मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ही फैलाया गया है. इस तरह का वाक्या काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.

अमेरिका के विशेष राजदूत सैमुअल ब्राउनबैक ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'अमेरिकी प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले देखे हैं जिसमें इस बीमारी के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को आरोपित किया जा रहा है.'

#CoronaJihad को लेकर ब्राउनबैक ने कहा कि इस तरह के हैशटेग से ऐसा मालूम पड़ता है जैसे कि कोरोना वायरस मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ही फैलाया गया हो. इस तरह का दुष्प्रचार कई इलाकों में किया जा रहा है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'सरकार को इस मामले में स्पष्ट करना चाहिए कि जमात के लोग कोरोना के श्रोत नहीं हैं. हम जानते हैं कि यह एक महामारी है जिससे पूरा विश्व जूझ रहा है. इसका धार्मिक अल्पसंख्यकों से कोई लेना देना नहीं है. लेकन दुर्भाग्य से मैं इस तरह का आरोप लगता देख रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे को संबोधित करेगी और लोगों के सामने सख्ती से अपनी बात रखेगी.'

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उन्होंने कहा कि इस तरह की सोच कि मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना फैला रहे हैं काफी चिंता का विषय है जो देश को भारी क्षति पहुंचाएगा.

जाहिर है भारत में हाल के दिनों में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इतना ही नहीं अब वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल रहा है. पिछले दिनों तबलीगी जमात का एक कार्यक्रम भी हुआ था, इसमें मुस्लिम समुदाय के काफी लोग इकट्ठा हुए थे. जिसमें से काफी लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं.

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कहां से शुरू हुआ विवाद

दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच तबलीगी जमात के लोग हिस्सा लेने पहुंचे थे. इसमें देश-विदेश के लोग भी शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में 2000 के करीब लोगों के हिस्सा लेने की बात कही गई है. ऐसे में सवाल इसपर भी उठ रहे हैं कि जब कोरोना वायरस के चलते लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी थी तो भी मरकज में इतने सारे लोग कैसे जमा हुए?

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मरकज और तबलीगी जमात क्या है?

मरकज का मतलब सेंर होता है यानी कि केंद्र. वहीं तबलीग का मतलब- कुरान, हदीस की बात दूसरों तक पहुंचाना, यानी कि धार्मिक संदेशों का प्रचार प्रसार करना. ये समूह यानी कि जमात देश के अलग-अलग हिस्सों से इस सेंटर (मरकज) में जमा होकर धार्मिक संदेश ग्रहण करते हैं, जिसे बाद में अन्य लोगों तक पहुंचाते हैं.

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